Wednesday, December 13, 2023

पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं, बेटे को केलिफोर्निया में 32000 डॉलर का स्कॉलरशिप मिला, अपनी मेहनत से गरीबी को मात दिए

कहते हैं न, “मन के हारे हार हैं, मन के जीते जीत।” सच.. यदि मन में लक्ष्य प्राप्ति हेतु जुनून हो तो उसे पाना बिल्कुल भी असंभव नहीं। मंजिल तक पहुंचने की राह में गरीबी कभी भी बाधा नहीं बन सकती बशर्ते उसके लिए मनुष्य के मन में दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास हो। इरादे यदि बुलंद होंगे तो किसी भी प्रकार की चुनौती राह में रोड़ा नहीं बन सकती है।

उपर्युक्त बातों को एक दिहाड़ीदार के बेटे ने सत्य साबित कर दिखाया है। उसने कैलिफोर्निया (California) में पीएचडी करने के लिए $32000 के स्कॉलरशिप हासिल कर सभी के लिए बेहद अनूठी मिसाल पेश की है। आइये जानते है उसके संघर्ष भरे राह के बारे में…

अमनदीप का परिचय

अमनदीप सिंह (Amandeep Singh) पंजाब के लुधियाना (Ludhiana) के रहनेवाले हैं तथा उनके पिता दिहाड़ी कर परिवार का आजीविका चलाते हैं। अमनदीप के पिता का सपना था कि वह सफलता के शिखर तक पहुंचे। इसलिए उन्होंने अमन का नामांकन जवाहर नवोदय स्कूल लुधियाना में करा दिया। वहां पर गणित के शिक्षक ने अमनदीप को भाई जैताजी फाउंडेशन कोचिंग सेंटर के लिये तैयार किया जिसके बाद अमनदीप पेपर क्रैक कर कोचिंग के लिये चंडीगढ़ पहुंचे।

अमनदीप ने 12 वीं कक्षा के साथ-साथ चंडीगढ़ में भाई जैताजी फाउंडेशन से कोचिंग ली और IIT JEE मेन्स और एडवांस में सफलता प्राप्त किया। IIT एडवांस में अमनदीप का ऑल इंडिया रैंक बहुत अच्छा नहीं रहा, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी।

Amandeep Singh

IIT मे नामांकन नहीं मिला तो आइसर मोहाली में दाखिला लिया

अमनदीप ने बताया कि आईआईटी एडवांस में रैंक कम आने की वजह से देश के किसी भी IIT में उन्हें नामांकन नहीं मिला, लेकिन उन्होंने आइसर मोहाली में एडमिशन लिया और वहां से 5 वर्ष का बीएस और एमएस पास किया। उसी समय वर्ष 2017 में अमनदीप ने दिसंबर माह में नेट के परीक्षा में ऑल इंडिया 77वां रैंक हासिल किया। उसके बाद उन्होनें आइसर मोहाली में जूनियर रिसर्च फैलो के तौर पर अगस्त 2019 से जुलाई 2020 तक कार्य किया। इस आधार पर अमनदीप को अमेरिका (America) के कैलिफ़ोर्निया (California) में स्कॉलरशिप के साथ PhD करने का अवसर प्राप्त हुआ है।

सोलर सेल पर कार्य करने की अभिलाषा है

अमनदीप ने बताया कि PSD के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं है लेकिन वह सोलर सेल पर कार्य करना चाहते हैं। अमनदीप एक ऐसी तकनीक विकसित करना चाहते हैं जिसके प्रयोग से कोई भी मनुष्य किसी दूसरे पर निर्भर हुए बिना अपना जीवन यापन कर सके। उन्होंने बताया कि उनका सपना कब और कैसे पूरा होगा, फिलहाल स्वयं उन्हें भी नहीं पता है लेकिन मन में एक उम्मीद की किरण जरूर है।

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अपने देश के कॉलेज में काम करना है

पीएचडी करने के बाद करियर के बारे में अमनदीप ने बताया कि शिक्षा भले ही अमेरिका से ग्रहण करेंगे, लेकिन शिक्षा पूरी होने के बाद वह वापस भारत आकर किसी कॉलेज में काम करना चाहते हैं। उन्होंने बताया, “ऐसे कई छात्र हैं जो अपने सपने कॉलेज से पूरे करते हैं तो उनके सपनों को पंख लगाना मेरी प्राथमिकता है।

20 जनवरी तक भाई जैताजी फाउंडेशन में नामांकन के लिये आवेदन करें

भाई जैताजी फाऊंडेशन सुपर थर्टी के मॉडल की तरह ही कार्य करता है, जो वर्ष में एक बार टेस्ट आयोजित करता है। इस परीक्षा में भाग लेने के लिए 11वीं और 12वीं के छात्र हिस्सा लेते हैं तथा इस टेस्ट में शानदार मैरिट वाले 30 छात्रों को भाई जैताजी फाउंडेशन मुफ्त में मेडिकल और नन मेडिकल की कोचिंग देता है। वर्ष 2021-2022 सत्र के लिये इच्छुक छात्र 20 जनवरी 2021 तक फाउंडेशन के वेबसाइट पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।

The Logically अमनदीप सिंह (Amandeep Singh) को उनकी सफ़लता के लिए बधाई देता है।