Sunday, December 10, 2023

MNC की नौकरी छोड़कर युवक पहुंचा अपने गांव, अब तालाब में मोती उगाकर कमा रहा लाखों

वित्तीय स्थिति कमजोर होने के कारण अधिकतर व्यक्ति अपने गांव से शहर की तरफ रुख मोड़ते हैं, ताकि वह अधिक पैसे कमाकर खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकें।

हमारे इस लेख में आपको ऐसे युवक के बारे में जानकारी मिलेगी, जिन्होंने शहर को अलविदा कह अपने गांव की तरफ रुख मोड़ा। आज अपने गांव के तालाब में मोती उगाकर लाखों पैसे कमा रहे हैं। (Pearl Farming)

स्वयं का कार्य होता है अच्छा

28 वर्षीय नितिल भारद्वाज (Nitin Bharadwaj) बिहार (Bihar) से ताल्लुक रखते हैं। उनका मानना है कि अगर हम स्वयं का रोज़गार करते हैं, तब यह हमारे लिए सबसे अच्छी बात है। उन्होंने बताया कि अगर हम अपने कार्य को पूरी ईमानदारी के साथ कर रहे हैं, तब हमें सफलता अवश्य मिलती है। आज वह बिहार राज्य के बाघा डिस्टिक के सभी युवाओं के लिए उदाहरण बन गए हैं। (Pearl Farming)

After leaving MNC job this boy is earning lakhs through Pearl Farming in Bihar

दिल्ली में करते थे काम

नितिल पहले दिल्ली में एक MNC में जॉब कर रहे थे लेकिन उन्होंने गत वर्ष पूर्व उस जॉब को छोड़ दिया और अपने गांव लौट आए। वह योजना बनाकर लौटे थे कि जब वह गांव आएंगे, तब मोती की खेती करेंगे। अब उन्होंने गांव में आकर तालाब में मोती की खेती प्रारंभ किया। (Pearl Farming)

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ट्रेनिंग के बाद उतरे खेती में

उन्होंने यह जानकारी दिया कि जब हमारे देश के प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर होने की बात कही थी। उसी वक्त मैंने यह निश्चय कर लिया था कि मैं भी आत्मनिर्भर बनूंगा। मैंने मोती की खेती पर शोध किया और प्रशिक्षण लेने के बाद इस क्षेत्र में आया। (Pearl Farming)

After leaving MNC job this boy is earning lakhs through Pearl Farming in Bihar

30 से 35 लाख की हुई आमदनी

प्रारंभिक दौर में उन्होंने लगभग 6 माइग्रेंट लेबर का समर्थन मिला। ये सभी व्यक्ति भी लॉकडाउन लगने के कारण शहर को छोड़ गांव में वापस आ गए थे। उन्होंने मात्र 1 एकड़ ज़मीन में ही मोती की खेती प्रारंभ की और लगभग 8 माह में उन्हें अपने ईमानदारी द्वारा किए गए, कार्य के कारण 30 से 35 लाख रुपए की आमदनी हुई। (Pearl Farming)

दे रहे हैं रोज़गार भी

ऐसा नहीं है वह सिर्फ मोती की खेती करते हैं, बल्कि वह बतख पालन भी कर रहे हैं। वह मछली पालन और पोलिट्री फॉर्म भी खोल चुके हैं और पशुपालन भी कर रहे हैं। यह स्वयं कार्य तो कर ही रहे हैं, साथ ही अन्य लोगों को भी रोज़गार देने में लगे हैं। (Pearl Farming)