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हवलदार पिता के दोनों जुड़वा बेटे बने अफ़सर, एक तहसीलदार बना तो दूसरा SDM बन पिता का मान बढ़ाया

आज के समय में सरकारी नौकरी पाना बहुत मुश्किल हो गया है। इसके बावजूद भी बहुत सारे होनहार विद्यार्थी ऐसे भी हैं अपने मेहनत के बदौलत सफलता हासिल करके खुद को लोहा साबित किया है। जरा सोचिए आज के समय में अगर किसी परिवार के दो सदस्यों का (यू कहे तो दो सगे जुड़वा भाईयो का) अगर एक साथ सरकारी नौकरी लगा हो, तो उस परिवार को कितनी खुशी मिली होगी। आज हम बात करेंगे, ऐसे ही एक परिवार का जिनके दोनो बच्चो ने एक ही साथ UP PCS परीक्षा 2019 (UPSC PCS Result 2019) में सफलता हासिल की है और एक SDM बना तो दूसरा नायब तहसीलदार (Nayab Tahsildar)।

कौन है वह ख़ुशनसीब परिवार?

हम बात कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश के रहने वाले पुलिस हवलदार अशोक यादव (Ashok Yadav) की। अशोक यादव उत्तर प्रदेश के मथुरा के कोतावली थाना में कार्यरत हैं। उनके दो जुड़वा लड़के हैं जिसमें से एक का नाम रोहित यादव और दूसरे का नाम मोहित यादव है। दोनों भाइयों का जन्म 20 अप्रैल 1996 में हुआ था। दोनों के आयु में मात्र 5 मिनट का अंतर है। पुलिस हवलदार अशोक यादव अपने दोनों जुड़वा बच्चे को एक ही तरह की शिक्षा देने का काम किया है। आज के समय में सबसे रोचक बात यह है कि उनके दोनों जुड़वे लड़के रोहित और मोहित ने एक ही साथ सफलता हासिल किया।

 Twins brother become constable officer at same time

हर जगह साथ-साथ रहे दोनों भाई, एक बना SDM तो दूसरा नायब तहसीलदार।

फिरोजाबाद (Firojabaad) के रहने वाले अशोक यादव (Ashok Yadav) के दोनों ही बेटों ने रोहित यादव (Rohit yadav) और मोहित यादव (Mohit Yadav) की पढ़ाई साथ में हुई थी। शिक्षा के क्षेत्र से लेकर परीक्षा तक में दोनों ही बेटों ने कामयाबी हासिल की है। शिक्षा से लेकर हर परीक्षा में दोनों भाई साथ-साथ में रहे हैं। फिरोजाबाद के रहने वाले दोनों ने देहरादून में आठवीं तक की पढ़ाई की है। उसके बाद आगरा में रहते हुए आगरा पब्लिक स्कूल से 10वीं तथा आगरा से ही दोनों ने 12वीं पास की। इसके बाद में दोनों ही भाईयों ने साथ में ही इंजीनियरिंग की। इसके बाद दोनों ही भाईयों ने पीसीएस की परीक्षा देना शुरू किया है, लेकिन पहले ही प्रयास में दोनों भाई विफल रहे। दोनों ही बेटों ने परीक्षा के तौर ऐच्छिक विषय के तौर पर इतिहास को ही चुना है। इसके बाद भी दूसरी बार की परीक्षा में दोनों ने ऐच्छिक विषय के तौर पर इतिहास को ही चुना है। दोनों को परीक्षा में सफलता भी एक ही साथ मिला, एक SDM तो दूसरा नायब तहसीलदार बना। कांस्टेबल अशोक यादव ने कहा है कि आज बेटों की सफलता ने उनका मान बढ़ाया है।

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B tech के बाद दोनों ने शुरू की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी

रोहित यादव और मोहित यादव के पिता अशोक यादव ने बताया की उत्तराखंड अलग से नया राज्य बनने से पहले उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा हुआ करता था। ऐसे में अशोक कुमार की देहरादून में पोस्टिंग थी। तब रोहित व मोहित दोनों बच्चे थे। दोनों की प्रारम्भिक पढ़ाई देहरादून के स्कूल से हुई, इसके बाद उन दोनों ने बीटेक किया। रोहित और मोहित दोनों भाई पढ़ाई में अच्छे थे, इसीलिए उन्होने बीटेक के बाद करियर के लिए सिविल सेवा को चुना। इसके लिए दोनों भाइयों ने दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर तैयारी की थी। पहली बार में उन्हें स्टेट सिविल परीक्षा में कामयाबी नहीं मिली थी। अब दूसरे प्रयास में सफलता मिल गई। एक बेटे को 30वीं और दूसरे को 36वीं रैंक हासिल हुई। इसके बाद से उनके घर पर और मथुरा पुलिस थाने में बधाई देने वालों का तांता लगा है।

दोनों जुड़वा भाइयों का आगे का सपना एक आईएएस अफसर बनने का है। दोनों का कहना है कि वो एक काबिल आईएएस अफसर बन देश की सेवा करना चाहते है।

The Logically‘ दोनों जुड़वा भाई रोहित और मोहित को शुभकामनाएं देता है और साथ ही उनको भविष्य में आईएएस अफसर बनने का सपना पूरा होने के लिए कामना करता है।

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