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50 वर्ष के उम्र में पास की LLB की परीक्षा, क्रिमिनल लॉयर बन अपने बचपन के सपने को पूरा किया

कहा जाता है कि शिक्षा ग्रहण करने और ज़िन्दगी में आगे बढ़ने की कोई उम्र नही होती बस ज़रुरत होती है तो दृढ़ सकंल्प, लगन और परिश्रम की। शिक्षा को लेकर इन सभी दृष्टिकोणों को साकार कर दिखाया है कोच्चि (Kochi) स्थित कुट्टीचल पचक्कडू (Kuttichal Pachakaddu) की रहने वाली 50 साल की महिला वी जयश्री (V. JayaShree) ने। वी जयश्री ने इस उम्र में केरल विश्वविधालय (Kerala University) से एलएलबी(LLB, Bachelor of Legislative Law) की परीक्षा थर्ड रैंक में पास कर क्रिमिनल लॉयर(Criminal Lawyer) बनने के अपने सपने को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाया और वर्तमान में बतौर जूनियर लॉअर प्रैक्टिस कर रही हैं।

बचपन से ही क्रिमिनल लॉयर बनना चाहती थीं जयश्री

एक प्राइवेट फर्म में बतौर एकाउंटेंट काम करने वाली जयश्री ने मीडिया को बताया कि – “मैं बचपन से ही वकील बनना चाहती थी लेकिन कट्टकड्डा के क्रश्चियन कॉलेज (Christian College in Kattakadda) से ग्रेजुएशन करने के बाद कुछ आर्थिक मजबूरियों के चलते ऐसा संभव न हो सका और मैं आगे नही बढ़ सकी, लेकिन मैंने प्रयास करना नही छोड़ा और अब मुझे उसी मेहनत का फल मिला है, 50 साल की उम्र में ही सही पर मेरा सपना साकार हुआ है मुझे इस बात की बेहद खुशी है”

 criminal lawyer V. JayaShree

परिवार का खर्च उठानें की वजह से छोड़नी पड़ी पढ़ाई

जयश्री के मुताबिक – “क्योंकि मेरा परिवार आर्थिक रुप से ज़्यादा सुदृढ़ नही था इसलिए ग्रेजुएशन के बाद न केवल मुझे अपनी पढ़ाई पूरी कर वकील बनने के सपने पर रोक लगानी पड़ी बल्कि नौकरी कर परिवार का खर्च भी उठाना पड़ा, शादी के बाद मेरे पति गोपा कुमार (Gopa Kumar) जो कि एक बढ़ई हैं और मेरे परिवार ने हर कदम पर मेरा साथ दिया और मैं अपने बचपन के सपने को पूरा करने में सफल हो सकी” कोच्चि स्थित कुट्टीचल पचक्कडू मूल निवासी जयश्री ने एमए और हायर डिप्लोमा एन को-आपरेशन(Higher Diploma in Co-Operation) पूरा किया हुआ था। उसके लगभग 25 साल बाद उन्होने अपने LLB करने के सपने को अंजाम दिया है।

जूनियर वकील के रुप में कर रही हैं प्रैक्टिस

LLB की परीक्षा में सफलता हासिल कर लेने के बाद वर्तमान में जयश्री तिरुवनंतपुरम में वेंथियूर कोर्ट में (Venthiyur Court in Thriuvananthapuram) एडवोकेट आर विनोद (Adv R Vinod) के अंडर बतौर जूनियर loयर (Junior Lawyer) प्रैक्टिस कर रही हैं। MLA केएस सबरीनाथ ( K S Sabrinath) ने भी जयश्री की इस अचीवमेंट पर उन्हें बधाई दी है।

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जयश्री ने केरल विश्वविधालय से तीसरे रैंक में उत्तीर्ण की एलएलबी की परीक्षा

बचपन से ही वकील बनने की ख्वाहिश लिए इस दिशा में प्रत्यनशील जयश्री ने अपने सपने को कभी बोझिल नही होने दिया और कड़ी मेहनत करते हुए केरल विश्वविधालय से तीसरे रैंक (third rank) में एलएलबी की परीक्षा पास की।

अपने सपने को पूरा करने में कई रुकावटों का सामना भी करना पड़ा जयश्री को

वी जयश्री बताती हैं- “सच कहूं तो इस उम्र में ये सब करना मेरे लिए काफी कठिन भी रहा लेकिन मेरे पति हमेशा से ही चाहते थे कि मैं आगे पढ़ाई करुं। मैं सुबह से शाम तक काम करती और फिर क्लास अटेंड करने कॉलेज भी जाया करती थी, जिसमें सबसे बड़ी रुकावट ये रही कि मेरे ऑफिस से लेकर मेरे कॉलेज तक कोई बस नही जाया करती थी, इन परिस्थितियों में मेरे पति रोज़ मुझे ऑफिस से कॉलेज छोड़ने जाया करते थे, मुझे गर्व है कि मुझे हमेशा अपने पति का साथ मिला है”

वकील की पोशाक पहन कर गर्व का अहसास होता हैः जयश्री

सारा दिन ऑफिस फिर क्लास अंटेंड कर रात 9:30 बजे घर पहुंच कर बाकी कामों के बाद भी जयश्री ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। जयश्री कहती हैं – “ मैनें पढ़ाई में अपना 100 प्रतिशत दिया लेकिन थर्ड रैंक में LLB परीक्षा पास कर लूंगी इसकी उम्मीद मुझे नही थी। वकील की यूनिफ़ॉर्म पहन कर मुझे गर्व महसूस होता है, भविष्य में मैं एक क्रिमिनल लॉयर बनना चाहती हूं”

सपने पूरे करने की कोई उम्र नही होती

जयश्री के मुताबिक – “जब मेरे बच्चों ने कॉलेज ज्वाइंन किया तो मैनें भी लॉ कालेज में एडमिशन लेने की इच्छा जाहिर की और लॉ एकेडमी में इवनिंग क्लासेस ज्वाइंन कर ली। यदि आपके भीतर किसी चीज़ को पाने का जूनून है और आपके पास आपके परिवार का पूरा सहयोग है तो कोई भी उम्र बाधक बनकर आपके सपने को पूरा होने से नही रोक सकती” जयश्री के दोनों बच्चे गोकुल होटल मैनेजमेंट में और गोपिका फिज़िक्स में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं।

अर्चना झा दिल्ली की रहने वाली हैं, पत्रकारिता में रुचि होने के कारण अर्चना जामिया यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं और अब पत्रकारिता में अपनी हुनर आज़मा रही हैं। पत्रकारिता के अलावा अर्चना को ब्लॉगिंग और डॉक्यूमेंट्री में भी खास रुचि है, जिसके लिए वह अलग अलग प्रोजेक्ट पर काम करती रहती हैं।

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