आए दिन हम सबको जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, पर इस खेल में जीतता वही है, जिसके हौसले बुलंद होते है। ऐसे ही जज्बे को बुलंद करने वाली कहानी है बिहार के सूरज कुमार (Suraj Kumar) की है जिन्होंने देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली IIT क्वालीफाई कर दिखाया है। सूरज ने यह सफलता जेल में रहते हुए सेल्फ स्टडी और बगैर किसी कोचिंग के पाई है, वह भी ऑल इंडिया में 54वीं रैंक के साथ।
बिहार के जेल में रहकर सूरज कुमार ने IIT का एंट्रेंस निकाला (Suraj Kumar cracked IIT entrance from Bihar Jail)
सूरज कुमार बिहार के नवादा जिले के मोसमा गांव के रहने वाले हैं। सूरज कुमार पर ह’त्या के आरोप के कारण वह जेल में बंद है। एक बार गांव में नाली विवाद के दौरान हुई मारपीट में एक व्यक्ति की मौत के मामले में सूरज को आरोपी बना दिया गया। इसके बाद उसे 19 अप्रैल, 2021 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए। जेल आने के बाद से उसकी पढ़ाई बाधित हो रही थी, परंतु इसी बीच एक दिन उन्हें तत्कालीन कारागृह अधीक्षक अभिषेक का जेल में दिया गया प्रेरक उद्बोधन सुनने को मिला। इससे प्रभावित होकर सूरज ने उनसे मुलाकात की तो उन्होंने उसकी पढ़ाई जारी रखने के लिए हरसंभव मदद उपलब्ध कराई।
वैज्ञानिक बनने का सपना देखा करते हैं सूरज
पिछले हफ्ते जारी हुए आईआईटी की परीक्षा (IIT JAM Exam) का रिजल्ट देखने के बाद जेल में जब सूरज को अपने आईआईटी जेम क्वालीफाई करने की खुशखबरी मिली तो वह खुशी से झूम उठे, क्योंकि उनका बहुत बड़ा सपना पूरा होने की दिशा में यह पहला कदम था। बता दें कि सूरज अब आईआईटी में दाखिला लेकर अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर सकेगे। सूरज का सपना है कि एक दिन वे वैज्ञानिक बनेंगे। सूरज कुमार आईआईटीयन बनने के साथ ही बेहतर वैज्ञानिक बन कर देश का नाम रोशन करना चाहते हैं।
क्या है जेम परीक्षा
आपसे कई लोग जानते होगें की जेम यानी ज्वॉइंट एडमिशन टेस्ट (JAM) इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी आईआईटी (IIT) इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस यानी आईआईएससी (IISC) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी एनआईटी (NIT) में संचालित मास्टर ऑफ साइंस और अन्य पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली सामान्य प्रवेश परीक्षा है। हर साल रोटेशन के आधार पर एक अलग आईआईटी इसका आयोजन करता है। हालांकि, रैंक के अनुसार, दाखिला सभी शीर्ष संस्थानों में मिलता है। बता दे इस साल यानी जेम 2022 का आयोजन आईआईटी रूड़की की ओर से किया गया था।
सूरज (Suraj Kumar) ने जेल अधीक्षक को दिया सफलता का श्रेय
जेम (JAM) क्वालीफाई करने के बाद सूरज कुमार ने अपनी सफलता का श्रेय नवादा के तत्कालीन मंडल जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार पाण्डेय (Abhishek Kumar Pandey) तथा अपने बड़े भाई वीरेंद्र यादव ( Virendra Yadav) को दिया है। सूरज कुमार ने अपने लिखित संदेश के द्वारा कहा है कि अगर उन्हें अभिषेक पांडे सर का सहयोग नहीं मिला होता तो हम किसी भी कीमत पर आईआईटीएन नहीं बन सकते थे। उन्होंने जेल के भीतर ही परीक्षा की तैयारी के लिए किताबें और नोट्स समेत अन्य स्टडी मैटेरियल उपलब्ध करवाया था। सूरज कुमार ने न्यायालय पर अपना भरोसा भी जताया है।
इस आपार सफलता के लिए हम सूरज कुमार को ढेरों शुभकामनाएं देते हैं.
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