परिस्थिति चाहे कैसी भी हो उससे बाहर निकलकर एक अलग पहचान बनाना अब महिलाएं बखूबी जानती हैं। ये हर क्षेत्र के कार्यों को कर उसमें अपने सफलता का परचम लहरा रहीं हैं। इन्हीं में से एक हैं “भावना जुनेजा” जिन्होंने पहले तो गलियों में बुटीक, सजावटी समान और क्रिस्टल बेंचे और आज करोड़ो का साम्राज्य स्थापित कर चुकीं हैं। आइये जानतें हैं कि आख़िरीकार इन्होंने किस तरह इस साम्राज्य को स्थापित किया है।
दिल्ली की भावना जुनेजा
दिल्ली (Delhi) की भावना जुनेजा (Bhavna Juneja) आज एक ऐसी उद्यमी के रूप में विकसित हुई हैं, जिन्होंने यूएसडी 65 मिलियन डॉलर (लगभग 48,000 करोड़) का निर्माण किया है। इन्होने यह उपलब्धि मात्र 20 से कम वर्षों मे हासिल किया। 45 वर्षीय भावना ने 17 साल की उम्र में अपना पहला उद्यम स्थापित किया जो एक अमेरिकी कंपनी है। यह एसएस ड्वेक एंड संस (SS Davek & Sons) के लिए एक खरीद एजेंट (Buying Agent) बन गई।
पिता बेंचतें थे समोसा
इनके पिता लंदन में एक खानपान व्यवसाय चलाते थे। वहां समोसा बेचते और ‘समोसा किंग’ नाम से जाने जाते थे। जब भावना मात्र 13 साल की थीं तब उनके माता-पिता अलग हो गए और इससे वह छोटी सी बच्ची काफी प्रभावित हुई। आगे इनकी मां ने इन्हें नई दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी के बुटीक इलाके में दरवाजे-दरवाजे जाकर क्रिस्टल, सजावटी सामान और ऐसी कई चीजें बेचने के लिए भेजना शुरू किया ताकि बाहर की दुनिया को देख-परख कर समझ सकें। भावना ने बहुत जल्द हीं इस व्यापार को अच्छी तरह समझ लिया।
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भावना की शिक्षा
भावना ने मेटर देई स्कूल से पढ़ाई की है और खर्च बचाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्राचार के माध्यम से बीए की डिग्री ली। 1995 में इन्होंने स्पेक्ट्रा शेड्स इंटरनेशनल की शुरुआत की, जो घरेलू फर्म के साथ काम करने वाली एक व्यापारिक कंपनी थी। बाद में इसे इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन के विदेशी खरीदारों की सूची मिली। भावना न्यूयॉर्क स्थित कंपनी (SS Dwecks & Sons) से जुड़ी और उनके साथ एक सौदा किया। कंपनी के एजेंट के रूप में इन्होंने अगले चार वर्षों तक देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की। जिस प्रकार भावना का जीवन गुजर रहा था, उससे बहुत खुश थी।
शादी के बाद शिफ्ट हुई अमेरिका
जब 21 साल उम्र में भावना की शादी हुई तब अमेरिका चली गईं। वहां एक आईटी स्टार्टअप में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने लगीं और थोड़े ही समय में इन्होंने लाखों डॉलर के सौदे में अपनी भूमिका साबित कर दी और कंपनी की मालिक बन गई। अमेरिका में वह एक आईटी स्टार्टअप में रिसेप्शनिस्ट के रूप में शामिल हुईं। भावना ने बताया कि उनका दिल बिक्री में था, इसलिए अपने पति को आश्वस्त किया कि बिक्री में हाथ आजमाने दें। भावना को कैटरपिलर के साथ अपना पहला आदेश मिला। एक साल के अंदर कंपनी का राजस्व 0 से 2 मिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया। यह कंपनी की मालिक बनी और बाद में इसे बेच दिया।
मां का हुआ देहांत और भावना का तलाक
2004 में इनके पति भारत वापसआ गए, लेकिन भावना अपनी बेटी और बेटे के साथ अमेरिका में रहीं। वर्ष 2005 इनके लिए सबसे दुःखद था क्योंकि इनकी माँ कैंसर के कारण गुजर गईं। वर्ष 2009 में इनका तलाक हो गया। लेकिन किसी भी घटना ने इनकी सफलता में बाधा नहीं डाली।
किया खुद का साम्राज्य स्थापित
2013 में इन्होंने इन्फिनिटी एक फार्मास्युटिकल और लाइफ साइंस कंपनी की स्थापना की, जो वैश्विक स्तर पर बायोटेक, फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस कंपनियों के लिए आईटी सेवाएं प्रदान करती है। इस कंपनी का यूके, कनाडा और भारत में परिचालन है। इन्होंने इस कंपनी को अपने स्वयं के धन के साथ लॉन्च किया, लेकिन बाद में यूएस-आधारित उद्यमी शेल्ली निकहानी ने इसमें निवेश किया। इन्फिनिटी वर्तमान में 700 से अधिक लोगों को रोजगार देती है और 35 मिलियन अमरीकी डालर के लगभग वार्षिक राजस्व इनकी आमदनी है।
2018 में भावना ने Vanator शुरू किया, जो एक AI आधारित RPO कंपनी है जिसका मुख्यालय अमेरिका में है। इन्होंने नोएडा में एक फैशन रिटेल आउटलेट भी शुरू किया। 2019 में भवना ने सुदीप सिंह से मुलाकात की, जब वह गोवर्क्स में सीईओ थे। इस वर्ष जून में दोनों की बातचीत हुई और यह एक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी Mpowered के सह संस्थापक बन गए। आगे भावना का उद्देश्य अधिक से अधिक महिलाओं को शिक्षा प्रदान करना और लड़कियों के लिए कई स्कूलों का निर्माण करना है।
The Logically भावना जी को उनकी इस कामयाबी के लिए बधाई देता है तथा इनके कार्यों की सराहना करता है।