आज जहां भारत के अलग-अलग हिस्सों में लोग कोरोनावायरस से जंग लड़ रहे हैं। बेहद बुरी से बुरी परिस्थितियों का सामना वे डंटकर कर रहे हैं। दवा के साथ कोरोना मरीजों का हौसला और धैर्य बनाए रखने की उनकी शक्ति उन्हें स्वस्थ होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
देश के अलग-अलग हिस्सों से लोगों के अदम्य हौसलों की खबर आ रही है। ऐसे में आज बात एक ऐसे शख्स की जो कोरोना पॉजिटिव के बाद अस्पताल में है लेकिन उसने अपनी हिम्मत को टूटने नहीं दिया है और अस्पताल में वह चार्टेड अकाउंटेंट की तैयारी कर रहा है। यह उस समय की बात है जब ओडिशा के गंजाम जिले के जिलाधिकारी विजय अमृता कुलांगे एक कोविड अस्पताल का दौरा करने पहुंचे तो एक दृश्य देखकर उनकी आंखें फटी की फटी रह गई। उन्होंने देखा कि बड़े ही तन्मयता से एक युवक अपने बेड पर ही चार्टर्ड अकाउंटेंट की तैयारी कर रहा है।
विजय अमृता कुलांगे ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस युवक की फोटो अपलोड करने के साथ लिखा- “कामयाबी इत्तेफाक नहीं होती। आपको समर्पण की आवश्यकता होती है। मैंने कोविड अस्पताल का दौरा करने पर इस शख्स को सीए इम्तिहान के लिए स्टडी करते देखा। आपका समर्पण आपकी पीड़ा का एहसास कर देता है. इसके बाद कामयाबी सिर्फ औपचारिकता रह जाती है।”
Success is not coincidence. You need dedication. I visited Covid hospital & found this guy doing study of CA exam. Your dedication makes you forget your pain. After that Success is only formality. pic.twitter.com/vbIqcoAyRH
— Vijay IAS (@Vijaykulange) April 28, 2021
आज एक चीज स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है कि जैसे ही लोगों को कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिलती है तो वे बिल्कुल परेशान, हताश और घबरा जा रहे हैं जो कि कोरोना मरीजों के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं। लोगों को अपने दिमाग से कोरोनावायरस होने की बात निकाल कर हौसला से काम लेना चाहिए उन्हें बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए।
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इस युवक ने जिस तरीके से कोरोना संक्रमित होने से ज्यादा अपनी तैयारी पर फोकस कर रहा है मानों उसने अपने दिमाग से कोरोना संक्रमण की बात निकाल दी है।उसका यह हौसला ही कोरोना के जंग जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह युवक सभी कोरोना मरीजों के लिए एक प्रेरणा है।