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गरीबी से लड़कर हासिल की मास्टर्स की डिग्री, अब मजदूरी करके कर रही सिविल सर्विस की तैयारी

एक ऐसा क्षेत्र हो जहां शिक्षा का माहौल नहीं हो और गरीबी डेरा डाले बैठी हो, वहां से यदि कोई लड़की मास्टर्स की उपाधि हासिल कर सिविल सर्वेंट बनने का सपना संजो रही हो, तब यह आसान मालूम नहीं होता है। कुछ ऐसी ही कहानी है 22 वर्षीय अनुराधा की, जो आदिवासी इलाके में रहते हुए भी दूसरों के खेतों में काम करके पढ़ाई करती हैं।

खेतों में काम करते हुए प्राप्त की मास्टर्स की डिग्री

ट्राइबल गर्ल (Tribal Girl) अनुराधा (Anuradha) मैसूर (Mysuru) के एचडी कोटे तालुक में रहती हैं। उनके पास सुख-सुविधा के नाम पर कुछ भी मौजूद नहीं है। यहां तक कि कोचिंग की फीस भरने के लिये भी पैसे नहीं हैं। अनुराधा वैसे जगह से ताल्लुक रखती हैं, जहां कुछ लड़कियां ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाती हैं। एक ट्राइब एरिया में रहकर भी अनुराधा ने जिस तरह मास्टर्स की उपाधि प्राप्त की और कर्नाटक एडिमिनिस्ट्रेटीव सर्विस (Karnataka Administrative Service) की तैयारी कर रही हैं। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है।

Tribal girl completes masters degree in crisis now she is doing labour for civil services

कठिन परिश्रम का सामना करते हुए मां ने की परवरिश

कम उम्र में पिता का निधन हो जाने के कारण अनुराधा (Anuradha) की पूरी परवरिश का जिम्मा उनकी मां के कंधों पर आ गया। अनुराधा की मां ने आर्थिक तंगी का सामना करते हुए कठिन मेहनत से उनका पालन-पोषण किया। हम इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि एक सिंगल मदर के लिए यह कितना मुश्किल रहा होगा।

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फीस भरने के लिए कर रही खेतों में कार्य

न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान अनुराधा ने बताया कि, दूसरी आदिवासी लड़की जो पढ़ाई नहीं कर सकती हैं, उनके लिए KAS (Karnataka Administrative Service) एक सपने जैसा है, लेकिन अनुराधा कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने एक प्राइवेट कोचिंग सेंटर में बात की, लेकिन आर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण वे कोचिंग की फीस भरने में असमर्थ थी। अनुराधा के लिए 60 हज़ार रुपये एक बहुत बड़ी रकम है। ऐसे में अपने सपनों को पूरा करने के लिए अनुराधा ने खेतों में काम करना शुरु किया।

अफसर बनकर कर सकती हैं क्षेत्र का विकास

इलाके में कार्य करने वाले लोगों का कहना है कि उनके क्षेत्र में मास्टर्स की पढ़ाई करना गर्व की बात है। उस क्षेत्र के लोगों का यह भी मानना है कि उनकी कम्युनिटी की लड़की यदि सरकारी अधिकारी बन जाती है, तो वह पूरे क्षेत्र को विकास की ओर अग्रसित कर सकती है।

अनुराधा वैसे लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो सुविधाओं के कमी के वजह से अपने सपनों को पीछे छोड़ देते हैं।

The Logically अनुराधा के हौसले और जज्बे को सलाम करता है और भविष्य में सफल होने की शुभकामनाएं देता है।

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