अक्सर वही बच्चे सफल होते हैं, जिन्हें अपने ज़िंदगी में विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। आज की कहानी भी एक ऐसे ही लड़के की है, जो कभी परचून की दुकान पर बैठकर सामान बेचा करते थे लेकिन मेहनत के बदौलत आरएएस (RAS) ऑफिसर बन गए हैं।- Success story of Ravi Kumar Goyal RAS topper from Rajasthan
रवि कुमार गोयल
रवि कुमार गोयल (Ravi Kumar Goyal) राजस्थान (Rajasthan) से ताल्लुक रखते हैं। रवि अलवर में दुकान में बैठकर परचून का सामान बेचा करते थे लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत द्वारा सफलता हासिल कर ली है। साथ ही अन्य बच्चों के अंदर अपने सपनों को साकार करने की हिम्मत भी बढ़ाई है।- Success story of Ravi Kumar Goyal RAS topper from Rajasthan
पढ़ने में थे तेज
रवि शुरू से ही पढ़ने में काफी तेज थे। उन्होंने अपनी दसवीं कक्षा में 67 फ़ीसदी, 12वीं में 70 फ़ीसदी मार्क्स प्राप्त किया है। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन, जेआरएफ, नेट गेट और एसआरएफ की उपाधि भी प्राप्त की है। – Success story of Ravi Kumar Goyal RAS topper from Rajasthan
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मां करती थी सिलाई
रवि गोयल के पिता परचून की दुकान में काम करते थे और उनकी मां सिलाई करती थी। रवि की शिक्षा में उनकी बहनों ने भी सहायता की है।
टॉप टेन में बनाई जगह
ऐसा नहीं है कि रवि को सफलता बहुत ही आसानी से प्राप्त हो गई। वर्ष 2013 में उन्होंने आरएएस परीक्षा में 870 वीं रैंक प्राप्त किया था लेकिन वे संतुष्ट नहीं थे इसलिए उन्होंने एक बार फिर से लक आजमाया। -Success story of Ravi Kumar Goyal RAS topper from Rajasthan
वर्ष 2018 के एग्जाम में उन्होंने टॉप टेन में अपनी जगह बनाई और सातवीं रैंक हासिल किया।
अपनी मेहनत से सफलता हासिल कर आरएएस बनने के लिए The Logically कुमार गोयल (Ravi Kumar Goyal) को बधाई देता है। – Success story of Ravi Kumar Goyal RAS topper from Rajasthan
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