Wednesday, December 13, 2023

जेंडर मायने नही रखती, लड़की होने के बाद भी मैकेनिक का काम कर अपना परिवार चलाती है यह लड़की

अक्सर लोग यह कहते हैं कि इस गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ है, तो अवश्य ही कोई महिला ड्राइव कर रही होगी। अगर रास्ते में स्कूटी या कार बन्द हो जाए तो लोग यही कहते हैं कि वह महिला हमें गाड़ी स्टार्ट करने के लिए अवश्य ही बुलाएगी।- mechanic Revathi from Vishakhapatnam

अक्सर सड़कों पर ऐसी अवधारणाएं देखने को मिलती है लेकिन लोगों के मन में ऐसा ही ख्याल आता है कि वे तो लड़की है, इसलिए ऐसी गलतियां होना अनिवार्य है। ऐसे बहुत से व्यक्ति हैं जो यह सोचते हैं कि अगर कोई गाड़ी खराब हुई है, तो इसे कोई महिला ठीक नहीं कर सकती।

एक महिला जिसे हैं मशीनों से प्यार

आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताएंगे जिसने ऐसी सोच रखने वाले लोगों के मुंह पर जोड़दार तमाचा मारा है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर गाड़ी खराब हो, तो उसे पुरुष ही नहीं बल्कि कोई महिला भी मैकेनिक का कार्य कर सकती है।

mechanic Revathi from Vishakhapatnam

रेवती करती हैं मैकेनिक का कार्य

वे महिला रेवती हैं, जो एक मैकेनिक हैं। हेलो विजाग (Hello Vizag) की रिपोर्ट के अनुसार रेवती ने पेंडुर्थी विशाखापट्टनम से बीकॉम की पढ़ाई की है। उन्होंने बताया कि वे आठवीं क्लास से ही टायर पंक्चर फिक्स करना अच्छी तरह जान गई थी। उन्होंने बताया मैं लगभग 10 वर्ष उपरांत गाड़ी स्वयं ही असेंबल कर सकती हूं।

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पिता ने कराया मैकेनिक्स की दुनिया से परिचित

News Indian Express के रिपोर्ट के मुताबिक रेवती के पिता, के.रामू ने उन्हें इस मैकेनिक्स की दुनिया से परिचित कराया। रामू का एक मैकेनिक शॉप हैं और गाड़ियां ठीक करते हैं। रेवती अपने स्कूल से छूटने के बाद अपने पिता की मदद के लिए उनके शॉप पर जाया करती। उन्हें इस काम में रुचि बढ़ने लगी और वह इसे सीख भी गईं।

सीखा क्लच प्लेन और इंजन को ठीक करना

आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि लड़कियां मैकेनिक का कार्य नहीं करती, लेकिन इस युवती के अंदर जुनून था, जिस कारण उन्होंने बहुत ही कम समय में मोटरसाइकिल रिपेयर करना सीख लिया। उन्होंने मात्र 17 वर्ष की आयु में ही कार, दो पहिया गाड़ी के इंजन की खराबी, क्लच प्लेन इत्यादि को ठीक करना सीख लिया।

mechanic Revathi from Vishakhapatnam

बेटी को बनाया मैकेनिकल इंजीनियर

रामू ने बताया कि जब मुझे पता चल गई कि मेरी बेटी की दिलचस्पी इस काम में आने लगी, तो मैंने उसे कभी भी घर जाने के लिए नहीं कहा और उसका सपोर्ट किया। अगर मेरी आर्थिक स्थिति ठीक होती तो मैं अवश्य ही अपनी बेटी को मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराता।

बनाती हैं इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर

वर्तमान में रेवती बीईवी इलेक्ट्रॉनिक (BEV Electronics) में कार्य कर रही है और वह वहां इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर का निर्माण करती हैं। हलांकि कंपनी में रेवती एक ही महिला कर्मचारी हैं।‌ उनका वहां बहुत ही समर्थन किया जाता है।- mechanic Revathi from Vishakhapatnam