किसी की मदद करना या किसी को प्रसिद्ध करना है, तो इसके लिए सोशल मीडिया बहुत ही सही सिद्ध हो रहा है। अधिकतर लोग सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना पसंद करते हैं, जिस कारण किसी जरूरतमंद की मदद बहुत आसानी से की जा सकती है। सोशल मीडिया में कितनी ताकत है, इससे हम सभी परिचित हैं।
आज का हमारा यह लेख एक ऐसे व्यक्ति का है, जिन्होंने दिहाड़ी मजदूरी क उसके बाद उन्होंने लाइब्रेरी बनाई थी, परंतु वहां आग लगी और लाइब्रेरी राख बन गई, तब लोगों ने उनकी मदद के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
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63 वर्षीय सैयद इस्हाक़
63 वर्षीय सैयद इस्हाक़ (Syed Issaq) मैसूर (Mysuru) से सम्बंध रखते हैं। उन्होंने दिहाड़ी मजदूरी करके एक लाइब्रेरी का निर्माण किया, जिस लाइब्रेरी में लगभग 11000 से भी अधिक किताबें थीं। किताबों में कुरान, भगवत गीता और बाइबल भी मौजूद थे। यहां अधिकतर किताबें कन्नड़ भाषा में मौजूद थी। वह अपनी इस लाइब्रेरी को वर्ष 2011 से अग्रसित किए हुए थे। यहां किसी भी धर्म का व्यक्ति जाकर अपने धर्म की किताबें पढ़ सकता था, लेकिन दुखद बात यह है कि उनकी यह लाइब्रेरी जलकर खाक हो गई है।
कन्नड़ भाषा का विरोध करने वालों ने जलाई लाइब्रेरी
जब सैयद की लाइब्रेरी जल गई, तब उन्होंने थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में उन्होंने यह लिखवाया कि कन्नड़ भाषा का जो व्यक्ति विरोध करते थे, उन्होंने इसे जलाया है। मतलब जो व्यक्ति कन्नड़ भाषा को पसंद नहीं करते, उन्होंने ही यही गलत कार्य किया है। मेरा यह मानना है कि इस क्षेत्र में लाइब्रेरी का होना अतिआवश्यक है, क्योंकि यहां शिक्षा व्यवस्था अच्छी नहीं है।
सोशल मीडिया से मिली 13 लाख की मदद
जब इस बात की जानकारी लोगों को मिली, तब उन्होंने यह निर्णय लिया कि वह सैयद की मदद के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेंगे। सोशल मीडिया की मदद से अब उनके पास लगभग 13 लाख रुपए की राशि एकत्रित हुई है। सैयद ने बताया कि जो भी हुआ, वह अच्छा ही हुआ क्योंकि यहां शिक्षा की बहुत ही ज्यादा जरूरत है और इस राशि में फिर से अपना कार्य प्रारंभ करूंगा।