हम प्रतिदिन अपने घर के किचन से निकलने वाले कचड़े को बेकार समझ कर फेंक देते हैं, जो वास्तव में बेकार नहीं होते हैं। जी हां, किचन से निकलने वाले कचड़े का इस्तेमाल खाद बनाने में किया जा सकता है, जिसका प्रयोग हम गार्डनिंग या खेतों में कर सकते हैं।
यदि आप भी गार्डनिंग के शौकीन हैं और अपने पेड़-पौधों में रासायनिक खाद की जगह पर जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो इस लेख में आपकों किचन वेस्ट से कम्पोस्ट बनाने की विधि के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी।
किचन वेस्ट से कम्पोस्ट बनाने की विधि-
सबसे पहले कम्पोस्ट बीन को तैयार करें
कम्पोस्ट बीन को तैयार करने के लिए सबसे पहले एक बड़े साइज का गमला ले। उस गमले में नीचे से 2 इंच ऊपर एक कल/नल फिट कर लीजिए। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि कई लोग कम्पोस्ट बीन से निकलने वाले लिक्विड फर्टिलाइजर को पौधें पर सीधे प्रयोग करते हैं, जिससे कई पौधें मर भी सकते हैं और पत्ते भी जल सकते हैं। ऐसे में इस लिक्विड फर्टिलाइजर को भी डीक्म्पोज होना जरुरी है। नल को गमले से 2 इंच ऊपर लगाने से इसे डीक्म्पोज होने के समय मिल जाएगा, जिससे कम्पोस्ट अच्छा बनेगा
अब एक बड़ा सा ड्राम ले और उसके तले में छोटे-छोटे छेद कर दें। इन छेदों की सहायता से ही लिक्विड कम्पोस्ट बाहर निकलेगा और नीचे रखें गमले में जमा हो जाएगा। अब इस ड्राम के नीचे गमले को रख दें और उसके ऊपर ड्राम को रखें।
कम्पोस्ट बनाने की विधि
कम्पोस्ट बनाने के लिए सबसे पहला इनग्रेडिएंट कार्डबॉक्स है। इसे इस्तेमाल करने से पहले उसपर लगे सेलौ टेप या प्लास्टिक के रैपर को हटा दें, क्योंकि यह कंपोस्टिंग प्रक्रिया को खराब कर सकता है। अब इसे छोटे-छोटे टुकड़े कर लीजिए और ड्राम में डाल दीजिये। यदि आप चाहे तो कार्डबॉक्स के जगह कोकोपीट या कोई भी सुखा हुआ पत्ता भी आप डाल सकते हैं।
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अब इसके ऊपर घास डाल दें। यदि आपके पास घास नहीं है तो आप किसी भी प्रकार की हरी पट्टी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे तैयार कम्पोस्ट बीन में अब किचन वेस्ट डाल सकते हैं। इसमें आप प्याज के छिलके भी डाल सकते हैं। प्याज के छिलकों में पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम मौजूद होता है। अंडे के छिलके नेचुरल कैल्शियम का स्त्रोत होता है इसलिए आप इसे भी डाल सकते हैं। इसमें आप काबुली चने या दो चम्मच दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा इस कम्पोस्ट को बनाने में ब्राउन पेपर का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहें न्यूनपेपर का प्रयोग न करे।
कई जगहों की मिट्टी में चिट्टियां लगने की समस्या रहती है तो ऐसे में इस कम्पोस्ट में आप नीम के पत्तों का प्रयोग कर सकते हैं। यदि आप पहली बार कम्पोस्ट बना रहे हैं तो ड्राम आधा भर जाने के बाद उसमें गाय का गोबर डाल दीजिए, लेकिन यदि आप पहले बव्ह चुके हैं तो पिछ्ले बार का कम्पोस्ट डाल सकते हैं। इसके ऊपर बगीचे की मिट्टी की एक परत डाल कर उसके ऊपर पानी डाल दें।
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अब इसमें केले के छिलके, आम के छिलके के साथ चाय की पट्टी भी डाल सकते हैं। चाय की पत्ती कंपोस्टिंग के लिए बहुत मददगार होता है। इसके ऊपर अब सूखे अर्थात पीले पत्ते, पाइनएप्पल के छिलके डाल कर उसके ऊपर हरी घास या हरे पत्ते की परत डाल दें। अब उसके ऊपर फिर से मिट्टी की परत डालकर ढेरसारा पानी डाल दें। अब इसे 1 महीने के लिए ढककर छोड़ दें। ध्यान रहें एक महीने तक इसमें कोई नया किचन वेस्ट ना डालें।
एक माह बाद आप देखेंगे कि कम्पोस्ट बनने शुरु हो गए हैं। अब आप इसमें नये कम्पोस्ट तबतक डाल सकते हैं जबतक ड्राम भर न जाएं। कम्पोस्ट के तीसरे स्टेज के अंत में एक कार्डबॉक्स या कोकोपीट का एक लेयर बनाकार उसमें घास डालकर उसके ऊपर मिट्टी का लेयर बना दें और इसमें बहुत सारा पानी डाल दें। कंपोस्टिंग को तेज करने के लिए आप इसमें कम्पोस्ट टी या बटर मिल्क डाल सकते हैं। अब इसे 1 महीने के लिए ढककर छोड़ दें। एक महीने बाद आप देखेंगे कि आपका कम्पोस्ट बनकर तैयार है।
कम्पोस्ट तैयार होने के बाद इसे दो दिन तक धूप में सुखा दें। पौधें में डालने से पहले इसे एक छलनी से छान लें। दो माह बाद से आपकों कम्पोस्ट टी भी मिलना शुरु हो जाएगा। इसे पौधों मे डालने के लिए एक लीटर पानी में 100ml डालकर सप्ताह में एक बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। -easily make compost from kitchen waste
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