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अपने दोनों ही प्रयासों में हुई सफल, ऐसा है गरिमा का आईपीएस से आईएएस बनने का सफर

हर वर्ष लाखों युवा यूपीएससी UPSC की परीक्षा देते हैं। यह भारत के तमाम कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा के जरिए उम्मीदवार विभिन्न मंत्रालय और विभाग में सचिव स्तरीय पद प्राप्त करते हैं। साथ ही जिला-स्तर पर जिलाधिकारी और विभिन्न प्राधिकरणों में आयुक्त पद पर नियुक्त होते हैं। यही सबसे बड़ा कारण है कि हर वर्ष लाखों युवा यूपीएससी (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा यानी सीएसई की परीक्षा देते हैं, जिनमें से कुछ ही इस परीक्षा में सफल हो पाते हैं। उनमें से एक हैं आईएएस IAS अधिकारी गरिमा अग्रवाल (Garima Agarwal)।

दूसरे प्रयास में बनी आईएएस

29 वर्षीय गरिमा अग्रवाल (Garima Agarwal) मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन की रहने वाली हैं। वह अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा पास कर ली परंतु आईपीएस IPS बने के लिए उनकी रैंक कम थी। उन्होंने फिर से तैयारी की और दूसरे ही प्रयास में (UPSC) आईएएस IAS बन कर अपने सपने को पूरा किया। इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में पैसा, शोहरत, रूतबा और दबदबा सबकुछ है, परंतु सिविल सेवा की परीक्षा को क्लीयर करना आसान नहीं है। अगर आपने क्लीयर कर भी लिया तो आईएएस बनने के लिए अच्छी रैंक आना जरूरी है।

Success story of Becoming an IAS officer Garima Agarwal

गरिमा शुरू से पढ़ने में अच्छी थी

कुछ ही दिन पहले गरिमा एक इंटरव्यू के दौरान यूपीएससी (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को इस परीक्षा के कई अहम टिप्स दिए हैं।

गरिमा अग्रवाल (Garima Agarwal) अभी तेलंगाना (Telangana) में प्रशिक्षण के लिए सहायक जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं। गरिमा आईआईटी हैदराबाद (IIT Hyderabad) से ग्रेजुएशन भी कर चुकी हैं। गरिमा खरगोन ने सरस्वती विद्या मंदिर से शुरुआती पढ़ाई की है। वह शुरू से पढ़ने में बहुत अच्छी थीं। उनकी बड़ी बहन प्रीति अग्रवाल (Preeti Aggarwal) ने भी 2013 में भारतीय डाक सेवा की परीक्षा पास की थी।

गरिमा 40वीं रैंक प्राप्त कर बनी आईएएस

गरिमा ने स्कूल लाइफ से लेकर यूपीएससी (UPSC) सिविल सेवा तक हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त की। गरिमा यूपीएससी (UPSC) सीएसई एग्जाम में पहली बार 240वीं रैंक के साथ सफल हुई थी, जिसे वह आईपीएस अधिकारी नहीं बन पाई थी परंतु उसके अगले ही प्रयास साल 2018 के सीएसई एग्जाम में उन्होंने 40वीं रैंक प्राप्त की और आईएएस IAS ऑफिसर बनने में सफल हुई। उसके बाद उन्होंने साल 2019-2020 में एलबीएस अकादमी, मसूरी में अपना प्रशिक्षण पूरा किया। गरिमा यूपीएससी की तैयारी कर रहे कैंडिडेट को कई सलाह देती हैं (UPSC) कि प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी अलग-अलग न करके संयुक्त तौर पर करनी चाहिए।

गरिमा देती हैं यूपीएससी परीक्षा की टिप्स

गरिमा आगे बताती हैं कि यूपीएससी (UPSC) प्री परीक्षा में आने वाले प्रश्न भी कई बार मुख्य परीक्षा में आ जाते हैं इसलिए रिवीजन करते रहना बहुत जरूरी है। केवल स्टडी मटैरियल ना जुटाए बल्कि उसे पढ़कर याद भी रखे तब ही सफलता मिल सकती है। मॉक टेस्ट के साथ-साथ आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस कर स्पीड बढ़ना भी बहुत जरूरी है। गरिमा कहती हैं कि सबसे पहले प्री (UPSC) की परीक्षा की तैयारी करें क्योंकि अगर यही बाधा पार नहीं हुई तो आगे की सारी तैयारी बेकार हो जाएगी। उसके बाद दोनों परीक्षाओं की साथ-साथ तैयारी करें क्योंकि बाद में मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए समय नहीं मिलता।

धैर्य और निरंतरता बनाए रखना है बहुत जरूरी

गरिमा अग्रवाल (Garima Agarwal) कहती हैं कि मॉक टेस्ट के जरिए रिवीजन करते रहें। जिन विषयों में नंबर कम आए उन पर ज्यादा ध्यान दें। आईएएस IAS गरिमा कहती हैं कि इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए सबसे जरूरी धैर्य और निरंतरता बनाए रखना है। अपने अंदर नया साहस पैदा करें और पूरे ध्यान से पढ़ाई करें। इस दौरान जिन लोगों से आपको प्रेरणा और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है उनके संपर्क में रहें। नकारात्मक विचारों से दूर रहे। अपने मन में सफलता तय कर तैयारी करें, इसे आपको सफलता जरूर मिलेगी।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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