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ड्रग्स केस के अपराधियों को कोर्ट ने बड़ी कर दिया, इस महिला पुलिस अफसर ने लौटा दिए अपने वीरता पुरस्कार

जो जुर्म करते, उतने बुरे नहीं होते,
सजा ना देकर अदालत बिगाड़ देती है।

मशहूर शायर राहत इंदौरी साहब की यह पंक्तियां आज के परिवेश में बिल्कुल सटीक बैठती हैं। आज की कहानी उक्त उद्धृत पंक्तियों को चरितार्थ करने वाली है। अधिकतर व्यक्ति आजकल उन लोगों के सामने आवाज नहीं उठाते जो पोस्ट और ओहदे में बङे हों क्योंकि लोग उनके रुतबे से डरते हैं। हमारे देश मे ऐसे भी व्यक्ति हैं जो अपनी आवाज हर जगह रख सकते हैं। उन्हें किसी के सामने अपने सच को रखने में कोई खौफ नहीं होता।

Officer Thaunaojam brinda

आज की कहानी एक जाबांज और वीर लड़की की है जिसने कुछ आरोपियों को ड्रग्स केश में पकड़ा था लेकिन जब अदालत में इन आरोपियों को बरी कर दिया तो उन्होंने अपना मुख्यमंत्री वीरता पुरस्कार लौटाने का निश्चय किया।

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थौनाओजम बृंदा

थौनाओजम बृंदा (Thaunaojam brinda) एक ऐसी वीर ऑफिसर हैं जिन्होंने बड़े ओहदे वाले व्यक्ति, पूर्व एडीसी, चेयरमैन के साथ 7 अन्य व्यक्तियों को भी ड्रग्स केस के लिए आरोपी ठहराया है। वह मणिपुर (Manipur) में कार्यरत थीं जिस वक्त वह काम हुआ। जब कोर्ट ने इन आरोपियों के हित में अपना फैसला को सुनाकर उन्हें बरी कर दिया। तब उन्होनें अपने मुख्यमंत्री वीरता पुरस्कार को लौटाने का निश्चय किया और अपना पुरस्कार लौटाया।

लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

 उन्हें यह वीरता पुरस्कार ड्रग्स मामले के निरीक्षण में मिला था। लेकिन जब उन आरोपियों के हित में अदालत ने फैसला किया तब उन्होनें मुख्यमंत्री को लेटर में यह लिखा कि यह कोर्ट का ऑर्डर है कि मैं यह पुरस्कार लौटा दूं। जब कोर्ट ने यह कहा कि इन आरोपियों पर लगाया गया जांच असंतोषजनक है तब उन्होंने पुरस्कार को लौटाने की ठानी।

जानकारी के अनुसार जब ड्रग्स केस की जांच हुई तो अधिक मात्रा में उनके पास ड्रग्स पाया गया। बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष के साथ 7 लोंगो को इस मामले में आरोपी साबित किए गए थे।

जिस तरह हमारे देश की बेटी ने अपनी वीरता दिखाई उसके लिए The Logically थौनाओजम बृंदा को सलाम करता है।

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