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मंदिर में चढ़ चुके फूलों से बना रही मूर्तियां, इस अनोखे कार्य से प्रति माह 80 हजार रूपये कमा रही है

जिंदगी में समस्याओं से तंग आकर कई लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं और अंततः या तो वे हाथ मोङकर बैठ जाते हैं या फिर अपनी जिंदगी से हार मानकर खुदखुशी कर लेते हैं। लेकिन ऐसे बहुत से लोग भी हैं जो डिप्रेशन से उबरने के लिए अनेक प्रकार के कार्य करते हैं और अन्य लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बनते हैं।

आज की हमारी यह कहानी एक ऐसी महिला की है जिन्होंने डिप्रेशन से उबरने के लिए एक ऐसी पहल प्रारम्भ की जिसने उनकी पूरी काया पलट दी। उन्होंने मंदिर में चढ़ने वाले पुष्पों से मूर्ति का निर्माण प्रारम्भ किया और आज इससे यह वह प्रत्येक माह 80 हजार रुपए कमा रहीं हैं।

18 वर्ष की उम्र में हुई शादी

वह महिला हैं पूनम सहरावत (Poonam Sahravat) जो गुरुग्राम (Gurugram) से ताल्लुक रखती हैं। उनके परिवार में 2 बच्चे और उनके पति हैं। उनके बच्चों का नाम सक्षम और सार्थक है। जब वह 18 वर्ष की हुईं तब ही उनकी शादि हो गई और वह जिम्मेदारियों से बंध गई। जब उनके बच्चे हुए और वे पढ़ने के लिए बोर्डिंग स्कूल चले गए तो वह अकेली हो गई। अब वह अकेली रहने लगी और धीरे-धीरे डिप्रेशन की शिकार होने लगी। -Poonam Sahrawat of Gurugram made idols, incense sticks etc., using flowers offered in temples to overcome depression

Woman made statues from flowers climbing in temples

हुई डिप्रेशन का शिकार

वह डिप्रेशन से उबरने के लिए प्रतिदिन मंदिर जाने लगी। वहां उन्हें सुकून मिलता था और वह अपना अधिकतर वक्त मंदिर में ही बिताया करती थी। वह बताती हैं कि जब एक दिन मैंने मंदिर में चढ़ने वालों फूलों को देखा कि लोग किस तरह उसे भगवान पर चढ़ने के बाद कचरे में फेंक देते हैं मुझे बहुत बुरा लगा। मैं घर आई और बहुत शोध करने के बाद मुझे यह पता चला कि अगर पराली एवं गोबर से प्रोडक्ट का निर्माण किया जा सकता है तो मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से किसी चीज को क्यों नहीं बनाया जा सकता?? शुरुआती दौर में उन्होंने धूपबत्ती बनाने प्रारंभ की और वह फूलों से धूप बत्ती बनाकर उन्हें मंदिर में ले जाया करते थे। -Poonam Sahrawat of Gurugram made idols, incense sticks etc., using flowers offered in temples to overcome depression

शुरू किया जानकारी एकत्रित करना

उन्हें इस क्षेत्र में कुछ एक्सपीरियंस नहीं था जिस कारण उन्हें इस कार्य को करने में विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। जब वह रिसर्च कर रही थी तो उन्हें एक ऐसे ग्रुप के बारे में जानकारी मिली जो मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती का निर्माण करते थे। उन्होंने यह कोशिश किया कि वह इन लोगों से मिलकर जानकारी एकत्रित कर सके परंतु उन्हें कोई सहायता नहीं मिल पाई। वह बताती हैं कि जब मैं इन फूलों के बेहतर उपयोग के लिए शोध कर रही थी तो कुछ ऐसे लोगों के बारे में जानकारी मिली जो गाय के गोबर से सामग्रियों का निर्माण किया करते थे। उन्हीं से प्रेरणा लेकर उन्होंने गोबर की जगह मंदिर में चढ़ाए गए फूलों को बहुत सारे एक्सपीरिमेंट करना प्रारम्भ किया और सफल हुई। -Poonam Sahrawat of Gurugram made idols, incense sticks etc., using flowers offered in temples to overcome depression

10 महिलाओं का बना टीम

उन्हें अपने इस कार्य के लिए फूलों की आवश्यकता थी जिसके लिए उन्होंने मंदिर के पुजारियों का दरवाजा खटखटाया और पुजारियों से इसके विषय में बताया। अब वे प्रतिदिन सुबह उठकर मंदिर से निकलने वाले फूलों को एकत्रित किया करते थें। अपने एक दोस्त की सहायता से उन्होंने अपने कार्य का शुभारंभ किया। 10 महिलाओं की टीम का निर्माण हुआ और फिर सबसे पहले धूपबत्ती बनाया गया। इस धूपबत्ती को आसपास के मंदिरों में वितरित किया गया उनके इस पहल को देखकर सभी बहुत आश्चर्यचकित हुए। वर्तमान में वह लगभग 15 मंदिरों से जुड़ी हुई हैं जहां से उन्हें प्रतिदिन फुल प्राप्त होता है। -Poonam Sahrawat of Gurugram made idols, incense sticks etc., using flowers offered in temples to overcome depression

इस तरह होता है इसका निर्माण

पूनम की टीम फूलों से धूपबत्ती स्वास्तिक मूर्ति एवं एयर फ्रेशनर इत्यादि का निर्माण करती है। वह बताती हैं कि इसके निर्माण के लिए पहले फूलों को एकत्रित किया जाता है और फिर उसे सुखाकर मशीनों की सहायता से पाउडर में तब्दील किया जाता है पाउडर में इनग्रेडिएंट को मिश्रित करके उन्हें विभिन्न प्रकार की शेप में मोल्ड किया जाता है। फिर उन्हें सूर्य के प्रकाश में रख दिया जाता है ताकि वह सुख सकें। इस तरह से वह धूपबत्ती, मूर्ति, एयर फ्रेशनर स्वास्तिक आदि का निर्माण करती है। इसके अतिरिक्त वह माता के उपयोग में की गई चुनरी से पाउच का निर्माण भी करती है। उनके यह सारे प्रोडक्ट इको फ्रेंडली है जिनको उपयोग के बाद उर्वरक के लिए यूज किया जाता है। उनकी प्रोडक्ट की मूल्य 50 से 120 तक है। वह अपने इस कार्य से हर माह 80 हजार रुपए कमा लेती है। -Poonam Sahrawat of Gurugram made idols, incense sticks etc., using flowers offered in temples to overcome depression

इस तरह होती है प्रोडक्ट की बिक्री

वह अपने उत्पाद के बिक्री के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट की सहायता लेती हैं। शुरुआती दौर में वह अपने उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाया करती थी। वही जब लोग उनके विषय में जान गए तो उनके प्रोडक्ट का डिमांड बढ़ने लगा। मंदिरों से इसके लिए ऑफर आने लगे। -Poonam Sahrawat of Gurugram made idols, incense sticks etc., using flowers offered in temples to overcome depression

मिल चुका है सम्मान

आज उनके साथ 500 महिलाएं कार्यरत हैं और उन्होंने हजारों को प्रशिक्षण भी दिया था। वह बताती हैं कि उनका उद्देश्य है कि वह परिवर्तन लाना है इसलिए वह सबको ट्रेनिंग दे रही हैं ताकि लोग उनसे जुड़े रहें। उनके प्रोडक्ट पूरी तरह इको फ्रेंडली है और इसका दुरुपयोग नहीं होता। उन्हें अपने बेहतर कार्य के लिए नेशनल कमीशन वीमेन की तरफ से इंफ्लून्सर का खिताब प्राप्त है। -Poonam Sahrawat of Gurugram made idols, incense sticks etc., using flowers offered in temples to overcome depression

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