आज पूरा भारत कोरोना संक्रमण की गहरे चपेट में है। लगातार दूसरे वर्ष में कोरोनावायरस ने दस्तक देकर भारत के जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जहां हर ओर मौत, घबराहट, रूदन, तकलीफ, चीत्कार फैली हुई है, ऐसी स्थिति में हम लाए हैं एक बहुत ही सकारात्मक और प्रेरणादायक कहानी जो देमंती देवी की है। 105 वर्षीय बुजुर्ग महिला कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गई थीं लेकिन उन्होंने अपने हौसले और जीने के जज्बे से कोरोना को हरा दिया है।
जैसा कि सभी जानते हैं कि इस बार का कोरोनावायरस पिछले साल की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही खतरनाक है। पिछले साल की अपेक्षा इसका प्रसार भी तीव्र गति से हो रहा है और डेथ रेट भी ज्यादा है। देशभर के अस्पतालों में कोरोनावायरस के इलाज के लिए आपा-धापी, ऑक्सीजन की भयंकर कमी सरीखी हालात स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। आलम यह है कि अस्पतालों में बेड खाली नहीं है तो ऐसे में कोरोना मरीज अस्पताल के बाहर सड़क किनारे, गाड़ी में किसी तरह खुद को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। इस बार क्या बुजुर्ग, क्या जवान, क्या बच्चे कोरोना वायरस सबको काल के गाल में धकेल चुका है।
कोरोना संक्रमण के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह बुजुर्गों पर ज्यादा असर करता है क्योंकि उनकी इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर रहती है। ऐसे में बिहार से आई एक खबर सभी कोरोनावायरस संक्रमितों के लिए एक प्रेरणा है, उन्हें हिम्मत देने वाला है, उनका हौसला बढ़ाने वाला है। पटना की रहने वाली 105 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला ने कोरोना की जंग जीत ली है। महिला ने यह जंग होम आइसोलेशन में रहते हुए जीती है।
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बिहार की राजधानी पटना के आशियाना नगर में रहने वाले डॉक्टर डीएन अकेला जिनकी उम्र 68 वर्ष है उनकी मां देमंती देवी जिनकी उम्र 105 वर्ष है तथा उनकी पत्नी 61 वर्ष की हैं। 11 अप्रैल को यह पता चला कि उनके पूरे परिवार की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव है। हालांकि डॉक्टर डीएन अकेला अपनी मां को लेकर थोड़ा घबराए जरूर क्योंकि उनकी उम्र काफी ज्यादा है लेकिन उन्होंने अपना हौसला बरकरार रखा और खुद से घर पर हीं अपनी मां, अपनी पत्नी और खुद का इलाज शुरू कर दिया। सही तरीके और ध्यान पूर्वक उनका इलाज रंग लाया और 22 अप्रैल को घर के सभी सदस्य को कोरोना निगेटिव हो गए।
कोरोना वायरस के संक्रमण से उपजे हालात और लोगों के मन में बैठे डर के बीच 105 वर्षीय बुजुर्ग महिला द्वारा कोरोना की जंग जीत जाना सभी कोरोना मरीजों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।