Sunday, December 10, 2023

90 के दशक के वो विज्ञापन आज ओझल तो हो गए है लेकिन मन में उनकी तस्वीर आज भी है।

आज भले ही हमारी दुनिया इंटरनेट में सिमट गई हो लेकिन कुछ पुरानी यादों के सामने ये आधुनिकता फीकी लगती है। बात करें विज्ञापनों की तो आज के दौर में ग्राफिक्स और कलरफुल विज्ञापनों में क्रिएटिविटी आपको साफ तौर पर दिख जाएगी। पर बचपन के वो विज्ञापन जो ज्यादा एडवांस तो नहीं थे लेकिन हम उनसे काफी जुड़े हुए थे। 90 के दशक के वो विज्ञापन आज ओझल तो हो गए है लेकिन मन में उनकी तस्वीर आज भी है।

आइए नजर डालते हैं उन्हीं कुछ खास विज्ञापनों पर –

कैडबरी जेम्स जितना रंगीला उतना ही पुराना

Cadbari jems

‘कैडबरी’ की शुरुआत 1824 में बर्मिंघम (यूके) में हुए थी। 1960 के बाद कैडबरी ने बच्चों के लिए शुगर कोटेड रंग बिरंगी चॉकलेट बनाने की शुरुआत की। छोटे-छोटे पाउच में आने वाली ये रंग बिरंगी चॉकलेट आज बच्चों के बीच ‘कैडबरी जैम्स’ के नाम से मशहूर है। हालांकि आज अगर आप इसका विज्ञापन देखेंगे तो वो उतना ही रंगीला होगा जितने की ये जैम्स।

ऑल्विन अब भारतीय बाजार में नहीं

Alvin

ऑल्विन’ की स्थापना 1942 में हैदराबाद में हुई थी। ये कंपनी फ़्रिज़, स्कूटर, रिस्ट वॉच आदि का निर्माण करती थी। कम दाम और अच्छी क्वालिटी के लिए मशहूर ऑल्विन भारतीय ग्राहकों के बीच काफ़ी मशहूर था, लेकिन अब मार्केट ने इसकी जगह कई दूसरी विदेशी कंपनियों ने ले ली है। अब ‘ऑल्विन’ बाज़ार से बाहर हो गया है।

बाटा के जूतों को जब पहन कर जाते थे स्कूल

Shoes of bata

अगर आपका जन्म 90 के दशक के आसपास हुआ है तो आप बाटा के जूतों को बेहतर जानते होंगे। शायद ही ऐसा कोई बच्चा हो जिसने बाटा का स्कूल शूज न पहना हो। बाटा की बेहतर और मजबूत क्वालिटी की वजह से ये लोगों की पहली पसंद बन गया था। बाटा भारतीय कंपनी नहीं है इसने 1931 में भारत में प्रवेश किया था। कुछ ही साल बाद ये भारतीय ग्राहकों के बीच मज़बूत और टिकाऊ ब्रांड के रूप में प्रसिद्ध हो गया। बाटा की सबसे बड़ी विशेषता है कम क़ीमतमें अच्छी क्वालिटी की जूते देना।

उषा सिलाई मशीन भारतीय महिलाओं की आमनात से कम नहीं

Usha stiching machine

सिलाई मशीन निर्माता कंपनी ‘उषा’ की स्थापना साल 1934 में हुई थी। उषा कंपनी भारत में सिलाई मशीन, लोहे के बक्से, कुकर, पंखे बनाने के लिए मशहूर है। 80 से अधिक वर्षों से ये आज भी भारतीयों का मनपसंद ब्रांड बना हुआ है। भारतीय परिवारों में शायद ही ऐसा कोई घर हो जहां महिलाओं के पास उषा सिलाई मशीन न हो। खैर अब तो सिलाई कढ़ाई की बात पुरानी हो गई है।

डालडा वनस्पति घी से जुड़ी हम सबकी यादें

Dalda vanaspati

बीते कुछ सालों तक डालडा का दबदबा बाजार में बना रहा जबतक उसकी जगह रिफाइंड ऑयल ने नहीं ली थी। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड’ के स्वामित्व वाली ‘डालडा’ की स्थापना 1930 में हुई थी, जो वनस्पती घी बेचता है। पिछले 90 सालों से डालडा दक्षिण एशियाई देशों में बड़े पैमाने पर लोकप्रिय है। साल 2003 में ‘Bunge Limited’ ने डालडा को ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड’ से ख़रीद लिया था। आज भी मिडिल क्लास फैमिलीज में डालडा के बड़े बड़े डब्बे अन्य समान रखने के लिए यूज किए जाते हैं।

पॉपिंस तो खाया ही होगा ? ये भी जान लीजिए

Poppins toffi

90’s के बच्चों की पसंदीदा Poppins का ये विज्ञापन तो याद ही होगा ? पारले के स्वामित्व वाला ये ब्रांड 1950 में लॉन्च किया गया था। पिछले 70 सालों से ये आज भी आस पड़ोस के स्टोर पर आपको मिल जायेगा। 21वीं सदी के बच्चे तो नहीं, लेकिन 90’s के बच्चे इसका स्वाद चखने के लिए इसे ख़रीद लेते हैं।

निरमा वाशिंग पाउडर का वो लोकप्रिय विज्ञापन

Nirma washing powder

भारतीय ब्रांड ‘निरमा’ वाशिंग पाउडर के लिए बहुत फेमस है। प्रिंट ऐड ही नहीं बल्कि टीवी ऐड और उसका गाना लोगों ने आज भी काफी लोकप्रिय है। इसकी स्थापना 1990 में हुई थी। ये भारतीय ब्रांड आज भी वाशिंग पाउडर और डिटर्जेंट के क्षेत्र में बहु-राष्ट्रीय कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रहा है। बता दें कि ये भारत का पहला वाशिंग पाउडर ब्रांड है।

आज भी डाबर आमला भारतीयों का अनूठा विश्वास

Dabour amla oil

‘डाबर’ शुद्ध भारतीय ब्रांड है जिसकी स्थापना 1884 में हुई थी। पुराना होने के साथ ये आज भारतीयों के लिए सबसे विश्वसनीय ब्रांड है। डाबर आंवला हेयर ऑयल को 1940 में लॉन्च किया गया था। तब से लेकर अब तक ये हेयर ऑयल भारतीय बाज़ार में नंबर 1 बना हुआ है।

चारमीनार सिगरेट विज्ञापन थी नई क्रांति

Charminar sigrate

1970 के दशक में ‘चारमीनार सिगरेट’ काफ़ी लोकप्रिय था। 70 और 80 के दशक में ये ब्रांड आकर्षक पैकेजिंग, क्लासिक टैग-लाइन्स और विज्ञापनों के ज़रिए लोगों के बीच काफी लोकप्रिय था।

1980 से आज तक पान पराग नंबर वन

Pan prag

पान पराग वो पान मसाला ब्रैंड है जो पहले और आज भी देश में काफी प्रतिष्ठित है। पान पराग ने 1980 के दशक में छोटी-छोटी पाउच में पान मसाला बेचना शुरू किया था। आज ये देश का अग्रणी पान मासाला ब्रांड बन चुका है। इसकी टैगलाइन हम बारातियों का स्वागत पान पराग से करेंगे काफी फेमस है।

जब हर हिन्दुस्तानी की हाथ पर सजती थी HMT घड़ी

HMt watch

एक दौर था जब HMT की घड़ियां लगभग सभी हिन्दुस्तानियों के हाथ पर होती थी। इसकी वजह ये थी कि HMT अपनी गुणवत्ता, सादगी और विश्वसनीयता के कारण 5 दशकों तक घड़ियों के लिए भारत का नंबर 1 ब्रांड बना रहा। 7 फ़रवरी, 1953 को केंद्र सरकार द्वारा ‘हिंदुस्तान मशीन टूल्स’ स्थापित की गई थी। लेकिन अब HMT के लगभग सभी कारखाने बंद हो चुके हैं।

ग्रामीण इलाकों में गोल्ड स्पॉट ऑरेंज ड्रिंक की लोकप्रियता

orange drink

गोल्ड स्पॉट 80 के दशक में भारत का सबसे लोकप्रिय पेय ब्रांड था। गोल्ड स्पॉट के ‘ऑरेंज फ़्लेवर्ड’ को काफ़ी लोकप्रियता मिली थी। शहरों में ही नहीं भारत के ग्रामीण इलाक़ों में भी इस सॉफ़्ट ड्रिंक की काफ़ी डिमांड रहती थी। 1990 ‘गोल्ड स्पॉट’ को ‘कोको-कोला’ द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था।

बिनाका टूथपेस्ट जो बाद में डाबर से जुड़ गया

Binaka toothpaste

बिनाका टूथपेस्ट 80 के दशक में जाना मना नाम था। सन 1950 में इसे लॉन्च किया गया था। और 1970 तक ये देश का नंबर वन ब्रांड बन गया था। 80 के दशक में रेडियो पर ‘बिनाका गीतमाला’ नाम का एक लोकप्रिय कार्यक्रम प्रसारित होता था। इसके बाद 1996 में ‘बिनका’ को ‘डाबर’ द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया।

ये कुछ पुराने और पॉपुलर ब्रांड की एक छोटी सी झलक थी, जिन्होंने कई दशकों तक भारतीय बाज़ार पर राज किया। इनके अलावा भी नटराज, हॉर्लिक्स, लक्स, लिरिल, पॉन्ड्स, अमूल, रिन, टाइड, एनासिन, प्रेस्टीज, मिल्की बार, प्रिस्टेंट टूथपेस्ट, सिंथोल जैसे कई ब्रांड काफ़ी पॉपुलर हुए थे।