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उत्तराखंड के छात्रों ने रीसाइकल पेपर से बनाया इलेक्ट्रिक कार, जानिए कार में मौजूद गुणों के बारे में

दिन-प्रतिदिन लोगों में कचरे को रीसाइकल कर उससे उचित और उपयोगी सामग्रियां निर्माण करने की जागरूकता बढ़ती नज़र आ रही है। उत्तराखंड के छात्रों ने कागज को रीसाइकल (Recycled Paper) कर इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) का निर्माण किया है। यह कार ‘सी-जीरो’ (C-Zero) पुन: प्रयोज्य, जलरोधक और साथ ही अग्निरोधक भी है। इसके अलावा यह हल्का और उचित मूल्य का भी है।

कागज को रीसाइकल कर बनाया इलेक्ट्रिक कार

उत्तराखंड (Uttarakhand) में ग्राफिक एरा (Grafic Era) के छात्रों ने पुनर्नवीनीकरण कागज के साथ एक इलेक्ट्रिक सिंगल-सीटर रेसिंग कार का निर्माण किया है। उन्होंने पेपर इंजीनियरिंग सिद्धांतों का उपयोग करते हुए बॉडी बनाई, जिसमें रेपसीडेड पेपियर-मैचे को प्लास्टर ऑफ पेरिस (PoP) के साथ मिलाया गया था। टीम ने परियोजना के लिए कॉलेज परिसर और पड़ोसी क्षेत्रों से अपशिष्ट कागज एकत्र किया। (Electric car made by recycling paper)

Uttarakhand students make Electric Car through Recycle paper

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इस वाहन में हल्कापन होने के साथ अन्य गुण भी हैं

वाहन ‘सी-जीरो’ (C-Zero) रिसाइकिल, वाटरप्रूफ होने के साथ-साथ अग्निरोधक भी है। इसके अलावा, यह हल्का (40 किलोग्राम) और लागत प्रभावी है। आमतौर पर इलेक्ट्रिक रेसिंग (Electric Car) कारों के बॉडी कार्बन-फाइबर से बने होते हैं। एक कार्बन-फाइबर कार बॉडी की कीमत लगभग 3 लाख है, जबकि इसकी लागत लगभग 1.78 लाख रुपए है। जानकारी के अनुसार टीम मेम्बर मधुर सक्सेना ने कहा कि यह उनके लिए एक उदासीन क्षण था, क्योंकि यह टीम के लिए पहला और कॉलेज के लिए दूसरा प्रयास था। (Electric car made by recycling paper)

परिश्रम के बाद मिला फल

हमारी टीम ने महीनों के भीतर बॉडी का निर्माण किया। सक्सेना ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Car) के बारे में सीमित समय और जानकारी टीम के लिए एक चुनौती थी। वे कई बार असफल हो चुके थे। उन्होंने बताया कि हमनें 3-4 मोटर जलाएं, बहुत से कठिनाइयों का सामना किया और तब जाकर सफल हुए। (Electric car made by recycling paper)

मिल चुका है पुरस्कार भी

एक छात्र ने कहा कि जहां कुछ लोगों के चेहरे पर आश्चर्यजनक थी, तब वहीं कई लोगों ने इसके कामकाज के बारे में भी संदेह जताया, जब हमने नवाचार के बारे में बताया। सभी बाधाओं का सामना करने के बावजूद, सी-जीरो (C-Zero) अंततः 108 किमी/kWh के माइलेज के साथ पटरियों के माध्यम से चल गया। टीम ने ऑफ-ट्रैक श्रेणी में सर्कुलर इकोनॉमी पुरस्कार भी जीता। सदस्य अब 600 किमी/kWh का माइलेज प्राप्त करने पर काम कर रहे हैं।

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