Sunday, December 10, 2023

मंदिर के लाउडस्पीकर की आवाज से होती है बच्चों की डिजिटल पढ़ाई, जानिए झारखंड के शिक्षक ‘भीम महतो’ की नई खोज

गरीबों की मदद करने के बहुत से तरीके हैं, बस हमारा इरादा नेक होना चाहिए।‌ अगर हम पूरे मन से किसी की मदद करने की कोशिश करें तो कामयाबी जरूर मिलती है। कुछ ऐसी ही अनोखी तरकीब झारखंड (Jharkhand) के बोकारो जिले के जुनोरी गांव के एक स्कूल शिक्षक भीम महतो (Bhim Mahto) ने निकाली है। उन्होंने उन बच्चों को पढ़ाने के लिए अनोखा तरीका निकाला है, जिनके पास वर्चुअल लर्निंग तक पहुंच नहीं है।

मंदिर के लाउडस्पीकर के मदद से बच्चों को पढ़ा रहे

भीम महतो (Bhim Mahto) चंद्रपुरा ब्लॉक के सरकारी मिडिल स्कूल के शिक्षक हैं। वह एक मंदिर के लाउडस्पीकर का उपयोग कर उन बच्चों को पढ़ा रहे हैं, जिनका परिवार डिजिटल उपकरणों का खर्च उठाने में सक्षम नहीं है। गांव में ऐसे कई परिवार हैं, जो वंचित वर्ग से हैं। जिससे बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। – Bhim Mahto is teaching children with the help of loudspeaker

Bhim Mahto is teaching children with the help of loudspeaker

महामारी के बीच जारी रखी पढ़ाई

महामारी की वजह से गांव के स्कूल बंद हो गए हैं इसलिए उन्होंने बच्चों की शिक्षा को जारी रखने के लिए यह अनोखा तरीका अपनाया है। महतो बताते हैं कि मैंने देखा कि गांव के शिव मंदिर में लाउडस्पीकर है और यह गांव के बीच में स्थित है, जिससे गांव के हर कोने में आवाज़ जाती है। महतो ने इसके जरिए बच्चों को शिक्षा देने का फैसला किया।

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महामारी के बीच ऐसे हुई पढ़ाई

भीम महतो (Bhim Mahto) बताते हैं कि उन्होंने छात्रों को पढ़ाए जाने वाले अक्षर, टेबल और अन्य अध्ययन सामग्री के पोस्टर और बैनर लटकाए। जबकि महतो लाउडस्पीकर पर अवधारणा की व्याख्या करते हैं। उसके बाद वह छात्र को छोटे-छोटे समूहों में मंदिर के मंच पर बुलाते हैं और उनके प्रश्नों का समाधान करते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि बच्चे पाठ को समझ गए हैं। -Bhim Mahto is teaching children with the help of loudspeaker

Bhim Mahto is teaching children with the help of loudspeaker

पढ़ाने के साथ-साथ बच्चों के लिए लाते हैं आम, बिस्कुट और चॉकलेट

महतो के पढ़ाने का तरीका उन लोगों के लिए वरदान बनकर आया है, जो अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन नहीं खरीद सकते। महतो इस बात का भी पूरा ख्याल रखते हैं कि छात्र पूरे पाठ में चौकस रहे। कक्षा तीन की छात्रा नव्या कुमारी (Navya Kumari) बताती है कि भीम सर हमें इतने आसान तरीके से पढ़ाने के साथ-साथ आम, बिस्कुट और चॉकलेट भी देते हैं। अंत में नव्या कुमारी कहती है कि उनकी कक्षाओं में आना वाकई मजेदार है।

ग्राम पंचायत 49 वर्षीय शिक्षक भीम महतो (Bhim Mahto) के नेक कार्य को देखते हुए उनकी कक्षाओं के लिए मंदिर के संसाधन उधार देने से बहुत खुश हैं। वर्तमान में भीम के ओपन-एयर स्कूल में 30 से अधिक छात्र नामांकित हैं। – Bhim Mahto is teaching children with the help of loudspeaker