Wednesday, December 13, 2023

गुजरात की महिला ने 67 वर्ष की उम्र में हासिल की पीएचडी डिग्री, साबित कर दिखाया कि पढ़ने की कोई उम्र नही होती: प्रेरणा

अक्सर महिलाएं पारिवारिक मजबूरियों के कारण अपने सपने को दफन कर लेती हैं, क्योंकि उनके लिए गृहस्थी से बढ़कर कुछ नहीं होता। हालांकि अब महिलाओं की सोच बदल रही है और वे भी अपना कारोबार शुरू कर रही हैं। इसी कड़ी में गुजरात की उषा लोदया भी शामिल हैं, जो 67 वर्ष की उम्र में भी अपने सपने को पूरा करने के ज़िद पर अडिग रहीं और पीएचडी की डिग्री हासिल कर अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हैं। Usha Lodaya from Gujarat

ANI की रिपोर्ट के अनुसार 20 वर्ष की उम्र में कॉलेज छोड़ने वाली उषा लोदया (Usha Lodaya) गुजरात (Gujarat) के वडोदरा की रहने वाली हैं। उन्होंने जैन धर्म में डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी की है। उन्होंने इस बात को जगजाहिर किया कि उनके इस मुकाम को हासिल करने में उनकी बहू ने काफी सहायता की है। वह आगे बताती हैं कि महाराष्ट्र स्थित शत्रुंजय अकेडमी समुदाय के सदस्यों के बीच जैन धर्म के ज्ञान का विस्तार करने के लिए स्थापित एक संस्था है, वहां से ही उनकी स्नातक की शिक्षा पूरी हुई है। – Usha Lodaya from Gujarat

Usha Lodaya from Gujarat earns PhD degree at the age of 67

उषा (Usha Lodaya) जब ग्रेजुऐशन के पहले वर्ष की छात्रा थी, तभी उनकी शादी हो गई थी। वह हमेशा से डॉक्टर बनना चाहती थीं लेकिन वह अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सकीं और अपने परिवार पर ध्यान देना शुरू कर दिया। – Usha Lodaya from Gujarat

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अन्य लोगों को करती हैं प्रोत्साहित

67 वर्षीय उषा हमेशा अपने बच्चों को उम्मीद नहीं खोने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। वह कहती हैं कि उनकी एक फिलोसॉफी है, ‘जीवन में पहले लक्ष्य निर्धारित करो।’ यदि कोई बिना हार माने कठिन परिश्रम करता है तो एक दिन वह अपने मंजिल तक जरुर पहुंचेगा। Usha Lodaya from Gujarat

Usha Lodaya from Gujarat earns PhD degree at the age of 67

वह कहती हैं कि जब उन्होंने शत्रुंजय अकेडमी में जैन धर्म पर स्नातक कोर्स देखा तो उस अवसर से हाथ से जाने नहीं दिया और इस कोर्स के पहले वर्ष में दाखिला ले लिया। यह ऑनलाइन कोर्स था। स्नातक करने के बाद उन्होंने मास्टर्स की डिग्री ली फ़िर उनके नंबर के बेस पर उन्हें पीएचडी में प्रवेश मिला। – Usha Lodaya from Gujarat

उषा लोदया की बहू निशा लोदया (Nisha Lodaya) अपने आपको एक गर्वित बहू बताते हुए कहती हैं कि उनकी सासु मां उषा दिन में छह से सात घंटे पढ़ाई करती थीं। उनका कहना है कि यदि परिवार का साथ और समर्थन नहीं मिलता तो इस लक्ष्य को हासिल करना कठिन होता। निशा कहती हैं, “उनके पति इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके बेटे और बहू ने उनकी हिम्मत बढ़ाया है। मैं एक गर्वित बहू हूं।” – Usha Lodaya from Gujarat earns phd degree at the age of 67