आपने पौराणिक कथाओं में श्रवण कुमार के बारे में जरूर सुना होगा लेकिन कलयुग में श्रवण कुमार जैसा बेटा होने का किसी ने उम्मीद तक नहीं की होगी, आज कल बेटों के पास माता-पिता से बात करने का समय नहीं तो उनके साथ घूमने की बात ही अलग है। वहीं इन दिनों सोशल मीडिया युवा कारोबारी सरथ कृष्णन (Sarath krishanan) की तस्वीर खूब वायरल हो रही है जो अपनी मां के साथ यात्रा पे निकले है।
कलयुग का श्रवण
आज के इस कलयुग मे बेटे अपने माता-पिता को बोझ समझते है वहीं सरथ जैसे बेटे ने कलयुग के श्रवण के रूप में अपने पहचान मीडिया में बनाई।
मां के साथ देश के अधिकांश हिस्सों में किया यात्रा
सरथ अपने मां के साथ देश के अधिकांश हिस्सों में यात्रा कर चुके है। बेटे और मां एक दूसरे को अपना बेस्ट ट्रेवलिंग पार्टनर मानते है। अब तक वो दिल्ली, अमृतसर, नेपाल, तिब्बत,माउंट एवरेस्ट,नासिक, शिरडी, बाघा बार्डर, अजंता-एलोरा की गुफाएं भी देख चुके है।
यात्रा करने के पीछे की वजह
सरथ कहते है,” एक दिन मैंने सपना देखा कि अपनी मां का हाथ पकड़ कर वाराणसी (काशी) के घाटों पर घूम रहा हूं, और पीछे से खूब भजन कि आवाज आ रही थी लेकिन जैसे ही मेरी आंख खुली मै अपने कमरे मे गहरी नींद में सोया था” अगले ही दिन उन्होंने बनारस की 2 टिकट बुक करवाई और किचन में काम कर रही मां से जाकर बोला,” अम्मा मैंने बनारस की टिकट बुक कर दी है,चलो अब हम घूमने चले।” लेकिन जैसे ही मां ने ये बातें सुनी वो चौंक सी गई लेकिन वो विरोध नहीं की और आखिर में यात्रा पे चलने के लिए राजी हो गई। सारथ बताते है,”हम फ्लाइट मे सवार हुए और 7 बजे तक बनारस पहुंच गए,हौसला बढ़ने के बाद, हम उस सुबह सपने मे जैसे हाथ पकड़े घाटों पर चले गए।”
सरथ जैसे बेटे अगर दुनिया के सभी माता-पिता को हो तो किसी भी मां-बाप को वृद्धा आश्रम नहीं जाना पड़ेगा। हमे सरथ को देखकर ये सीखना चाहिए की आप कहीं भी अपने दोस्तो के साथ घूमो लेकिन माता-पिता के साथ रहने की अनुभूति स्वर्ग मिलने के बराबर है।