Saturday, December 9, 2023

केरल के इस गांव में महिलाओं ने शुरू किया फूल की खेती, लगभग 350 महिलाओं को रोजगार प्राप्त हुआ

कोविड-19 महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन की वजह से लोगों को न केवल आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा बल्कि ऐसा लगा मानों सबकी ज़िंदगी में एक सूनापन आ गया हो। वहीं लॉकडाउन की इन मजबूरियों ने कुछ लोगों को सकारात्मक दिशा में काम करने के लिए भी प्रेरित किया। ऐसे में केरल के अल्पुज्जा जिले (Kerala’s Alappuzha District) के चेनम पल्लीपुरम ग्राम पंचायत(Chennam Pallippuram Gram Panchayat) की महिला किसानों का ज़िक्र करना ज़रुरी हो जाता है। जिन्होनें लॉकडाउन के समय को व्यर्थ न करते हुए फूलों की खेती की और अपने गांव को ‘फूलों के गांव’ (Village of Flowers) के रुप में परिवर्तित कर दिया।

अब गेंदा, चमेली, ओलियंडर की खुशबू से महक रहा है ये गांव

वर्तमान में जहां केरल के अल्पुज्जा जिले के चेनम पल्लीपुरम ग्राम पंचायत का प्रत्येक वार्ड फूलों की खेती कर गांव के निवासियों के लिए आय के स्रोत के रुप में काम कर रहा है। वहीं गेंदा, चमेली, ओलियंडर जैसे फूलों की खुशबू से महकते हुए गांव की हर गली व कोना एक गुलदस्ते जैसा प्रतीत होता है और इसका पूरा श्रेय गांव की महिला किसानों को जाता है।

Flowes farming

गांव को एक फ्लावर बैड का रुप दे दिया है महिलाओं ने

गांव को एक फ्लावर बैड (flowerbed) का रुप मिलने पर पंचायत के अध्यक्ष टीएस सुधेश (T S Suresh) का कहना है कि – “जैसे ही लॉकडाउन शुरु हुआ चेनम पल्लीपुरम ग्राम पंचायत की महिलाओं ने यह तय किया कि ग्राम पंचायत के 17 वार्डों और गांव की 85 एकड़ से भी अधिक ज़मीन का उपयोग फूलों की खेती के लिए किया जाये, इस पहल ने गांव की सुंदरता को बढ़ाने के अलावा 340 से भी अधिक महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर भी प्रदान किये हैं“

यह भी पढ़ें :- UP का यह किसान 2 बीघे में कर रहा है तुलसी की खेती, आम फसल के मुकाबले हो रही है मोटी कमाई

सुभक्षा परियोजना के तहत हो रहे हैं सब काम

Times of India की एक रिपोर्ट के मुताबिक – राज्य सरकार की सुभक्षा परियोजना (Subhaksha Project)के ज़रिये खाधन्न की कमी को पूरा करने और अनियंत्रित भूमि को खेतों में बदलने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के लाभार्थियों को खेती के काम के लिए लगाया जा रहा है।

Flowes farming

सब्ज़ियों की खेती की दिशा में भी हो रहे हैं प्रयास

भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए गांव के पंचायत अधिकारी कहते है – “महिलाओं द्वारा गांव में फूलों की खेती करने की पहल को एक बड़ी सफलता मिली है जिसको देखते हुए हम दूसरे चरण में फूलों की खेती के साथ-साथ बड़े पैमाने पर सब्ज़ियों की खेती करने की दिशा में भी शुरुआत करने वाले हैं, जिससे बेशक ही महिलाओं को और अधिक रोजगार मिलने की संभावनाएं भी बढ़ेंगी, वर्तमान में खेतों में केवल कुछ घंटों का समय देने पर एक महिला को 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिये जा रहे हैं”

महिलाओं की 20 सदस्यीय टीम देख रही है सारा काम

पंचायत अध्यक्ष सुधेश के मुताबिक – “पंचायत ने फूलों की खेती के लिए महिलाओं की एक 20 सदस्यीय टीम नियुक्त की है, पूजा की तमाम रस्मों से लेकर शादियों जैसे प्रत्येक कामों में फूलों की अच्छी-खासी डिमांड रहती है, जिससे बेशक ही बिक्री बढ़ती है साथ ही गांववालों को अच्छे रिटर्नस् भी मिल रहे हैं”