वर्ष 2021 की – 42 तस्वीरें और कहानियां दो तरह कीं…पहली 21 ऐसी तस्वीरें जो 21ऐसी कहानियां ऐसी कहानी को दर्शाती हैं, जिन्हें देखकर और पढ़कर फक्र होगा। वहीं दूसरी -21 तस्वीरें 21 ऐसी कहानियां जो बेइंतहा दर्द और मातम याद दिलाती हैं। अप्रैल की तस्वीरें देख तो सांसें रुकने लगती हैं, आंखों से आंसू छलकते है। तो अभी हम पहली 21तस्वीरें देखेंगे, जिन्हें याद करके चेहरा खिल उठेगा…
19 जनवरी, गाबा, ऑस्ट्रेलिया (Australia)
यह तस्वीर है ऑस्ट्रेलिया के बॉलर जोश हेजलवुड (Josh Hazlewood) के, जिसने चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को मारा था। आपको बता दें कि उस गेंद 145 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से थी। पुजारा के साथ ऐसा दसवीं बार हुए था जब कंगारू गेंदबाजों ने इन्हें मारा था। स्टेडियम में ऑस्ट्रेलियाई फैंस ने इनका मजाक उड़ाते हुए कहा, बुढ़ापे में हड्डी टूटी तो फिर जुड़ेगी नहीं। चोट लगने के बाद जब फिजियो आए तो बोले कि ड्रेसिंग रूप में लौट जाओ क्योंकि उनका अंगूठा टूट गया था। इसके बाद पुजारा ने कांपते हाथों से बल्ला उठाया और क्रीज पर खड़े हो गए। हेजलवुड ने इन्हें इशारे में पूछा ठीक हो? पुजारा ने छाती चौड़ी कर ली यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की आखिरी टेस्ट का पांचवा दिन था और पुजारा ने दिन की 582 गेंदों में से 211 गेंदें अकेले खेली थी।
19 जनवरी, वही गाबा, वही ऑस्ट्रेलिया
यह तस्वीर उसी दिन की है जब पुजारा को चोट लगी थी। पुजारा और कंगारू की गेंद और बल्ला लड़ते रहे ठीक उसी वक्त दूसरे ओर एक 24 साल का लड़का अपने पूरे जोश में था। पुजारा उससे कहते थे कि जाल में फंसना नहीं परंतु जैसे ही पुजारा आउट हुए उसने सीनियर के हर घाव का बदला लिया। उस लड़के का नाम था ऋषभ पंत, उसी की वजह से विदेशी धरती पर टेस्ट के पांचवें दिन 325 रन बने। ऋषभ ने जब विनिंग चौका जड़ा तो सिर्फ मैच सीरीज नहीं जीते बल्कि उन्होंने 130 करोड़ भारतीयों की सर गर्व से ऊंचा कर दिया। अंत में मैच जीतने के बाद टीम इंडिया जब अपने तिरंगे को लेकर मैदान में घूमने निकले तो ऑस्ट्रेलियाई फैंस भी खड़े होकर तालियां बजाने लगी जो पहले इनकी मजाक उड़ाते थे।
20 जनवरी, वाशिंगटन डीसी, अमेरिका
यह तस्वीर तब की है जब यूएस कैपिटल में नए युग का आरंभ हो रहा था। उस वक्त जो बाइडेन (Joe Biden) शपथ ले चुके थे, तभी अचानक एक महिला उठी और अपना हाथ उठाकर उप-राष्ट्रपति पद की शपथ लेने लगी
जब वे बोल रही थी तब उनकी आवाज वॉशिंगटन से लेकर भारत के एक धान से खेतों तक वह आवाज गूंज रही थी। आपको बता दें कि उनका नाम कमला हैरिस (Kamala Harris) ,कमला चेन्नई से लगभग 350 किलोमीटर दूर थुलेसेंद्रपुरम नामक एक गांव की रहने वाली थी। कमला जब 19 साल की थी तभी उनकी मां श्यामला गोपालन हैरिस अमेरिका चली गई थी। अमेरिका जाकर वे 56 वें साल वे अमेरिका की उप राष्ट्रपति बन गई।
26 जनवरी, राजपथ, दिल्ली
यह तस्वीर विजय चौक से जब झाकियां निकली थी तब की है। इस बार इन झाकियों में मात्र 25 हजार लोग ही शामिल थे जबकि हर बार 1.5 लोग रहते थे। पर इस झांकी की गूंज उस वक्त उठी जब एयरफोर्स की झांकियां निकली। एयरफोर्स की झांकियां निकलते ही पूरा आसमान गूंज उठा था। यह इसलिए और ख़ास पल था क्योंकि इसमें महिलाओं ने भागीदारी ली थी। यह दृश्य देखकर देश के लाखों लोगों लड़कियों ने सपने देखने शुरू कर दिए होंगे। 71वें गणतंत्र दिवस की परेड में ऐसा पहली बार हुआ था जब एयरफोर्स की झांकी में एक महिला फाइटर जिनका नाम है भावना कंठ, वे गर्व से सिर ऊंचा करके चल रही थी।
28 फरवरी, श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश
यह तस्वीर तब की है जब सुबह के 10 बजकर 23 मिनट और 57 सेकेंड हुए थे, तभी इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आवाज आई 3, 2, 1, 0… एवम हवा को चीरता हुआ PSLV-C51अंतरिक्ष की ओर निकला। यह वही रॉकेट था, जो अपने साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो और भगवदगीता भी अंतरिक्ष में लेकर गया था। इसरो चीफ सिवन ने 1 घंटा 38 मिनट के बाद बताया कि मिशन सक्सेस। आपको बता दें कि यह सेटेलाइट अमेजन के जंगलों की कटाई अथवा हमारे देश में कृषि को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारा डाटा देगा। यह वह दिन था जब हमने सेटेलाइट की दुनिया में एक बड़ी जीत हासिल कर ली थी।
1 मार्च, एम्स, दिल्ली
यह तस्वीर तब की है जब देश की जनता में वैक्सीन लगवाने को लेकर कई तरह के अफवाह फैलाई जा रही थी, तभी एक दिन मिडिया से लेकर शहरों और गांवों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक ख़बर तेज़ी से फैलने लगी, यह खबर था कि उन्होंने कोवैक्सिन टीका लगवाया था और इसी दिन के बाद पूरे देश में टीका महाभियान की शुरुआत हुई।
15 मार्च, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
यह तस्वीर उस समय की है जब कोलकाता में चुनावी रैलियां तेजी पर थी। BJP के टॉप नेता की धमाकेदार रैलियों ने चुनाव के पहले ही TMC को झटका दे दिया था। इतना ही नहीं TMC के कई छोटे बड़े नेता BJP में ज्वाइन कर ले रहे थे और यह TMC के लिए एक बहुत बड़ी मुश्किल खड़ा कर दिया था। हालत और बिगड़ गई, जब ममता बनर्जी घायल हो गई।
ममता बनर्जी के घायल होने से सबसे दुःख इस बात का था कि 15 मार्च को जो रैली होनी वाली थी, इसके लिए जी जान से मेहनत किया गया था और कार्यकर्ताओं को लगा कि अब यह रैली होगी ही नहीं परन्तु ममता बनर्जी ने यह तय किया कि वे हरेली कैंसिल नहीं करेंगे और उन्होंने व्हीलचेयर पर बैठकर रैली की तैयारी के जिससे पूरे TMC को राहत मिली।
31 मार्च, हावड़ा, पश्चिम बंगाल
2021 में कोलकाता की चुनावी रैलियां काफी चर्चित रही है। इसी बीच पीएम मोदी ने एक रैली में कहा ‘दीदी ओ दीदी खेला होबे? इसके उत्तर में ममता बनर्जी ने उन्हें फुटबॉल लेकर हावड़ा की एक रैली फुटबॉल उछाल दी और कहा होबे खेला होबे। इस जवाब सवाल से पूरे इंस्टाग्राम रील तक यही सुनाई देने लगा। 2 मई को जब TMC ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी तो सबने ज्यादा यही बोला गया, खेला होबे। आपको बता दें कि ममता सरकार ने जले पर नमक छिड़कने के लिए 16 अगस्त को खेला होबे दिवस के रूप में मनाने का फैसला कर लिया और बंगाल में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक और त्रिपुरा में TMC कार्यकर्ताओं ने खेला होबे दिवस भी मनाया।
1 अप्रैल, नंदीग्राम, पश्चिम बंगाल
यह तस्वीर 27 मार्च की है जब बंगाल में पहले फेज की वोटिंग हुई। इसके साथ ही कोरोना की दुसरी लहर पूरी तबाही मचा रही थी। इस तबाही के कारण छः राज्यों में लॉकडाउन की शुरुआत हो चुकी थीं और खबरें ऐसी आ रही थी कि बंगाल में दूसरे चरण की मतदान रोक दी जाएगी। पर हमारे देश के राजनीतिक तो वही है । कुछ राजनीतिक दलों ने कहा कि बंगाल अब राष्ट्रपति शासन के नजदीक पहुंच गया है। उस वक्त बंगाल के लोगों के पास दो ऑप्शन था। पहला ऑप्शन यह था कि वोट करने ना जाएं और प्रदेश में अशांति फैलाने दे। वही दूसरा ऑप्शन था कि घर से निकले और सरकार चुनकर कोरोना से लड़ाई लड़े। नंदीग्राम की महिला वोटर ने ऑप्शन 2 चुना।
11 जुलाई, न्यू मैक्सिको, अमेरिका
यह तस्वीर हमारे आंध्र प्रदेश की एक बेटी की है जो लिस्ट ब्रिनसन के कंधे पर चढ़ी हुई है। 11 जुलाई की न्यू मैक्सिको के स्पेस स्टेशन से वर्जिन गैलेक्टिक के स्पेस प्लेन VSS Unity में बैठीं तो कहती गईं- मैं अपने साथ भारत को भी ऊपर ले जा रही हूं। ये जब 4 साल की थी तभी इन्होंने आंध्र प्रदेश से अमेरिका का सफर तय किया। इनका बचपन से ही सपना था कि वह अंतरिक्ष में जाएंगी। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद नासा में जाना चाहती थी परंतु इनके आंख में कुछ दिक्कत थी जिसकी वजह से यह NASA नहीं जा पाई। इसके बावजूद भी इन्होंने हार नहीं मानी और मन में हौसले और विश्वास से वर्जिन गैलेक्टिक में इंटर्न से शुरुआत किया और आज वाइस प्रेसिडेंट है।
15 जुलाई, गुरुग्राम, हरियाणा
यह तस्वीर उन दिनों को दर्शा रहा है, जब कोरोना की दूसरी लहर समाप्त होने वाली थी और हरियाणा ऐसा पहला राज्य था, जिसने विद्यालय खोलने का फैसला किया। स्कूल खुलने के बाद यह देखना था कि मां-बाप अपने बच्चों को विद्यालय आने देते हैं या नहीं, परंतु यकीन नहीं होता अब तक हमने यही देखी और सुनी होंगी कि बच्चों को विद्यालय भेजने में नानी याद आ जाती थी परंतु 2021 ऐसा पहला साल था जब मां-बाप रोक रहे थे और बच्चे यूनिफॉर्म पहन कर, मुंह पर मास्क लगाए और बैग में सैनिटाइजर लेकर विद्यालय आने के लिए तैयार हो जाते थे।
15 जुलाई, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
यह तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तब की तस्वीर है जब पूरा देश कोरोना के डर से घर से बाहर निकलने से कतराते थे, क्योंकि कोरोना ने ना जानें कितने लोगों की जिंदगी तबाह कर दी थी। PM मोदी ने लोगों में हौसला बढ़ाने के लिए काशी में कोरोना के बाद अपनी पहली यात्रा की थी, जिसे देखकर लोगों के मन में आशा और विश्वास जागृत हुई और लोग भी धीरे-धीरे अपने घरों से बाहर निकलना शुरु कर दिया।
21 जुलाई, मेरिगनक, फ्रांस
यह तस्वीर तब की है जब वायुसेना को इन विमानों को कब से इंतजार था। 21 जुलाई को जब राफेल 7वीं बार पहुंची तो सुखोई एवम मिग ने करीब 15 मिनट तक हवा में उड़ान भरकर मानो पूरी दुनिया से बोल रहे हो भारत की ओर कोई आंख उठा कर भी मत देखना, भारत की ताकत और बढ़ गई है। इन तीन लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल होते हैं वायुसेना में टोटल 24 लड़ाकू विमान हो गए। इनमें से कुछ पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयर बेस पर तैनात किया गया है।
3 अगस्त, टोक्यो, जापान
हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है और इस खेल के बारे में शायद ही कोई नही जानता हो। 2020 टोक्यो ओलंपिक में टीम ने जर्मनी को हराकर ब्रांज मंडल जीता तो पूरा देश झूम उठा, पर सेमीफाइनल में उसे बेल्जियम से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन उसने अपनी खोई हुई पहचान फिर से हासिल कर ली।
7 अगस्त, वही टोक्यो, वही जापान
यह तस्वीर उस समय की है जब भारत के हरियाणा में जन्में नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक के दौरान 87.58 मीटर भाला फेंकने का रिकॉड बनाया। यह भाला 800 ग्राम का था और 7 फिट लंबा था।
30 अगस्त, वही टोक्यो, वही जापान
यह तस्वीर उस महीला की है जो व्हिलचेयर पर थी। भले ही इनका पैर इनका साथ नही देते पर निशाने बाजी में इनका टक्कर पूरी दुनियां में कोई नहीं कर सकता हैं। इनका नाम है, अवनि लेखरा जो राजस्थान में पली बढ़ी है। इन्होंने टोक्यो ओलंपिक में ऐसा निशाना लगाया कि देखने वाले देखते ही रह गए। इसके साथ ही इन्होंने गोल्ड मेडल भी हासिल किया।
10 नवंबर, मुंबई, महाराष्ट्र
यह तस्वीर उस महीला की है, जिन्होंने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़कर 49 वर्ष की उम्र में एक नए काम की शुरुआत की। यह कार्य इन्होंने साल 2012 में शुरू किया। यह कार्य एक ब्यूटी प्रोडक्ट बेचने वाला स्टार्टअप नायका की शुरुआत किया। इसमें इन्हें 9 साल लगे पर जिस दिन इन्होंने ये घंटी बजा कर शेयर बाजार में नायिका के शेयर्स की आरंभ किया। तभी से यह भारत की सबसे अमीर महिलाओं में से एक बन गई थी । आपको बता दें कि आज इस प्लेटफार्म पर हर मिनट में 30 से अधिक मेकअप प्रोडक्ट्स की बिक्री होती है। इतना ही नही यह कम्पनी साल 2020 में यूनिकॉर्न अथवा नहीं 1 अरब डॉलर से भी अधिक कंपनी बन गई थी।
10 दिसंबर, आर्मी कैंट, दिल्ली
यह तस्वीर ऐसे दो व्यक्ती की है जो एकएक साथ मृत्यु शैया पर सो रहे है। यह व्यक्ती भारत का सेनापति था और वहीं दूसरी ओर उनकी पत्नी। इस व्यक्ती ने 14 अप्रैल 1986 को उन्होंने अपने पत्नी को वचन दिया था कि वे अपनी पत्नी का साथ जीते जी कभी नहीं छोड़ेंगे। यह और कोई नहीं बल्कि भारत के सेना के सर्वोच्च पद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी CDS थे, जिनका नाम था बिपिन रावत (Bipin Rawat))। आपको बता दें कि ये और इनकी पत्नी दोनों मरते समय तक साथ निभाए और इनकी मृत्यु भी एक साथ ही हुई।
12 दिसंबर, ऐलात, इजराइल
यह तस्वीर है भारत की बेटी हरनाज संधू की जिन्होंने 21 साल बाद मिस यूनिवर्स का खिताब हासिल किया। उन्होंने मिस यूनिवर्स 2021 का ताज जब अपने सिर पर पहना वो वक्त हमारे देश के लिए बेहद खूबसूरत था। उनके आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े थे।
13 दिसंबर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
यह तस्वीर 13 दिसंबर की जब वाराणसी में में कुछ ऐसा हुआ जैस मानो हर जगह दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। पर आपको बता दें कि ये बाबा काशी विश्वनाथ के कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह का था। यहां प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी आए हुए थे। यस समय सबसे खुशहाली भरा था क्योंकि पिछले 3 सालों से दुनिया भर के बाबा के चाहने वाले इस दिन का इंतजार कर रहे थे। ऐसा कहा जाता है कि इस उद्घाटन ठीक वैसे ही हुआ जैसी उम्मीद थी। आपको बता दें कि इसे सजाने में 800 करोड़ रुपए की खर्च हुई थी। अब यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन करने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा बल्कि गंगा में स्नान करने के बाद श्रद्धालु सीधे बाबा के दर्शन कर सकेंगे।
9 दिसंबर, गाजीपुर, दिल्ली
यह तस्वीर उन किसानों की है जिन्होंने ना जाने कितने दिन और कितनी कठिनाइयों का सामना किया था। यहां तक कि अपने घर परिवार को छोड़कर कहीं दूसरी जगह रहना इतना आसन भी नहीं होता है। इन किसानों ने 9 दिसंबर को अपना तंबू उखाड़ना शुरू किया और घरों को वापस लौट रहे थे। पिछले वर्षये यहां आए थे ताकि वे पूरी दिल्ली को हिला सकें और इन किसानों ने यही किया। इन्हें पीएम मोदी लागू किए गए 3 कृषि कानून मान्य नहीं थे। सरकार ने 19 नवंबर को यह वापस ले लिया। साल 2014 में सत्ता में आने के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब मोदी सरकार ने अपना कोई फैसला वापस लिया हो। आपको बता दें कि इस आंदोलन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन ने देशभर के किसान संगठनों के साथ किया।
अब हम 2021 की दूसरी 21 तस्वीरे देखेंगे, जो भारत मां की छाती पर ऐसे घाव दिए हैं, जिसे वक्त भी नहीं भर पाएगा। तो आइए देखते है –
26 जनवरी, सिंघु बॉर्डर, हरियाणा
यह तस्वीर किसान द्वारा 26 जनवरी को दिल्ली में घुसकर विरोध प्रदर्शन किया था। आपको बता दें कि जब किसानों ने दिल्ली में घुसना शुरू किया तब पूरी सत्ता डगमगा गई। उसके बाद पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया और फिर आमने सामने की लड़ाई होने लगी। एक ओर देश के किसान थे तो दूसरी ओर देश के किसान। दोनो तरफ की लड़ाई में एक ओर से आंसू के गैस के गोले फेंकने शुरू किए तो दुसरे ओर से तलवारे निकाली जानें लगी।
26 जनवरी, लाल किला, दिल्ली
यह तस्वीर आपको धुंधली दिखाई देती होंगी क्योंकि यह तस्वीर CCTV की फुटेज से निकाली गई है। आपको बता दें कि यह तस्वीर इतनी दिल दहला देने वाली है शायद ही इसे कोई देख सके इसलिए अच्छा ही है कि यह तस्वीर धुंधली है। हालांकि यह तस्वीर 26 जनवरी की है जब किसान और जवान में टकराव हुई थी। गुस्सा इतनी उफान पर थी कि किसान किसी भी कीमत पर दिल्ली में घुसना चाह रहे थे और जवान इन्हें रोकना चाह रहे थे। इसी बीच एक बार ऐसा हुआ कि किसानों ने अपने ट्रैक्टर से जवानों का पीछा किया और इसी में कई जवान 30 फिट ऊंची दीवार से नीचे कूदने लगे। फिर एक किसान ट्रेक्टर के चक्के के नीचे ही आ गया। उसके बाद वह लहूलुहान होकर किसी भी तरह नीचे कूद गया।
26 जनवरी, लाल किला, दिल्ली
यह तस्वीर उस दिन की है जब दिल्ली के अंदर घुस कर लाल किले पर फहरते राष्ट्रध्वज को के पास अपना झंडा फहरा दिया, परन्तु उनकी इस हरकत से पूरा देश का सिर झुक गया।
7 फरवरी, चमोली, उत्तराखंड
यह तस्वीर एक ऐसे तबाही को दर्शा रहा है जो बेहद ही डरावनी है। दरअसल इस तस्वीर को देखकर ऐसा लगता है कि यह कोई नदी है पर यह एक तबाही है जो भूस्खलन से हुआ है। यह तस्वीर चमोली में पहाड़ी के ऊपर जब बादल फटा था। तब नीचे आते-आते मिट्टी-पत्थर, पेड़ों के साथ एक खतरनाक बहाव बन गया, जिसमें वहां काम कर रहे दर्जनों मजदूरों और नौकरी करने वालों को निकल गया। आपको बता दें कि यहां हफ्ते भर तलाशने के बाद भी कई लोगों का अता-पता नहीं चला।
15 अप्रैल, LNJP हॉस्पिटल, दिल्ली
यह तस्वीर राजधानी दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) हॉस्पिटल की है। जहां इतने मरीज क्रिटिकल कंडीशन में थे कि अस्पताल प्रशासन ने कोविड मरीज होने के बावजूद दो मरीज को एक ही बेड पर रखा ताकि किसी भी तरह इन्हे ऑक्सीजन मिलती रहे और दोनों सही सलामत रहे।
15 अप्रैल, गाजीपुर, दिल्ली
15 अप्रैल 2021 की यह तस्वीर आपके दिल को झकझोर कर रख देगी। यह तस्वीर गाजीपुर के एक श्मशान का है, जब पति को जलाया जाने लगा, उस वक्त इस पत्नी के सब्र के बांध ऐसे टूटे की वे सड़क पर चित पड़ गई और चिल्लाने लगी। दरअसल 9 दिन में अस्पताल के चक्कर लगाने के बाद इनके पति ने दम तोड़ दिया था। अपनी मां को रोते देख कर इन के दोनों बेटे आए और लिपट गए। यह मंजर वाकई दिल को झकझोर देने वाला था। भगवान ऐसे दिन किसी को ना दिखाएं।
15 अप्रैल, भोपाल, मध्य प्रदेश
15 अप्रैल को 7:10 मिनट की यह तस्वीर भोपाल की भदभदा विश्राम घाट की है। इस दहकती तस्वीर में गिनने जाएंगे तो 40 से ज्यादा चिताएं जलते नजर आएंगी और यह सभी कोरोना संक्रमित की थी। उस वक्त शमशानो की हालत कुछ ऐसी थी की जगह कम पड़ गई, लकड़िया खत्म होने लगा, यहां तक कि दाह संस्कार करने वाले की हाथों में छाले पड़ चुके थे और अंतिम संस्कार के लिए घंटों तक का इंतजार करना पड़ रहा था। आपको बता दें कि उस दिन भोपाल के तीन श्मशान घाट में करीब 155 शव पहुंचे थे जबकि सरकार के आंकड़े में सिर्फ 4 मौत हुई थी।
18 अप्रैल, गाजीपुर, दिल्ली
यह तस्वीर कोरोना काल में दिल्ली के अस्पतालों में ही नहीं बल्कि श्मशान घाटों में भी शव दाह के लिए जगह नहीं मिल रहा था। आपको बता दें कि 24 घंटे शव जलाए जा रहे थे। इस वक्त दिल्ली के श्मशान घाट पर या तस्वीर ली गई जहां वक्त की डरावनी तस्वीरें देखी जा सकती है। जल रहे शव के पास से जल्दी भाग रहे इस शख्स को देखकर ऐसा लगता है कि वह इस भयावहता से दूर भागने की कोशिश कर रहा है।
20 अप्रैल, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
यह तस्वीर दिल दहला देने वाला है। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के सर सुंदरलाल अस्पताल की है जहां एक मां कहती रह गई कि उनके बच्चे को ऑक्सीजन, बेड की जरूरत है, पर कोई आया नहीं। वह बोलती रही की इसे बाहर भी देख लो मगर उसके बेटे ने तड़प कर गोद में ही दम तोड़ दिया। आखरी में अपने बच्चे के शव को एक बैट्री रिक्शे पर लेकर निकल पड़ी। वही जब रिक्शा चल रहा था तो बच्चे का हाथ नीचे सड़क पर घिसटता हुआ जा रहा था।
27 अप्रैल, आगरा, उत्तर प्रदेश
यह तस्वीर एक महिला की है, जिसने अपने पति की सांसे रुकने के लिए कभी गले की सिकाई कर रही थी, तो कभी छाती पर गर्म पानी की बोतल, तो कभी विक्स लगा रही थी। वहीं बीच-बीच में वह अपने पति के लिए सिलेंडर के इंतजाम करने की गुहार भी लगा रही थी। 1 दिन जब उन्हें लगा कि उनके पति सांस नहीं ले पा रहे हैं तो उन्होंने अपनी सांसे देने की कोशिश करने लगे। फिर भी अस्पताल का ना ही बेड मिला और न ही अक्सीजन मिला। वे अपने पति को बचा नही पाई और उस शक्स ने अपनी पत्नी की गोद में ही दम तोड़ दिया।
7 मई, LNJP हॉस्पिटल, दिल्ली
यह तस्वीर एक पत्नी का है जो 24 घंटे दिल्ली के LNJP हॉस्पिटल के बाहर इंतजार करती रही। तस्वीर लेने के बाद इन्हें बेड मिला कि नहीं मिला ये आज तक किसी को नहीं पता है, परंतु अस्पताल के बाहर कई लोगों ने इनसे कहा कि तुम्हें कम से कम एंबुलेंस को मिली है। इन्होंने 24 घंटे इंतजार करने के बाद यह शिकायत करनी भी बंद कर दी और किस्मत के भरोसे बैठ गई।
13 मई, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
ये तस्वीर प्रयागराज से करीब 45 किलोमीटर दूर श्रृंगवेरपुर का है, जहां गंगा की पवित्र धारा में बहकर कर वह मृत आत्मा तो पवित्र हो गई परंतु कोरोना से हुए मौत के आंकड़ा छुपाने वाला मैनेजमेंट चंगा सी के सर्टिफिकेट के चक्कर में सब कुछ भूल गया। भास्कर की 30 रिपोर्टर्स ने जब गंगा किनारे बसे यूपी बिहार के 27 जिलों की पड़ताल की तब जाकर सच्चाई आपके सामने हैं जो आपको इन तस्वीरों में साफ दिख रहा है।
18 मई, मुंबई, महाराष्ट्र
प्राकृतिक को लेकर यह तस्वीर यही दर्शाती है की कुछ समय बाद प्राकृतिक ऐसी रूप लेगी की बहुत कम जगह इंसानों के रहने लायक बच जाएंगे, क्योंकि दुनिया में सरकार प्राकृतिक कहर को रोकने में पूरी तरह नाकाम हो चुकी है। इसका दावा तब हुआ जब मुंबई में ताउते तूफान टकराई थी। उस वक्त 6 लोगों की मौत हो गई और 9 घायल हो गए थे। आपको बता दें कि न्यूजर्सी के विज्ञान संगठन क्लाइमेट सेंट्रल की एक स्टडी में यह दावा किया है कि 2050 तक मुंबई के कई हिस्से पानी में डूब सकते हैं।
25 मई, बीजापुर, छत्तीसगढ़
यह तस्वीर आपको पूरी तरह से साफ नहीं दिखाई दे रही होगी, क्योंकि यह एक वीडियो से स्क्रीनशॉट लिया गया तस्वीर है। यह तस्वीर उस समय का है जब सेना के जवानों की लाशों को 24 घंटे से भी अधिक समय के बाद ट्रैक्टर- ट्रॉली में लाद कर ले जाने की तैयारी की जा रही थी। छत्तीसगढ़ के बाजीपुर में जब नक्सलियों ने 700 जवानों को घेर कर हमला किया था उस वक्त के इस वीडियो से यह फोटो निकाली गई है, जिसमें 20 जवानों के शव दिखाई दिए थे।
2 सितंबर, मुंबई महाराष्ट्र
यह तस्वीर सिद्धार्थ शुक्ला की है, जिनकी अचानक मौत ने पूरे देश को अचंभित कर दिया था। वे 40 साल के थे और हाल ही में उनके कैरियर अच्छी खासी चल रही थी। उन्होंने साल 2019 में बिग बॉस 13 जीत कर लाखों फैंस बना लिए थे।
3 अक्टूबर, लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश
यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की है, जो एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले थे। डिप्टी सीएम और भाजपा नेताओं के विरोध में वहीं पर किसानों ने एक जनसभा लगाई थी। किसानों की हिम्मत को देख केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने उन पर ही गाड़ी चढ़ा दी थी। इस घटना के बाद किसानों ने मंत्री के बेटे की गाड़ी में आग लगा दी। आपको बता दें कि इस घटना में करीब 8 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 4 किसान एक पत्रकार और तीन बीजेपी कार्यकर्ता थे।
3 अक्टूबर, मुंबई,
यह तस्वीर बॉलीवुड के फेमस हीरो शाहरुख खान के बेटे की है, जिन्होंने 3 अक्टूबर को पार्टी करते समय NCB ने आर्यन खान को अरेस्ट कर लिया था। यही वह दिन है जब से स्टार्ट किड्स की पार्टीया बंद हो गई थी।
22 अक्टूबर, सिंघु बॉर्डर, हरियाणा महाराष्ट्र
किसान आंदोलन को शुरू हुए करीब 10 महीने बीत चुके थे। दिल्ली के सिंधु बॉर्डर मोर्चे पर निहंगों ने एक शख्स को मौत के घाट उतार दिया था। इस शख्स पर गुरु ग्रंथ साहिब के कथित अपमान का आरोप लगा था, जिसके बाद सरबजीत सिंह नाम के एक निहंग ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसका बेरहमी से हत्या कर दिया।
8 दिसंबर, कुन्नूर, तमिलनाडु
यह तस्वीर बिपिन रावत और उनकी पत्नी का है जो सेना के अधिकारियों के साथ तमिलनाडु के लिए मिलिट्री कॉलेज में लेक्चर के लिए निकले थे। तभी कुन्नूर के पास एक हेलीकॉप्टर हादसा होने की खबर सुनने को मिली। उस हादसे में बिपिन रावत भी मौजूद थे। तब क्या था चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। शाम करीब 7:00 बजे यह कहा गया कि बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित 13 लोग इस हादसे इस हादसे के शिकार हो गए है। यह समय देश के लिए बहुत ही गंभीर था क्योंकि भगवान ने एक सच्चे सिपाही को छीन लिया था।
15 दिसंबर, भोपाल, मध्य प्रदेश
यह तस्वीर एक ऐसे परिवार की है, जिसमें हर कोई देश की रक्षा करने वाले हैं। तस्वीर में जो जवान चिता पर सोया है, वो गैलेंट्री अवॉर्ड विनर एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह हैं। इनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह आर्मी एयर डिफेंस (AAD) की रेजिमेंट में थे और दूसरा बेटा लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह इंडियन नेवी में हैं। 8 दिसंबर की हुई हादसे में वे घायल हो गए थे तो सभी को यह उम्मीद थी कि वे बच जाएंगे पर वे बच नही पाए।
18 दिसंबर, अमृतसर, पंजाब
यह तस्वीर स्वर्ण मंदिर का है, जहां अरदास के लिए लोग लाइन में लगे थे तभी एक लड़का लोहे की जंगली को पार कर गुरु ग्रंथ साहिब के करीब पहुंच गया उसने वहां रखी कृपाण को उठा लिया। यह देख सेवादार ने उस शख्स को पकड़कर गुरु ग्रंथ साहिब से घसीटते हुए बाहर लेकर आएं और उसे पीट-पीट कर मार डाला।
2021 की ये तस्वीरें देश में हुए अच्छी और बुरी दोनों यादों को फिर से ताज़ा कर देगी।