कहा जाता है कि बेटा सब कुछ कर सकता है। अगर बेटा किसी काम को ठान ले तो उस काम को पूरा कर देता है। लेकिन आजकल बेटा ही नहीं बेटी भी वह सब कुछ कर सकती है। जो एक बेटा कर सकता है आजकल बेटियां भी हर उस कामयाबी और चोटी को छू रही है जो बेटे करते हैं।
आज हम आपको एक ऐसी ही बेटी के बारे में बताएंगे। जिन्होंने अपने पिता के छोटे से कारोबार को अपनी मेहनत और लगन से आज उस ऊंचाई पर पहुंचा दी है कि पिता कभी अपने कारोबार को इस ऊंचाई तक पहुंचने का सपना देखते थे।
अमीरा शाह (Amira Shah) अमेरिका (America) से टैक्सास यूनिवर्सिटी (Texax University) से पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद मल्टीनेशनल फॉर्म गोल्डमैन सांच (Goldman Sanch) से अपने कैरियर की शुरुआत की। अमीरा (Amira) के पिता डॉक्टर सुशील शाह (Dr. Sushil Shah) साल 1980 में मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएशन कर लेने के बाद उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं ने कुछ अलग करने के बारे में काफी प्रेरणा दी। जब यहां के लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जाना और कुछ अलग करने में के बारे में सोंचकर सुशील शाह (Sushil Shah) ने अमेरिका जाकर अलग-अलग प्रक्रियाओं की पढ़ाई की। और उसे बारीकी से समझा। जब इनकी पढ़ाई पूरी हो गई तो ये अपना देश वापस लौट आए।
स्वदेश लौटने बाद सुशील शाह (Sushil Shah) ने यहां आकर एक लैबोरेट्री नाम से पैथोलॉजी लैबोरेट्री की शुरुआत की। सुशील शाह (Sushil Shah) के पास पैसे की अभाव से इन्होंने अपने लैबोरेट्री (Laboratory) का काम गैराज से ही शुरू कर दिया। और अपने रसोईघर को क्लिनिक बना दिया। डॉक्टर सुशील शाह (Dr. Sushil Shah) एक ऐसे डॉ थे जिन्होंने स्वास्थ्य के तकनीक में पहला लैबोरेट्री तकनीक लाया था। डॉक्टर सुशील शाह (Dr. Sushil Shah) के पास सूचना प्रौद्योगिकी और तकनीक काफी छोटे स्तर पर थे। डॉक्टर सुशील साह अपने पुराने तौर-तरीके ही अपना रहे थे।
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डॉक्टर सुशील शाह (Dr. Sushil Shah) का यह लैबोरेट्री (Laboratory) उसी इलाके का मात्र एक इनका लैबोरेट्री (Laboratory) था। इन्होंने लोगों के बीच अपना विश्वास बना लिया था। इनका यह लैबोरेट्री (Laboratory) दक्षिण मुंबई (South Mumbai) में लगभग 1500 वर्ग फीट में बना था। डॉक्टर सुशील साह (Dr. Sushil Shah) का सपना था| कि वाह अपने इस लेबोरेटरी को बहुत बड़ी श्रृंखला बनाएं। लेकिन इनके पास जमीनी स्तर से काम करने का तरकीब समझ में नहीं आ रहा था। डॉ सुशील शाह अपने इस कारोबार करने के साथ-साथ अपनी बेटी अमीरा शाह के शिक्षा को लेकर के काफी जागरूक रहे।
अमीरा शाह (Amira Shah) विदेशों में कुछ वर्षों तक काम कर लेने के बाद वह 2001 में भारत वापस लौट आईं। अमीरा (Amira) जब वापस आए तो इन्होंने अपने पिता के सपने को साकार करने के लिए जमीनी स्तर से काम करना शुरू कर दिया। सबसे पहले इन्होंने डिजिटल संसाधनों का इस्तेमाल किया इसके बाद डॉक्टर सुशील शाह (Dr. Sushil Shah) के लैबोरेट्री (Laboratory) को मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर (Metropolis Health Care) का नाम दिया। अमीरा (Amira) अपने पिता के लेबोरेटरी को बढ़ाने के लिए काफी लगन और मेहनत से दिन-रात काम किए। अपनी लगन और मेहनत के बलबूते पर आज इनका यह मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर ( Metropolis Health Care) भारत भर में अपने प्रयोगशालाओं (Laboratory) का विस्तार कर बड़ी श्रृंखला का निर्माण कर दिया। कुछ ही सालों में लोगों को इस कंपनी पर विश्वास होने लगा।
अमीरा शाह (Amira Shah) के यह मेहनत काफी रंग लाई। जो आज इनकी कंपनी मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर (Metropolis Health Care) 25 से ज्यादा देशों में अपना कारोबार कर रहा है। इसके साथ साथ इन्होंने 4000 से अधिक लोगों को रोजगार भी दिए हुए है। यह कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी पैथोलॉजी लैब (Pathology Lab) में से एक है। अमीरा शाह (Amira Shah) अपने पिता के इस छोटी सी शुरुआत को अपनी मेहनत से इसे काफी आगे ले गए। आज यह कंपनी 3000 करोड़ की कमाई कर रही है। इस बेटी ने अपने पिता के सपनों को साकार कर के आज दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिला बन गई है।