Home Gardening

बिहार की यह महिला पाइप के जरिए छत पर ही उगा रही है अनेकों प्रकार की सब्जियां, मिल चुका है पुरस्कार

आज के दौर में ज्यादातर गार्डेनिंग का शौक रख रहे है। हर कोई अपने घरों में ज्यादा से ज्यादा पौधा लगाकर अपने शौक को पूरा करते नजर आ रहा है। इन्हें लोगों में शामिल हैं बिहार के सारण जिलें की सुनीता प्रसाद, जो अपने घर पर सब्जियों को लगाकर अपने बचपन के शौक को पूरा कर रही हैं।

शौक को दिया कमाई का रूप

बिहार (Bihar) के सारण की सुनीता प्रसाद (Sunita Prasad) ने अपनी पढ़ाई 10वीं तक किया हैं लेकिन फिर भी उनमें बचपन से हीं आत्मनिर्भर बनने की चाहत थी। वे आज के समय में मशरूम तथा अन्य दूसरी सब्जियों को अपने घर पर उगाती हैं। फिर इन सब्जियों को तोड़कर बेचा करती हैं। इस प्रकार सुनीता अपने शौक को हीं कमाई का जरिया बनाई हुई हैं और उससे अच्छा खासा पैसा कमा लेती हैं।

यह भी पढ़ें :- अगर आपके भी नींबू के पौधे मर रहे हैं तो इन टिप्स को अपनाकर उसे बचाएं, हरा-भरा होने के साथ फल भी बेहतर आएगा

काफी क्रिएटिव माइंड रखती है सुनीता

सुनीता ने अपने बचपन के शौक को पूरा करने के लिए सब्जियों को उगाना शुरू कर दिया। बता दें कि जब उनके घर में बर्तन टूट जाया करता था तो वो उसमे थोड़ा मिट्टी डालकर कुछ नई सब्जी लगा दिया करती थी। लेकिन आज के समय में उन्होंने पाइप को खरीदकर अपने छत बिछा दिया है और उसमें मिट्टी जमाकर घास उगा दीं है।

आज के समय में उनके छत पर बैंगन, गोभी और बैगन तथा कई प्रकार की सब्जियां देखने को मिलती है। फिर कुछ समय बाद भी उन्होंने बांस के साथ भी ऐसा ही प्रयोग किया और उसके भी उन्हे सफलता मिली।

Sunita Prasad from chapra, bihar grows vegetables in pipe, Terrace Gardening

अब करती हैं मशरूम से अच्छा कमाई

उन्होंने सबसे पहले पॉल्ट्री फॉर्म खोला था लेकिन उसमे उन्हे घाटा हो गया। फिर उनके दिमाग में मशरूम लगाने का ख्याल आया और उन्होंने मशरूम की खेती शुरू कर दी।उसमे अच्छा खासा कमाई करने के बाद उन्होंनेपूसा स्थित कृषि विश्वविद्यालय से खेती की ट्रेनिंग किया और फिर साइंटिफिक तरीके से खेती करना शुरू किया। उनकी पैदावर भी काफी अच्छी हुई और अब वे इन खेतियों से अच्छा खासा पैसा कमा रही हैं।

अभिनव पुरस्कार से हुई सम्मानित

सुनीता को गार्डेनिंग के इतना लगाव है कि वे हर समय कुछ नया करने की कोशिश करती हैं वे अपने घर के आंगन और छत पर सब्जी और फूल उपजा रही हैं। गार्डेनिंग के प्रति इस लगाव को देखते हुए उन्हे अभिनव पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

Exit mobile version