Wednesday, December 13, 2023

महिला ने छत पर उगाया केला, बेर, पपीता और 10 तरह के फलदार पौधे: पूरे घर के लिए निकल रहा है फल

यदि आपसे कोई कहे कि छत पर केला, बेर, पपीता और सेब जैसे फलदार पेड़ों की बागबानी की जा सकती है, तो यह सुनने में बहुत अटपटा लगेगा, लेकिन यह सत्य है। आज का हमारा यह आर्टिकल इसी संदर्भ में है। इसके माध्यम से आपकों एक ऐसी महिला के बारे में जानकारी मिलेगी, जिसने अपने टेरेस पर अनेकों फलदार पेड़ उगा रखे हैं।

कौन है वह महिला?

विद्यारण्यपुरा (Vidyaranyapura) की रहनेवाली अश्विनी गजेंद्रन (Ashwnini Gajendran) ने छत पर भिन्न-भिन्न फलदार पेड़ों के साथ-साथ सब्जियों की भी बागबानी करती हैं और वो भी बिना किसी ट्रेनिंग के। अब वह अपने परिवार को घर पर उगे ताजे फल और सब्जियां खिलाती हैं।

ऐसे शुरु हुआ बागबानी का सफर

2017 में जब अश्विनी का परिवार है बेंगलुरु के मल्लेश्वरम से विद्यारण्यपुरा आया। अब उनका परिवार ऐसे स्थान पर रह रहा था जहां किराने की दुकान घर से दो किलोमीटर दूर थी। ऐसे में अश्विनी ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बागवानी के तरफ रुख किया।

Terrace Gardening By Ashwini Gajendran, Vidyaranyapura

अब नहीं करनी पड़ती मार्केट की भागदौड़

शुरुआत में उन्होंने धनिया, करी पता और टमाटर के पौधों से की। अब उनका टेरेस गार्डन (Terrace Garden) 1000 वर्ग फुट में फैला हुआ है जिसमें विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां और मेडिसिनल प्लांट मौजूद हैं। टेरेस गार्डनिंग की वजह से अब अश्विनी को अपने परिवार के लिए फल और सब्जी लाने के लिए मार्केट पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।

अश्विनी गजेंद्रन ने घर पर फलदार पेड़ लगाने के कुछ टिप्स दिए हैं जो इस प्रकार हैं-

स्ट्रॉबेरी (Strawberry)

अश्विनी गमले में स्ट्रॉबेरी उगाते हैं। इसके बारे में वह सुझाव देती हैं कि, संभव हो तो पौधे की महीन जड़ (सकर) से पौधे लगाएं। यह आपको किसी बागवानी के शौकीन दोस्त या रिश्तेदार के घर के गमलों में से आसानी से मिल जाएंगे। अश्विनी के अनुसार, नर्सरी से लिए गए पौधे के अपेक्षा सकर प्लांट अधिक कारगर होते हैं। स्ट्रॉबेरी के पौधों के लिए अश्विनी जैविक खाद का इस्तेमाल करती हैं। इसके लिए उनका एक मंत्र है कम मिट्टी और ज्यादा खाद।

Terrace Gardening By Ashwini Gajendran, Vidyaranyapura

बेर (Jujube)

बेर का पेड़ घर में उगाने के लिए अच्छा विकल्प है और इसकी कलम मार्केट में बेहतर आसानी से मिल जाएगी। अश्विनी ने बेर के पेड़ को बाल्टी में उगाया है। अधिक फल लेने के लिए वे पेड़ को एक बड़े कंटेनर में ट्रांसफर कर देती हैं। वह कहती है कि ज्यादा उपज के लिए ज्यादा जगह की जरुरत पड़ती है। बेर को चीनी खजूर भी कहा जाता है और इसके फल से सूखी कैंडी बनाई जाती है।

Terrace Gardening By Ashwini Gajendran, Vidyaranyapura

खीरा (Cucumber)

अश्विनी कहती हैं कि खीरे के पौधे को पॉलिनेशन की जरूरत पड़ती है। जब मधुमक्खियां या अन्य इनसेक्ट्स नर फूल से मादा फूल तक पराग ले जाते हैं तब मादा फुल परागित होते हैं। ऐसे में खीरे को पॉलिनेशन करने के लिए अश्विनी ने उसके अगल-बगल काफी सारे पौधें लगाए, ताकि मधुमक्खियां पनप सकें और खीरे के उपज अच्छी हो।

अंगूर (Grapes)

वह कहती हैं कि अंगूर के बेल को नियमित तौर पर कटाई-छटाई की जरूरत पड़ती है। इसलिए हर बार फल आने के बाद बेल की कटिंग आवश्यक है। इसे आप जितनी बार काटेंगे उतनी तेजी से यह फलती-फूलती है।

Terrace Gardening By Ashwini Gajendran, VidyaranyapuraTerrace Gardening By Ashwini Gajendran, Vidyaranyapura

केला (Banana)

अश्विनी के अनुसार, केले के पौधे को छत पर लगाने के लिए कंटेनर या बड़े ग्रो बैग की जरूरत होती है। अश्विनी कहती हैं कि उन्हें केले के पौधे लगाए डेढ़ साल हो गए हैं, अब जाकर उनपर फल लगने शुरु हुए हैं। केले का पौधा रिजेनरेट होता है इसलिए इसे ऊपर से काटा जाता है। आप चाहे तो इसकी पत्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Terrace Gardening By Ashwini Gajendran, Vidyaranyapura

ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit)

ड्रैगन फ्रूट को गमले में आसानी से उगाया जा सकता है। अश्विनी कहती हैं कि यह कैक्टस फैमिली का होता है जिसके वजह से इसमें कांटे होते हैं। इसलिए बेहतर होगा इसे आप के किसी कोने में लगाएं। अश्विनी के अनुसार, इसे लगाने के लिए थोड़ी सी जगह चाहिए होती है। यदि कोई ड्रैगन फ्रूट का पौधा लगाने के बाद उसकी देखभाल अच्छी तरीके से नहीं कर पाता है तो घबराने की कोई बात नहीं है, ये पौधें अच्छी उपज देते हैं।

Terrace Gardening By Ashwini Gajendran, VidyaranyapuraTerrace Gardening By Ashwini Gajendran, Vidyaranyapura

सेब (Apple)

अश्विनी के अनुसार, सेब के पौधें छाया में अच्छे से पनपते हैं इसलिए इसे छत पर किसी ऐसे जगह पर लगाने चाहिए जहां सूरज की रोशनी सीधे ना पड़ती हो। दूसरे शब्दों में इसका अर्थ यह है कि सेब के पेड़ को दोपहर की धूप से बचा कर रखनी चाहिए।

Terrace Gardening By Ashwini Gajendran, Vidyaranyapura

शहतूत (Mulberry)

शहतूत सूखे क्षेत्र में उगने वाला पौधा होता है इसलिए इसकी ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है। अश्विनी (Ashwini) का बताती हैं कि शहतूत, पेड़ से तोड़ने के बाद अधिक समय तक ताजा नहीं रहता है। यह पेड़ से तोड़ने से लेकर खाने तक ही ताजा रहता है, इसीलिए वह इसे गार्डनिंग स्नैक्स मानती हैं। शहतूत के पौधें के लिए धूप और प्रॉपर ट्रीमिंग की आवश्यकता होती है।

Terrace Gardening By Ashwini Gajendran, Vidyaranyapura

पपीता (Papaya)

यदि आपका पपीता फल नहीं दे रहा है तो अश्विनी बताती है कि इसमें थोड़ा सा कट लगा दें। पपीते के पौधें में कट लगाने से वह फल देने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कट लगाने पर पौधे सोचते हैं कि वह मरने वाले हैं जिससे वह फल देकर अगली पीढ़ी के लिए बीज छोड़ जाते हैं। वह कहती है कि, “मैनें हाल ही में पपीते के पौधे के मिट्टी के ठीक ऊपर चाकू से काट लगाया है जिसके बाद पहली बार तीन बड़े फल लगे हैं।”

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मौसमी, संतरा और अन्य सिट्रस फ्रूट्स

सिट्रस फ्रूट्स वाले पौधे सूखे में पनपने वाले पौधें होते हैं इसलिए इसको अधिक पानी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। घर के बगीचे के लिए सिट्रस फ्रूट्स एक आईडियल प्लांट है।

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बागबानी (Gardening) के लिए अश्विनी का सुझाव

बागबानी के शौकीन लोग कोशिश करें कि अपने बगीचे में लोकल पौधे ही लगाएं क्योंकि यह मौसम के अनुकूल होते हैं और तेजी से ग्रोथ करते हैं। विदेशी पौधों से बचना चाहिए क्योंकि ने वातावरण में ढलने में अधिक समय लगता है। -Terrace Gardening By Ashwini Gajendran.