Home Inspiration

दो साल के बच्चे के साथ फुल टाइम नौकरी की, फिर भी UPSC निकाल बन गई IAS अधिकारी: IAS बुशरा बानो

देश प्रेम एक ऐसी भक्ति है जो आदमी को खुद से ज्यादा अपने देश के बारे मे सोचने पर मजबूर करती हैं। आज हम बात करेंगे, एक ऐसे ही महिला बुशरा बानो (IAS Bushra Bano) की, जिन्होनें अपने देश के बारे मे सोचते हुए विदेश से असिस्टेंट प्रोफ़ेसर का नौकरी छोड़ कर स्वदेश लौटी और खुद से ही सोशल मीडिया के सहारे पढ़ाई करके UPSC की परीक्षा पास की।

कौन है बुशरा बानो?

आईएएस बुशरा बानो (IAS Bushra Bano) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कन्नौज (Kannauj) की रहने वाली महिला हैं। वे एक मध्यवर्गीय परिवार से आती है। वे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी की भी छात्रा भी रही हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से पीएचडी मैनेजमेंट करने के दौरान ही बुशरा बानो की शादी मेरठ के असमर हुसैन(Asamar Husain) से हुई। उनके पति असमर हुसैन ने एएमयू से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर सउदी अरब की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का काम करते थे। बुशरा बानो ने भी शादी के बाद 2014 में सउदी अरब गई। वहाँ वे भी असिस्टेंट प्रोफेसर बन गयी।

IAS Bushra Bano

IAS बुशरा बानो के सफलता की कहानी

असमद एएमयू (Aligarh Muslim University) से ही Engineering की डिग्री लेकर सऊदी अरब (Saudi Arab) की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे थे। वहीं शादी के बाद साल 2014 में बुशरा भी सऊदी अरब पहुंच गईं और असिस्टेंट प्रोफेसर (Assistant professor) बन गईं। उनका कहना है कि, वो विदेश में रहने के दौरान और इतनी अच्छी जॉब होने के बावजुद भी उनको कुछ अधुरा-अधूरा सा महसूस होता था, इसलिए वो अपने देश लौटी और उन्होंने तैयारी से UPSC की परीक्षा दी जिसमें उन्‍होंने साल 2018 की परीक्षा में 277 रैंक हासिल की थी।

यह भी पढ़ें :- तुम कोई कलक्टर नही हो…एक महिला की इस तीखी बात ने प्रियंका को IAS अधिकारी बना दिया

पहले प्रयास में नहीं मिली सफलता

बुशरा बानो जब UPSC की तैयारी कर रही थीं, तो उन्होंनें वर्ष 2017 में पहली बार UPSC की परीक्षा दी थी। पहली प्रयास में वे सफल नहीं हुई, इसके बाद उन्होंने संघर्ष जारी रखा। वर्ष 2018 में उनकी मेहनत रंग लाई और उन्‍होंने UPSC में 277 रैंक लाया। कन्नौज की रहने वालीं और IAS बनी बुशरा बानो ने अपने इस सफलता के बारे में बात करते हुए बताती हैं कि, वे लोग वहां अच्छी तरह से सेट थे, लेकिन इसके बावजूद भी एक बात को लेकर मन में खटकन रहता था कि, हम अपने ब्रेन को दूसरे देश में लगा रहे हैं, जिसका फायदा न तो आगे चलकर हमे होने वाला है और न ही हमारे देश और सोसाइटी को। इसीलिए उन्होंने वर्ष 2016 में अपने देश लौट आयीं। उसी समय उनके दिमाग में सिविल सर्विस के एग्जाम (Civil service exam) को लेकर बहुत कुछ चल रहा था। बुशरा बानो ने आगे बताया कि, मैंने देश वापस आने का फैसला किया। वर्ष 2016 में वे अपने पति के साथ अपने देश वापस आ गई। वे खुद से ही UPSC की तैयारी शुरु कर दी। दो साल के बेटे के साथ रहकर तैयारी करना बड़ा मुश्किल होता है, लेकिन उनका कहना है कि “मेरे बेटे ने मुझे कभी उस तरह से तंग नहीं किया जैसे आमतौर पर बच्चे करते हैं। जैसे-जैसे बड़ा होता गया तो मेरी बात मानने लगा।”

बिना किसी कोचिंग क्लास की सोशल मीडिया के सहारे की पढ़ाई

अपने सफलता के बारे में बताते हुए बुशरा बानो का कहना है कि, वे बिना किसी कोचिंग क्लास के ही UPSC में सफलता हासिल की है। उनका कहना है कि क्‍योंकि कोचिंग के लिए उनके पास समय नहीं था। इसलिए उन्‍होंने तैयारी करने के लिए सोशल मीडिया के सहारे पढ़ाई करती थी। ऐसे आमतौर पर लोगों का कहना है कि, एग्जाम की तैयारी करते समय सोशल मीडिया से दूर रहना चाहिए लेकिन वे सोशल मीडिया के सहारे ही परीक्षा की तैयारी करती थी। उनके अनुसार, जिस काम को ठाना जाए उसको पुरा करने के लिए मन में लग्न होना चाहिए।

बुशरा बानो से हमे ये भी सिख मिलती है कि,अपना दिमाग हम विदेशों के बजाय खुद के देश के लिए खर्च करें तो हमारा देश दुनिया मे सबसे अव्वल होगा।

निधि बिहार की रहने वाली हैं, जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अभी बतौर शिक्षिका काम करती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही निधि को लिखने का शौक है, और वह समाजिक मुद्दों पर अपनी विचार लिखती हैं।

4 COMMENTS

Comments are closed.

Exit mobile version