घर मे जब बेटी पैदा होती है तो कुछ लोग उन्हें लक्ष्मी मानते है तो कुछ पराया धन। लेकिन यह बात सब जानते है कि बेटियां ही समाज निर्माता है तथा इन्ही के वजह से आज दुनिया आबाद है। आज हम ऐसी कुछ बेटियों के बारे में विवरण करेंगे, जिन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर उन्हें भी बेटों के तरह अच्छी शिक्षा और अच्छी परवरिश दी जाए तो यही बेटियां अभिशाप नही बल्कि माता-पिता के लिए वरदान साबित होंगी।
राजस्थान (Rajasthan) के पांच बेटियों ने अफसर बन रचा इतिहास
बेटियों को पैदा होते ही कुछ लोग इन्हें मार देते है तो कुछ जन्म से पहले ही। क्योंकि उनको लगता है कि वो उनके लिए बोझ है। लेकिन राजस्थान की 5 बेटियों ने यह साबित कर दिया कि वो बोझ नही बल्कि वरदान है। बता दें कि, राजस्थान (Rajasthan) के हनुमानगढ़ जिले के एक छोटे से गांव की 5 बहनों में से 2 बहन रोमा (Roma) तथा मंजू (Manju) प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में बैठी। जिसमे से मंजू का चयन वर्ष 2012 में राज्य प्रशासनिक सेवा ने सहकारिता विभाग में हुआ तथा रोमा का चयन वर्ष 2011 में हुआ और वो BDO बनी और अब शेष तीन बहने अंशु (Anshu), रितु (Ritu), सुमन (Suman) का भी चयन एक साथ आरएएस (RAS) में हुआ है। ―Five daughters of a farmer from Rajasthan made history by becoming officers.
सरकारी स्कूल से मिली शुरुआती शिक्षा
बता दें कि, पांचों बहनो ने अपनी शुरुआती शिक्षा अपने गांव के सरकारी स्कूल से हासिल की। उसके बाद उनके माता-पिता ने उनकी आगे की शिक्षा शहर के प्राइवेट स्कूल से करवाई।
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माता-पिता ने इन पांचों बेटियों को बोझ नही बल्कि वरदान समझा
राजस्थान (Rajasthan) के हनुमानगढ़ जिले के रावतसर तहसील क्षेत्र के गांव भेरूसरी के रहने वाले एक किसान सहदेव सहारण (Sahdev Saharan) की पांच बेटियां ने अपने माता-पिता के साथ अपने देश के नाम को भी रोशन किया है। इस 5 बेटियों में से 2 बेटियों का चयन आरएएस में हुआ था लेकिन कुछ साल बाद 3 बेटियों का भी एक साथ चयन आरएएस में ही हुआ। इन बेटियों के चयन के बाद इनके परिवार में उत्साह का माहौल है। ―Five daughters of a farmer from Rajasthan made history by becoming officers.
बड़ी दो बहनों से मिली प्रेरणा
RAS में सेलेक्शन के बाद शेष तीनो बहनों का कहना है कि, दोनों बड़ी बहनों से मिली प्रेरणा के वजह से आज हमने यह मुकाम पाया है।
माता-पिता ने कड़ी मेहनत कर बेटियों को दी अच्छी शिक्षा
RAS में सेलेक्शन के बाद जब पांचों बेटियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, हमे इस मुकाम तक पहुंचाने में हमारे माता-पिता का कड़ी संघर्ष छुपा हुआ है। आज उन्ही के बदौलत हमने इस मुकाम को पाया है। बड़ी बहन रोमा(Roma) ने बताया कि, जब उनके माता-पिता ने उनका एडमिशन शहर के प्राइवेट स्कूल में करा दिया तो गांव के लोगों ने खूब ताना कसा। लोगों का कहना था कि बेटियों को इतना पढ़ा-लिखा कर क्या करोगे? लेकिन उनके माता-पिता ने किसी के बात को परवाह नही की। पांचों बेटियों को पढ़ाने में उन्होंने कोई कसर नही छोड़ी। ―Five daughters of a farmer from Rajasthan made history by becoming officers.
घर मे है खुशी की लहर
किसान सहदेव की पांचों बेटोयों ने अफसर बनकर अपने समाज के साथ-साथ पूरे देश का नाम रोशन किया है। दोनों बड़ी बेटी तो पहले से ही अफसर थी लेकिन ये तीन बहने अंशु, रितु, सुमन ने मंगलवार को जारी आरएएस-2018 की परीक्षा में एक साथ सफलता हासिल की। अब पांचों बेटियों को अफसर बनने के बाद घर के साथ ही साथ पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
बेटियों ने अपना मुकाम पाने में कोई कसर नही छोड़ी
बड़ी बेटी रोमा ने बताया कि, उनके पिता को कभी-कभी डर लगता था कि आगे उनकी बेटियां सफल नही हुई तो समाज ताना मारने में कोई कसर नही छोड़ेगा लेकिन इनकी बेटियों ने अपना मुकाम पाने में कोई कसर नही छोड़ी। 10 से 12 साल तक सभी बहनों ने कठिन परिश्रम किया और इसी मेहनत के बदौलत आज सबने देश मे एक अलग पहचान बनाई है।
बड़ी बहन रोमा का कहना है कि, अगर कोई भी इंसान अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु कठिन परिश्रम करेगा तो उसको निश्चित ही कामयाबी मिलेगी।