देश की सेवा करने के लिए जरुरी नहीं कि आप सेना में ही हों। देश की सेवा किसान, डॉ, इंजीनियर, शिक्षक, पुलिस, IAS आदि बनकर भी किया जा सकता है। बस अपनी-अपनी रुचि चाहिए कि देश सेवा करनी कैसे है। बच्चे को देश प्रेम की भावना अपने माता-पिता और गुरू के दिए हुए ज्ञान की वजह से आता है। कई बच्चे, युवा अपने पैरंट्स को देश सेवा में देखकर वे भी राष्ट्र सेवा करना चाहते हैं। आज की यह कहानी भी कुछ ऐसी ही है।
आज आपको एक ऐसी बेटी के बारे में जानने का मौका मिलेगा जिसने अपने माता-पिता को आर्मी में देश की सेवा करते हुए देख खुद को देश की सेवा के लिए एक IAS बनने का फैसला किया तथा IAS बनकर भी दिखाया। उस बेटी ने सिर्फ 22 वर्ष की उम्र में ही वर्ष 2019 में 28वीं रैंक के साथ देश सेवा की भावना के सपने को साकार किया।
चंद्रज्योति सिंह (Chandra Jyoti Singh) अभी महज 22 वर्ष की हैं। उनके माता-पिता दोनों आर्मी में थे। चंद्राज्योति सिंह ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पैरंट्स आर्मी में भर्ती होकर राष्ट्र सेवा किया है। देश सेवा के लिए प्रशासनिक सेवा में आना भी बेहतर विकल्प है। उन्होंने बताया कि उनके पैरंट्स देश के भिन्न-भिन्न शहरों में रहे हैं इसलिए उनकी शिक्षा भी अलग-अलग जगहों पर हुईं है।
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चंद्रज्योति को अपने बचपन से ही क्विजिंग और डिबेट का बेहद शौक था। वह अपने स्कूल के एक्सट्रा करिकुलर एक्तिविटी में अक्सर आगे रहती थीं। वह हमेशा से हीं एक IAS बनना चाहती थी और इसमें उनके माता-पिता ने पूरा सहयोग किया। चंद्रज्योति सिंह ने वर्ष 2018 में हिस्ट्री ऑनर्स से दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की उपाधि हासिल किया।
उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद IAS बनने की तैयारी का सफर आरंभ किया। चंद्रज्योति बताती हैं कि वह 5 महीने मे हीं सिलेबस खत्म कर दिया था। यदि उनकी स्ट्रेटजी के बारे में बात किया जाए तो उन्होंने 2 भागों में तैयारी आरंभ किया। उन्होंने पहले भाग में जीएस और दूसरे भाग में ऑप्शनल की तैयारी शुरु किया। उसके बाद वह रात में अखाबर पढ़ने में 1 से 2 घंटे का समय लगाती थी। उसके बाद चंद्राज्योति ने अक्तूबर माह मे मॉक टेस्ट और टेस्ट सीरीज के माध्यम से तैयारी पर अधिक ध्यान केंद्रित किया।
चंद्राज्योति नहीं यूपीएससी (UPSC) की तैयारी सेल्फ स्टडी से किया। उन्होंने बताया कि वे अपनी स्ट्रेटजी और रिसोर्सेज हमेशा लिमिटेड रखा। हिस्ट्री उनका ऑप्शनल सबजेक्ट था। इसलिए चंद्राज्योति ने इतिहास विषय की तैयारी पर अधिक ध्यान दिया। वह प्रतिदिन 6 से 8 घंटे का समय तैयारी करने में लगाती थीं। उसके बाद परीक्षा के कुछ समय पहले 10 से 12 घंटे की तैयारी करती थीं।
उन्होंने करेंट अफेयर्स की तैयारी के लिए ऑनलाईन साईटस, किताबों और ऑनलाइन रिसोर्सेज का सहयोग लिया। उसके बाद से उन्होंने आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस आरंभ किया। इसके साथ-साथ वह अपनी तैयारी के नोट्स बनाना कभी नहीं भूलती थीं। अपने द्वारा बनाए हुए नोट्स को बार-बार दोहराकर तैयारी करती रहीं।
चंद्राज्योति के अनुसार वह मॉक टेस्ट को बेहद महत्वपूर्ण मानती हैं। वह कहती हैं कि इसके जरिए हम परीक्षा के लिए दिमाग को तैयार कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वह प्रिलिम्स के लिए लगभग 50 मॉक टेस्ट दिये। इसके अलावा इंटरव्यू के लिए भी मॉक टेस्ट को आवश्यक मानती हैं।
उन्होंने पहले सभी परीक्षाओं की तैयारी किया लेकिन प्रिलिम्स के परीक्षा के 2 माह पहले उन्होंने सिर्फ इसी पर ध्यान केंद्रित किया। उसके बाद मेन्स की परीक्षा के लिए टेस्ट सीरीज ज्वाइन किया। कई बार ऐसा होता है कि कई लोग अधिक पढ़ाई से ऊब जाते हैं परंतु चंद्राज्योति ने कभी भी अपने आप को पढ़ाई से मन हटने नहीं दिया। वह पर्सनल लाईफ में भी स्वयं को हमेशा चार्ज रखती थीं।
चंद्राज्योति बताती है कि वह 15 दिन में एक बार पढ़ाई से खुद को पूरा दिन अलग रखती थीं। वह उस दिन को दोस्तों के साथ मूवी देखकर या पसंदीदा फिक्शन पढ़कर व्यतीत करती थी। उन्होंने बताया कि तैयारी के दौरान अधिक स्ट्रेस न हो इसके लिए स्वयं को ब्रेक देना बहुत जरुरी होता है।
The Logically चंद्राज्योति सिंह को महज 22 वर्ष की उम्र मे सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत बहुत बधाइयां देता है साथ हीं उनकी खूब प्रशंसा करता है।