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खूबसूरती के मामले में भारत का यह गांव यूरोप से कम नही है, देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्ट आते हैं: तस्वीर देखें

प्राकृतिक खूबसूरती किसे नहीं भाती, हर इंसान प्रकृति की खूबसूरती को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाता है। प्राकृतिक खूबसूरती को देखने के लिए लोग दूर-दूर की यात्राएं करते हैं, यहां तक कि विदेशों तक भी भ्रमण करते हैं। लोगों के आकर्षण को ध्यान में रखते हुए हाल हीं में केरल में एक ऐसा पार्क बनाया गया है जिसे देखने के लिए भारी संख्या में भीड़ उमड़ रही है। आईए जानते हैं कि इस पार्क में ऐसा क्या है जो लोग उसकी ओर खींचें चले आ रहे हैं…

केरल में बनाया गया यह एक ऐसा पार्क है जो कहीं अलग और जुदा स्थान पर नहीं बल्कि घरों के बीच में है। इस पार्क पर गाड़ियों से आना-जाना मना है, सिर्फ पैदल हीं चलने की अनुमति है। यह पार्क केरल के पारंपरिक घरों के बीच में आधुनिक तरीके से बनाया गया है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि मानो यूरोपीय देशों में भ्रमण कर रहे हों। केरल के टूरिज्म मिनिस्टर द्वारा इस पार्क का उद्घाटन किया गया जो सोशल मीडिया पर काफी चर्चे में है, तो आइए देखते हैं इस खूबसूरत पार्क की कुछ तस्वीरें।

वागभटानंद पार्क

Vagbhatananda Park

केरल के कोझिकोड जिले के वडाकरा के पास काराकड गांव में बनाए गए इस खूबसूरत पार्क का नाम वागभटानंद पार्क(Vagbhatananda Park) है। पार्क का उद्घाटन केरल के पर्यटन मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन(Kadakampally Surendran) द्वारा किया गया। इस पार्क में बनी सङकों की तुलना यूरोपीय देशों की सड़कों से की जा रही है जिसे दर्शकों द्वारा ख़ूब सराहना भी मिल रही है।

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पार्क की खासियत

वागभटानंद पार्क में पक्की सड़कें बनी हुई हैं, जिसके किनारे-किनारे क्यारियां बनाई गई हैं, अनेकों यूरोपीय डिजाइंस की लाइट्स, ओपन स्टेज, आधुनिक इमारतें, ओपन जिम, बैडमिंटन कोर्ट और चिल्ड्रेन पार्क भी बनाया गया है। साथ हीं पार्क के दोनों तरफ शौचालय बनाया गया है जिसमें दिव्यांग लोग भी जा सकते हैं। इतना ही नहीं रास्ते में जगह-जगह पार्क में टैक्टिकल टाइल्स भी लगाई गई है जिससे दृष्टिहीन लोग भी उस रास्ते का भरपूर आनंद उठा सकते हैं।

पर्यटन मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन का कहना है कि इस पार्क से गांव की तस्वीर बदल जाएगी। पार्क बनाने का सपना वहां के स्थानीय लोगों के सहयोग के बिना पूरा होना असंभव था, वह पार्क सबसे पहले स्थानीय लोगों के लिए है। ऐसा विश्वास है कि अभी से हीं इस मनमोहक पार्क को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से लोग आएंगे। इस पार्क के बदौलत वहां के स्थानीय लोगों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति भी सुधरेगी।

काराकड गांव का यह पहला पार्क नहीं है बल्कि वहां इससे पहले भी एक पार्क था जिसकी स्थिति बहुत हीं खराब हो चुकी थी। जब प्रशासन और सरकार द्वारा नए पार्क बनाने की योजना बनाई गई तब उसमें स्थानीय लोगों ने भी बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई क्योंकि स्थानीय लोगों के सहयोग के बिना कोई भी कार्य आसानी से संभव नहीं हो सकता है। वहां के लोगों ने पार्क का डिजाइनिंग, रिनोवेशन से लेकर कार्य पूरा होने तक पूरा सहयोग और आईडिया दिया। इतना ही नहीं पार्क बनने के समय भी वहां के लोगों द्वारा पर्याप्त वक्त दिया गया जिससे यह पार्क बेहद खूबसूरत बनकर तैयार हुआ।

पार्क का नामकरण

इस पार्क का नाम भी वहां के एक सामाजिक कार्यकर्ता वागभटानंद गुरु के नाम पर हीं रखा गया है। पार्क को ओंचियम-नादापुरम रोड की तरफ से थोड़ा और बड़ा भी बनाया गया ताकि लोग आधुनिकरण के साथ हीं विलेज वॉक का भी फायदा उठा सकें।

पार्क को बनाने में लगा खर्च

वागभटानंद पार्क को बनाने में 2.80 करोड़ रूपये की लागत खर्च आई। इस पार्क के निर्माण में उरालुंगल लेबर कॉन्ट्रैक्टर्स सोसाइटी ने भी मदद की है, जिस सोसाइटी की स्थापना वागभटानंद गुरु द्वारा हीं की गई थी। सोशल मीडिया पर इस पार्क की खबर आने और तस्वीरें देखने के बाद लोगों में इसे देखने की उत्सहना काफी बढ़ रही है।

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