प्लास्टिक एक ऐसा अपशिष्ट पदार्थ है, जिसका विघटन होने में वर्षों का समय लग जाता है। वैज्ञानिकों ने विश्व में पहली बार प्लास्टिक से एक ऐसा कार्य किया है, जिससे अब प्लास्टिक का उपयोग फार्मा और फूड फैक्ट्री में भी हो सकेगा। – recycling plastic
प्लास्टिक वेस्ट से बना वनीला फ्लेवर
एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों (Edinburgh University of Scientists) द्वारा प्लास्टिक वेस्ट से “वनीला फ्लेवर” (vanilla flavour) बनाया गया है। “वनीला फ्लेवर” ( vanilla flavour) का उपयोग आइसक्रीम के टेस्ट के लिए होता है। प्लास्टिक अपशिष्ट से वनीला फ्लेवर (vanilla flavour) बनाने में जिस बैक्टीरिया का उपयोग हुआ है, वह जेनेटिकली मोडिफाइड (Genetically Modified bacteria) है। – recycling plastic
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कई उत्पाद का हो सकता है निर्माण
एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी (Edinburgh University) के वैज्ञानिक स्टीफन वॉलेस ने बताया कि यह शोध बहुत काम आएगी। कार्बन के इस नए सोर्स द्वारा अब बहुत से उत्पाद का निर्माण हो सकता है। – recycling plastic
आखिर कैसे बना वनीला फ्लेवर?
ग्रीन केमेस्ट्री जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार सर्वप्रथम वैज्ञानिकों ने ई-कोली बैक्टीरिया को जीनोम में परिवर्तित किया। पुनः उन्होंने प्लास्टिक से निर्मित टेरीप्थेलिक एसिड को बैक्टीरिया की सहायता से लगभग 79% वेनिलीन में परिवर्तित किया। बात अगर वैनिलिन के उपयोग की हो, तो इसका उपयोग कॉस्मेटिक सामानों के अतिरिक्त खाने-पीने के सामानों, साफ-सफाई करने वाले सामग्रियों, फार्मा इंडस्ट्री एवं हर्बीसाइड के निर्माण के लिए उपयोग होता है। वनीला बींस का डिमांड विश्व में बहुत ही ज्यादा है। – recycling plastic
परफ्यूम के लिए भी होगा उपयोग
बात अगर प्लास्टिक के रिसाइकल के बारे में की जाए तो विश्व में प्रति मिनट लगभग 10 लाख बोतलें बिकती हैं, लेकिन मात्र 14% ही रिसाइकल हो पाती हैं। वनीला के निर्माण के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि अधिक से अधिक मात्रा में प्लास्टिक रीसायकल होगा। साथ ही प्लास्टिक को रिसाइकल करके परफ्यूम में भी किया जाएगा। – recycling plastic