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विषम परिस्थिति में भी नहीं छोड़ा देश सेवा का सपना, एक ही बार मेरठ के अनेकों युवा भारतीय सेना जॉइन कर अधिकारी बने

हमारे देश के युवा अपनी मेहनत के बदौलत हर क्षेत्र में सफलता का ध्वज लहराने में कामयाब हो रहे हैं।

यह लेख मेरठ के ऐसे युवाओं का है, जिन्होंने अपनी मेहनत के बदौलत सेना में बहाल होकर लेफ्टिनेंट बनने का गौरव प्राप्त किया है।

लेफ्टिनेंट अनुराग राठौर (Anurag Rathaur)

मेरठ (Meerut) से ताल्लुक रखने वाले अनुराग राठौर (Anurag Rathaur) पहले एक सिपाही (Constable) थे, लेकिन आज वह लेफ्टिनेंट (Lieutenant) के पद पर तैनात हैं। उनके पिता का नाम नायक राजेंद्र पाल सिंह (Nayak Rajendra Pal Singh) है, जो पूर्व सैनिक हैं। अपने पिता के नक्शे-कदम पर चलकर अनुराग ने भी सफलता हासिल की है।

These youths from Meerut becomes Officer and Lieutenant in Indian Army for serving the Nation

कॉल सेंटर में किया जॉब

अनुराग ने अपनी 12वीं तक की शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल से संपन्न की है। उसके बाद वह उन्होंने कॉल सेंटर में काम करना शुरू किया लेकिन उस नौकरी को छोड़कर उन्होंने सेना में शामिल होने का मन बना लिया। अपनी मेहनत के बदौलत साल 2013 में वह सेना में सिपाही के तौर पर बहाल हुए।

अनुराग ने बड़ा सपना संजोया हुआ था इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और अपने सपने को पूरा करके ही दम लिया। आज वह लेफ्टिनेंट के तौर पर गढ़वाल रेजीमेंट में तैनात हैं।

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संगम त्यागी (Sangam Tyagi)

संगम त्यागी (Sangam Tyag) के पिता का नाम डॉक्टर बीपी त्यागी (B.P Tyagi) है। संगम ने ऑफिसर बनकर अपने स्वर्गीय दादा के सपने को साकार किया है। संगम के दादा एक किसान थे लेकिन वे सेना में भर्ती होकर देश सेवा करना चाहते थे लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हो सका। अब उनकी चाहत अपने पोते को सेना की वर्दी में देखने की थी लेकिन उनकी मृत्यु हो गई। संगम ने पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई रोहटा स्थित गाडविन पब्लिक स्कूल से पूरी की है और 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल नैनीताल से पूरा किया है। संगम शुरू से ही पढ़ने लिखने और खेलकूद में अव्वल रहे हैं। वर्ष 2017 में उन्हें उत्तराखंड सरकार की तरफ से बेस्ट कैडेट की तौर पर गवर्नर ट्रॉफी से सम्मानित किया गया था। साल 2017 में उनका चयन एनडीए के लिए हुआ, जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 24वां रैंक हासिल किया था।

आशीष शर्मा (Aashish Sharma)

आशीष शर्मा के पिता सेना में सिग्नल कोर से रिटायर हो चुके हैं और उनकी मां हाउसवाइफ हैं। आशीष शर्मा का चयन लेफ्टिनेंट के तौर पर हुआ है। आशीष शर्मा भी अपने पिता की तरह सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते थे। आशीष में अपनी 12वीं तक की शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल मेरठ कैंट से पूरी की है।

सिद्धार्थ त्यागी (Sidharth Tyagi)

सिद्धार्थ त्यागी (Sidharth Tyagi) ने अपनी 12वीं तक की शिक्षा दीवान पब्लिक स्कूल इंटरनेशनल से पूरा किया है। परीक्षाओं की तैयारी करते हुए ही उन्हें एहसास होने लगा था कि वे भी देश सेवा करने के लिए सेना में बहाल हो सकते हैं। सिद्धार्थ का चयन सेना की मैकनाइज्ड इंफैट्री में हुआ है। इसके साथ ही वह अपने परिवार के प्रथम सदस्य हैं, जो सेना में बहाल हुए हैं।

शुभम सक्सेना (Shubham Saksena)

शुभम सक्सेना (Shubham Saksena) के दादा किशन कुमार सक्सेना सेना में जेसीओ थे, लेकिन जब उनके पुत्र दिलीप सक्सेना की मृत्यु हुई, तब घर में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा । अपने घर को संभालने के लिए उनकी मां ने नौकरी की ताकि सब सुचारू ढंग से चलता रहे। शुभम ने अपनी मां को घर चलाते देखा और उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें भी मां की सहायता करनी चाहिए। शुभम ने जमकर मेहनत किया और सेना में बतौर लेफ्टिनेंट चुने गए।

अपनी मेहनत से सपनों को साकार करने के लिए The Logically सभी युवाओं की सराहना करते हुए उन्हें बधाई देता है।

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