कुछ बच्चे प्रारंभिक शिक्षा के दौर से ही पढ़ने में तेज-तर्रार होते हैं, तो कुछ बच्चों को सीखने में काफी समय लग जाता है।
हालांकि जो बच्चे पहले मंद बुद्धि हो और आगे उन्हें कोई बड़ी सफलता मिल जाए तो किसी को भी उन पर विश्वास नहीं होता है।
आज के हमारे इस लेख में आप एक ऐसे ही शख़्स से रूबरू होंगे, जिन्हें पढ़ाई में कमजोर होने के कारण कक्षा से बाहर निकाल दिया जाता था, लेकिन आज वही आईपीएस (IPS) अधिकारी बनकर अपने कर्तव्यों को पूरा कर रहे हैं। – IPS Aakash Kulhari
आईपीएस आकाश कुल्हरी
यूपीएससी (UPSC) एग्जाम में हर वर्ष लाखों कैंडिडेट भाग लेते हैं। यह एग्जाम सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है। हालांकि इसमें बहुत से ऐसे ही कैंडीडेट्स होते हैं, जो पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर लेते हैं, तो कुछ कैंडिडेट को बार-बार प्रयास करना पड़ता है। पहले प्रयास में सफलता प्राप्त करने वाले कैंडिडेट्स में से एक आईपीएस आकाश कुल्हरी (IPS Akash Kulhari) भी हैं। जिन्होंने अपनी मेहनत के बदौलत अपने सपनों को पूरा किया है। – IPS Aakash Kulhari
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पढ़ाई में कमजोर होने के कारण निकाले गए थे स्कूल से
आकाश कुल्हरी (Akash Kulhari) बीकानेर (Bikaner) के निवासी हैं। वे कानपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात हैं। आकाश ने यह जानकारी दिया कि वह प्रारंभिक दौर में पढ़ाई में बहुत ही कमजोर हुआ करते थे, जिस कारण उन्हें क्लास से बाहर निकाल दिया जाता था। इतना ही नहीं जब उनका दसवीं का रिजल्ट खराब निकला, तो उन्हें स्कूल से ही बाहर निकाल दिया गया। – IPS Aakash Kulhari
इंटरमीडिएट में आए 55% मार्क्स
उन्होंने बताया कि इस कारण उनके परिवारवालों को बहुत सारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा था। वहीं आगे चलकर बहुत मशक्कत के उपरांत केंद्रीय विश्वविद्यालय बीकानेर में उनका नामांकन हुआ फिर यही से उनकी 12वीं की शिक्षा पूरी हुई। आकाश को इंटरमीडिएट में 55% मार्क्स आए थे, जिसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत किया था। इसके बाद उनके पढ़ने का सिलसिला बढ़ निकला। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2001 में बीकॉम कर वह जेएनयू से एमकॉम किया।- IPS Aakash Kulhari
पहले प्रयास में हुए सफल
वर्ष 2006 में उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम दिया और पहली बार में ही उनका सिलेक्शन हो गया। उन्होंने बताया कि मैं शुरुआती दौर में पढ़ाई से ज्यादा ध्यान खेलकूद पर दिया करता था, जिस कारण पढ़ने में कमजोर था। ग्रेजुएशन तक मेरा कोई भी लक्ष्य नहीं था लेकिन मैंने अपना लक्ष्य निर्धारित किया और पूरे मन से पढ़ाई पर ध्यान देने लगा। Success story of IPS Aakash Kulhari who was rusticated from school due to low marks in 10th class
आईपीएस आकाश कुल्हरी की कहानी ने या साबित कर दिया है कि हर एक बच्चा स्वयं में विशेष होता है। कभी भी उसकी काबिलियत को केवल अंकों के आधार पर नहीं मापना चाहिए। The Logically की तरफ से आकाश को ढेर सारी शुभकामनाएं।
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