अपने देश में सरकार ने शौचालय तो सभी जगह उपलब्ध करवा दिया है लेकिन सफाई न होने के कारण उन शौचालयों की स्थिति बेहद ही खराब है। ग्रामीण इलाकों की बात छोड़िए, अगर हम शहर में निगम के सार्वजनिक शौचालयों की बात करें तो उनकी हालत भी बेदतर हैं- Loo Cafe Story
इन शौचालयों में किसी में पानी नहीं तो किसी में लाइट नहीं। किसी में गंदगी और बदबूदार माहौल मिलता है तो किसी में साफ सफाई नहीं मिलती, किसी की टोंटी खराब होती है तो किसी की टॉयलेट शीट टूटी हुई मिलती है। इसके अलावें मुख्य दरवाजों से अंदर शौचालय के दरवाजे तक खस्ताहाल होते हैं।
इस परेशानी को दूर करने हेतु हैदराबाद स्थित एक्जोरा एफएम कंपनी के संस्थापक अभिषेक नाथ (Abhishek Nath) ने एक सराहनीय कदम उठाया है। इन्होंने हैदराबाद शहर के कई हिस्सों में ऐसे 200 से अधिक शौचालय बनाया हुए हैं, जो बिल्कुल निःशुल्क हैं, जिसका नाम लू कैफे है।
लू कैफे स्टार्टअप (The Loo Cafe) के संस्थापक अभिषेक नाथ (Abhishek Nath) का कहना है कि, “ लू कैफे को रीसाइकल्ड शिपिंग कंटेनरों से बनाया जाता है, जो एक अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। इसमें एक सेंसर लगाया गया है, जो शौचालय के बदबू को दूर करने में मदद करता है तथा टैंक में पानी का स्तर कम होने पर हाउसकीपर को सूचित करता है।”
शौचालय के चारों तरफ लगाया गया सुगंधित फूल और पौधों
अभिषेक नाथ (Abhishek Nath) ने बताया कि, शौचालय के चारों तरफ सुगंधित फूल और पौधा लगाया गया है, जिससे बदबू के जगह फूलों की खुशबू आए।
बाकी शहरों में भी चल रहा निर्माण
अभिषेक नाथ (Abhishek Nath) ने बताया कि, हैदराबाद के अलावें श्रीनगर में लू कैफे का ऑपरेशन शुरू हो चुका है तथा चेन्नई में यह परियोजना शुरू होने वाली है। जबकि, बेंगलुरु और पुणे में अभी बातचीत चल रही है।
कैसे आया शौचालय निर्माण का ख्याल-(Loo Cafe)
अभिषेक नाथ (Abhishek Nath) ने बताया कि, 20 साल तक मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स क्लीनिंग और सेनिटाइजेशन के क्षेत्र में काम करने के बाद उन्हें लगा कि हमारे देश में साफ-सफाई और हाइजीन को लेकर कई चिंताएं हैं। सरकार ने हर जगह सार्वजनिक शौचालय का निर्माण तो किया है लेकिन उसकी सफाई कभी समय से नहीं हो पाती, जिससे हमारा देश में स्वच्छता कभी नहीं बन पाएगी।
उन्होंने (Abhishek Nath) बताया कि, “देश में सार्वजनिक शौचालयों की कमी से वजह से मुझे स्वच्छ, फ्रेंडली और उपयोग में आसान शौचालय को बनाने की प्रेरणा मिली। हम सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल को लेकर बनी धारणाओं को तोड़ना चाहते हैं।”
बता दें कि, शहर में 20 × 8 फीट से लेकर 4 × 5 आकार तक के शौचालय लग रहे हैं तथा हर शौचालय में प्रतिदिन करीब 200 से 1,500 लोग जाते हैं। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के जरिए इस सुविधा को विकसित किया गया है।
भविष्य योजना
उनके (Abhishek Nath) द्वारा बनाए हुए इन शौचालय(Loo Cafe) में बिजली के सौर ऊर्जा, मानव अपशिष्ट के ट्रीटमेंट के लिए बायो-डाइजेस्टर जैसी कई नई तकनीकों की टेस्टिंग चल रही है। भविष्य में उनका उद्देश्य शौचालयों को सीवेज लाइनों से मुक्त और मानव अपशिष्ट से एक उपयोगी “पोषक तत्वों से भरपूर उत्पाद” बनाना है तथा शहर के कुछ हिस्सों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग और वाटर लैस यूरिनल से संबंधित प्रयोग भी चल रहे हैं।
उनका (Abhishek Nath) कहना है कि, शौचालय को बैक्टीरिया मुक्त रखने के लिए एल्कलाइन वाटर जल्द ही बंजारा हिल्स के लू कैफे में लाया जाएगा।