Sunday, December 10, 2023

कामधेनु आयोग ने गाय के गोबर और मिट्टी से 33 करोड़ दीये बनाने का लिया संकल्प: आत्मनिर्भर भारत

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बहुत जल्द दिवाली का त्योहार आने वाला है। दिवाली का त्योहार भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। भारत के साथ-साथ उसका देश नेपाल भी दीपावली के पर्व को बहुत ही धूम-धाम से मनाता है। भारत में दिवाली पर्व बेहद हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके साथ हीं हम सभी यह भी जानतें है कि जब भगवान श्री राम रावण का संहार करके 14 वर्ष बाद पत्नी और भाई के साथ वापस अयोध्या लौटे तो उनके आने की खुशी में पूरा अयोध्या दुल्हन की तरह सज गया था। अयोध्या की पूरी प्रजा ने घी के दिये जलाए थे।

हम सभी दीपावली के दिन तरह-तरह के लाइट्स, मोमबती, दिये आदि का प्रयोग करते हैं। प्रत्येक दिवाली में लाइट्स, दिये, पटाखे ये सभी चीन से आयात होता था। लेकिन चीन के साथ मतभेद होने की वजह से भारत ने कीई चीनी सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे चीन के बाजार पर गहरा असर पड़ा है।

Clay lamp made with cow dung

इसी के साथ एक नई बात सामने आई है कि भारत ने इस दिवाली पर गाय के गोबर से 33 करोड़ दिये बनाने की घोषणा की है। इस खबर को सुनकर चीन तिलमिला गया है। चीन को इस बात का डर सताये जा रहा है कि, इस उत्सव पर उसका निर्यात बहुत प्रभावित होगा। 33 करोड़ दिये बनाने की घोषणा सुनकर वीईबो जैसे ट्विटर पर गाय के गोबर लैंप की चर्चा जोड़ों से चल रही है। ग्लोबल टाइम्स जो कि चीन का मुख्यपत्र है, ने कहा है कि गाय के गोबर से वायू प्रदूषण फैलेगा जिससे मानव स्वास्थ्य को बहुत हानि पहुंचेगी। यह मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है।

आपको बता दें कि हाल हीं में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने इस वर्ष दीपावली से पहले गाय के गोबर से 33 करोड़ दिये बनाने की घोषणा की है। इसके अलावा आयोग ने कहा था कि दिवाली के पावन अवसर पर चीनी लाइट्स आइटम के आयात को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया गया है, ताकि चीन से आयात में गिरावट हो सके। इस घोषणा पर चीनी सरकार का कहना है कि भारत देश बिना जांच-पड़ताल के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहित कर रहा है।

यह भी पढ़े :- Bintix waste research private Limited एक कचड़ा प्रबंधन कम्पनी है जो कचड़े को खरीदार उसका रिसायकल करते हैं ।

एक अनुमान के अनुसार, दिवाली के अवसर पर उपयोग होने वाले 90 फीसदी लाइट्स का आयात होता है। कामधेनु आयोग के अनुसार चीनी लाइट्स को 15 राज्य गाय के गोबर से मुकाबला देने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिये तैयार है।

इसके अलावा चीन से लाइट्स आयटम के आयात को कम करने के लिये बंदरगाहों पर चीन से आने वाले सामानों की गुणवत्ता की जांच की जा रही है। क्वालिटी में कमी पाए जाने पर माल को वापस चीन भेज दिया जायेगा या उसे नष्ट कर दिया जायेगा। इसका खर्च आयातक उठाएगा। इस तरह की बातों को सामने आने पर चीन बौखला गया है। प्रत्येक दिवाली पर चीन से बड़े पैमाने पर लाइट्स का आयात किया जाता था। लेकिन सम्बंध खराब होने की वजह से लोगों चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं।

इस दिवाली अपने देश में बने गाय के गोबर से बने दिए जलाने की यह पहल बेहद सराहनीय है। The Logically अपने सभी पाठकों से अपने देश में बने उक्त तरह का माध्यम अपनाने की अपील करता है।

Follow Us On Social Media