परिश्रम की कमाई का फल वे क्या जाने जिन्हें धोखाधड़ी कर आम जनता को परेशान करने से तसल्ली मिलती है। इस वर्ष कई लोगों को बैंक में डिपोजिट किये हुए अपनी राशि को लेकर दिक्कत हुई है। अपने भविष्य के लिए हर इंसान पैसे को संग्रहित कर रखता है ताकि जरूरत पड़ने पर इस राशि का उपयोग जरूरतानुसार कर सके।
लेकिन इस साल में कई ऐसे सज्जन हैं जिनके परिश्रम की कमाई को हैकर्स ने धोखाधड़ी से अपने नाम कर लिया है। कुछ तो बैंक की चालबाज़ी में भी लोगों के परिश्रम की कमाई लूट गई है। इसके ख़िलाफ़ कुछ लोगों ने अपने दम पर लड़ाई लड़ी और कुछ हार मान दुःखित मन से चुप बैठ गए। इन्हीं लड़ने वाले पुरुषों में से एक हैं गुजरात के विका भाई दोषी जिन्होंने धरना प्रदर्शन किया और 24 घण्टे में इनकी 1.62 लाख राशि इनके खाते में लौटाई गई।
खाता धारक विका भाई दोषी
यह बात गुजरात (Gujrat) के राजकोट (Rajkot) के एक निजी बैंक की है जहां एक खाता धारक अपने हक के लिए रजाई गद्दा के साथ धरना प्रदर्शन करने बैठा है। इस खाताधारक का नाम विका भाई दोषी है। इन्होंने
बैंक पर यह आरोप लगाया है कि इनके खाते से 1लाख 62 हजार रुपये गायब हुए हैं।
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पूरे 10 दिनों तक दौड़ते रहे दोषी भाई
हलांकि इनके इस धरने के बाद बैंक में पूरी तरह खलबली मची हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी मिली कि दोषी भाई से CM सर्टिफिकेट मांगा जिसे दोषी भाई ने दे दिया लेकिन इसके उपरांत इनके खाते से मोटी रकम 1.62 लाख रुपये कट गये। फिर इन्होंने बैंक के चक्कर 10 दिनों तक काटे लेकिन वहां कोई असर नहीं हुआ।
धरना प्रदर्शन से लौटा पैसा
जब दोषी भाई ने देखा कि अब चुप बैठने से कुछ नहीं होगा तब इन्होंने रजाई गद्दा लिया और बैंक में आकर बैठ गयें। इनके प्रदर्शन का परिणाम यह हुआ कि इनके खाते में 1लाख 39 हजार रुपये वापस आ गयें। हलांकि अब दोषी भाई का कहना है कि जब तक बैंक लिखित माफीनामा ना दे तब तक मैं यहां से नहीं उठूंगा।