Wednesday, December 13, 2023

अगर अपने बच्चों को बनाना चाहते हैं सफल, तो किताबी शिक्षा के साथ ही यह 5 बातें जरूर सिखाएं

पेरेंटिंग (Parenting) सुनकर ही जिम्मेदारी का एहसास होने लगता है। किसी भी माता – पिता के लिए बच्चों को हर सुख सुविधाओं से लैस कराने के साथ मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत बनना किसी चैलेंज से कम नहीं। आज समय के साथ लोगों की सोच में काफी बदलाव अा गया है। इसी कड़ी में बढ़ते कॉम्पटीशन और नई तकनीक के मद्देनजर सभी पेरेंट्स अपने बच्चों को कम उम्र में ही काफी कुछ सिखाने पढ़ाने में लग गए हैं। अब जब बच्चा 5 साल की उम्र होने तक कोडिंग सीख रहा है तो एक सवाल यह भी उठता है कि क्या इस डिजिटल वातावरण में रमने कि होड़ में इन बच्चों का बचपन पीछे नहीं छूट रहा ? दूसरा सवाल यह है कि एकेडमिक्स और टेक्नोलॉजी के साथ बच्चों को नैतिक मूल्यों ( Moral values) की कितनी जानकारी है ?

हम कितनी भी ऊंची या बेहतर शिक्षा क्यों न ग्रहण कर लें नैतिक मूल्यों के बिना यह अधूरी ही होगी। इतिहास में जितने भी लोग सफलता की उचाईयों तक पहुंचे हैं उनके विचार सर्वश्रेष्ठ रहें हैं। इसलिए अगर आप अपने बच्चों के बेहतर भविष्य की कामना करते हैं और उन्हें जीवन में सफल बनाना चाहते हैं, तो उनके व्यवहारिक गुणों पर भी काम करना होगा।

Moral values for children

गलती मान लेना इतना भी कठिन नहीं

ज्यादातर बच्चों में यह देखने को मिलता है कि गलती करने के बाद भी वें उसे एक्सेप्ट करने में कतराते हैं जो कि काफी गलत बात है। अपनी गलती मान लेने से न केवल सामने वाले को बेहतर लगता है बल्कि आप भविष्य में उसे दोबारा दोहराने में भी सजग रहते हैं। सॉरी शब्द आपको छोटा नहीं बल्कि आपकी छवि को बेहतर बनाता है। इसलिए इसे प्रयोग करने में कोई झिझक नहीं करनी चाहिए।

तारीफ करने से क्यों कतराते हैं ?

तारीफ ऐसी चीज है जो हर किसी को पसंद आती है। लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो खुलकर तारीफ करते हैं। हम आए दिन ऐसे बहुत सारे लोगों से मिलते हैं, जो कई कामों से हमसे बेहतर होते हैं या जिनसे मिलकर हमें खुशी मिलती है। हमें स्वयं ऐसे लोगों की सच्ची प्रशंसा करनी चाहिए। अपने बच्चों को भी यही सिखाएं कि जब भी उन्हें सच्चा टैलेंट या कोई मददगार मिले, तो उसकी दिल से तारीफ करें। तारीफ एक ऐसा मरहम है, जो दिल की गहरी से गहरी चोट को ठीक कर सकता है।

Moral values for children

समय का पहिया वापस नहीं घूमता

समय हर उम्र के लोगों के लिए मूल्यवान है। इसकी अहमियत अगर बचपन से ही सिखाई जाए तो आगे चलकर परेशानी नहीं होती। हम सभी देखते हैं कि बच्चों के अन्दर मन चाहे काम को करने की चाहत होती है। कई बार वो घंटों टीवी, मोबाइल और अन्य गैजेट्स में अपना अत्यधिक समय गुजार देते हैं। ऐसे में उन्हें प्रॉपर शड्यूल के तौर पर काम करने की सीख देनी चाहिए। पेरेंट्स अपने बच्चों को डेली रूटीन का टाइमटेबल बनने के लिए भी प्रेरित करें।

सम्मान सबका अधिकार

सम्मान का कोई दायरा नहीं होता है। रंग, कद, पद, जाति, मजहब के परे हर किसी को सम्मान मिलना चाहिए। बच्चों को सिखाए की घर में बढ़े – बूढ़ों का सम्मान करने के साथ अपने से छोटों को भी समान महत्व दें। बच्चों को यह सिखाए की उम्र आर्थिक स्तिथि को ध्यान में न रखते हुए सभी की इज्जत करें।

Moral values for children

पैसों की वैल्यू का हो ऐहसास

पैसों का महत्व किसी से छिपा नहीं है। लेकिन सफलता का महत्व सिर्फ पैसे हासिल कर लेना नहीं है। बल्कि उसका प्रयोग हम कब और कैसे कर रहे हैं यह ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर हम पैसे की वैल्यू नहीं समझते तो हम वास्तविक तौर पर सफल नहीं है। इसलिए कोशिश करें कि आपका बच्चा बेफिजूल खर्च से बचे और समझदारी से उसका प्रयोग करें। पैसे जमा करने की आदत उनमें बचपन से ही विकसित होने चाहिए।