Wednesday, December 13, 2023

योगी सरकार ने ढाई लाख मुकदमें वापस लेने का दिया आदेश, जानिए क्यों हुए थे इतने मुकदमे

आम आदमी के लिए कोर्ट कचरी या कोई छोटा मुकदमा भी सिर दर्द बन जाता है। कोई भी इनके पड़चे में नहीं पड़ना चाहता। सामाजिक प्रतिष्ठा तो ताक पर लगती ही है ऊपर से जो समय व्यर्थ जाता है सो अलग। लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान कोविड प्रोटोकॉल (Covid protocol) का उलंघन करने वाले लोगों पर योगी सरकार का सख्त रवैया तो याद ही होगा। किसी पर फाइन तो किसी पर सीधा मुकदमा दर्ज कर दिया गया था।

योगी सरकार ने ढाई लाख मुकदमों को वापस लिया

कोरोना जैसी महामारी को रोकने के लिए प्रशासन की इस सख्ती को गलत भी नहीं कहा जा सकता। लेकिन अब जब महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीन अा गई है साथ ही महामारी अब काफी हद तक काबू में है तो सरकार ने भी अपनी नरमी दिखा दी है। अच्छी खबर ये है कि कोविड प्रोटोकॉल का उलंघन करने वाले लोगों पर दर्ज ढाई लाख मुकदमे को सरकार ने वापस ले लिया है। इससे उन लोगों को काफी राहत मिली है जो इस जंजाल से जूझ रहें थें।

Up government took back litigations

लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने की थी सख्त कार्रवाई

मार्च 2020 में जब कोरोना पूरे विश्व में जब तेज़ी से अपने पैर पसार रहा था तब सरकार ने देश में तालाबंदी लागू कर दी थी। वैश्विक महामारी (Global pandemic) के सामने सुपर पॉवर अमेरिका तक बेबस था। भारत में केंद्र और राज्य सरकार की सूझबूझ ने इस महामारी से लड़ने और बचने में काफी हर मुमकिन तर्क निकाला। हालांकि कुछ मनचले लोग ऐसे भी थे जिन्होंने गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल को हल्के में लेते हुए मनमर्जी दिखाई। जिसके परिणामस्वरूप मास्क का प्रयोग न करने, बेवजह घर से बाहर निकलने और सामाजिक दूरी को तार तार करने वाले लोगों पर पुलिस ने सख्त करवाई की थी। उस समय हमारे पास वैक्सीन का विकल्प नहीं था। बल्कि बढ़ते कोरोना केसेज से देश की हालत खस्ता थी।

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CM of UP

कोविड मुकदमें वापस लेने वाला यूपी पहला राज्य

अब जब महामारी अपनी विदाई बेला में है तो सरकार ने भी नागरिकों को राहत दे दी है। केस के कारण उन्हें थाना कचहरी में दौड़ धूप की दिक्कत नहीं होगी। वैसे तो ऐसा राजनीतिक लोगों तक ही ऐसा लाभ सिमट रहता है लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) ने जनहित को ध्यान में रखते हुए ऐसा फैसला लिया है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश कोरोना से जुड़े केस वापस लेने वाला पहला राज्य बना चुका है।

कोई भी कल्याणकारी सरकार अपने नागरिकों की प्रताड़ना नहीं देखना चाहेगी। ऐसे में हम नागरिकों का भी कर्तव्य है कि हम सरकार द्वारा जारी नियम कानूनों का पालन करें। कोरोना का एक सबक यह भी है।