हर यूपीएससी UPSC पास करने वाले कैंडिडेट की जीवन कथा प्रेरणादायक होती है। आज की हमारी कहानी एक ऐसे ही आईएएस IAS अफसर निधि सिवाच (Nidhi Siwach) की है। उन्होंने साल 2018 में यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 83 प्राप्त किया। यह निधि का तीसरा प्रयास था। इससे पहले दो प्रयासों में वह सफल नहीं हो पाई थीं। इस बार निधि ने अपनी गलतियों को समझा और उसे सुधारा। निधि ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान किसी भी तरह की कोचिंग को ज्वाइन नहीं किया था।
निधि करती थी सेल्फ स्टडी
निधि सिवाच (Nidhi Siwach) हरियाणा (Haryana) के गुरुग्राम की रहने वाली हैं। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की है। उसके बाद निधि हैदराबाद की एक कंपनी में नौकरी करने लगीं। 2 साल तक उन्होंने नौकरी की और उसी दौरान उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया। बिना देर किए इसकी तैयारी शुरू कर दी। निधि कोचिंग के बजाय सेल्फ स्टडी पर विश्वास करते हुए तैयारी शुरू कर दी।
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तीसरे प्रयास में मिली सफलता
पहले प्रयास में निधि सफल नहीं हो पाई परंतु इससे वह हार नहीं मानी। अपने दूसरे प्रयास के लिए पूरी लगन से तैयारी करने लगीं। निधि को अपने दूसरे प्रयास में भी सफलता नहीं मिल पाई। दो बार असफल होने के बावजूद भी उन्होंने खुद को मोटिवेटेड रखा और अपनी गलतियों को सुधार कर तीसरा प्रयास किया। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 83 प्राप्त किया और उनका आईएएस IAS बनने का सपना पूरा हुआ।
निधि देती हैं यूपीएससी की टिप्स
निधि बताती हैं कि यूपीएससी UPSC की तैयारी के लिए सेल्फ स्टडी बहुत ही जरूरी है। अपने असफलता से हार नहीं माने, जब तक सफलता ना मिले कोशिश करते रहे। साथ ही अपनी गलतियों को समझे और उसे सुधारने की कोशिश करें। इसके अलावा ज़्यादा से ज़्यादा आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करें और रिवीजन करते रहें। निधि सिवाच (Nidhi Siwach) कहती हैं कि पूरी लगन और कड़ी मेहनत से कोशिश करें तो सफलता ज़रूर मिलेगी।