कहते हैं डॉक्टर भगवान के स्वरुप होते हैं। यह सच भी है क्योंकि भगवान के अलावा जीवन दान देने वाले सिर्फ डॉक्टर ही हैं। एक डॉक्टर खुद की परवाह किए बगैर दिन-रात दूसरों की सेवा में लगे रहते हैं। कुछ डॉक्टरों के लिए उनकी डिग्री कमाई का जरिया बन जाता है तो वहीं कई डॉक्टर ऐसे भी हैं जो सेवा भाव का रास्ता अपना लेते हैं। एक ऐसे ही डॉक्टर है रामचंद्र दांडेकर जो पिछले 60 वर्षों से लोगों का निःस्वार्थ उपचार करते आ रहे हैं।
महाराष्ट्र(Maharastra) के चंद्रपुर(Chandrpur) जिले के रहने वाले एक ऑक्टोजेनियन डॉक्टर रामचंद्र दांडेकर(Dr. Ramchandr Dandekar) लगभग 87 वर्ष के हो चुके हैं और वह पिछले 60 वर्षों से लोगों को चिकित्सीय सहायता प्रदान करने के लिए दूरस्थ गांव की यात्रा नंगे पैर ही कर लेते हैं। कोरोना महामारी के बीच में डॉ. रामचंद्र अपने उम्र की प्रवाह किए बगैर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए दूसरे गांवों में भी जाते रहें हैं।
![Dr. Ramchandr Dandekar](https://thelogically.in/wp-content/uploads/2020/11/WhatsApp-Image-2020-11-12-at-8.18.34-AM.jpeg)
न्यूज एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार चंद्रपुर(Chandrpur) एक घना बस्ती वाला ऐसा इलाका है जहां आवागमन का कोई भी साधन उपलब्ध नहीं है। वहां जाने के लिए कोई भी बस उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण डॉक्टर रामचंद्र को भी दूर-दूर तक लोगों के इलाज के लिए जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उनके पास यात्रा करने के लिए पैदल या साइकिल ही एकमात्र विकल्प है। कोरोना महामारी के समय में भी डॉ. रामचंद्र लोगों को घर पर ही इलाज की सुविधा मुहैया करवा रहें हैं।
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ऑक्टोजेनियन डॉ. रामचंद्र होम्योपैथ में डिप्लोमा की डिग्री हासिल किए हैं और साथ ही 1 साल तक लेक्चरर के रूप में कार्य किए। उसके बाद उनके एक करीबी पहचान वाले ने उन्हें ग्रामीण इलाके में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। तभी से डॉक्टर रामचंद्र निःस्वार्थ सेवा कर रहे हैं।
![Dr. Ramchandr Dandekar](https://thelogically.in/wp-content/uploads/2020/11/WhatsApp-Image-2020-11-12-at-8.18.33-AM.jpeg)
रामचंद्र लोगों के इलाज के लिए सुबह 6:30 बजे साईकिल से नंगे पैर अपने दवाओं का 2 बैग और टेस्ट किट लेकर निकल जाते हैं और करीब 12:30 से 1:00 बजे के करीब तक लौटते हैं। अन्य किसी चीज की आवश्यकता पड़ने पर बीच में भी अपने गांव के 1-2 चक्कर लगा लेते हैं। कोरोना महामारी में भी अपनी परवाह किए बगैर अभी भी वह गांव में अपनी सेवा जारी रखे हैं और आगे भी अपने इस कार्य में संलग्न रहना चाहते हैं।
![Dr. Ramchandr Dandekar in his hospital](https://thelogically.in/wp-content/uploads/2020/11/WhatsApp-Image-2020-11-12-at-8.20.25-AM-2.jpeg)
जहां आज के समय में एक डॉक्टर ऐश-ओ-आराम की जिंदगी जीते हुए रोगियों का इलाज करते हैं, बड़ी-बड़ी इमारत खड़ी करते हैं। वहीं डॉ. रामचंद्र दांडेकर(Dr. Ramchandr Dandekar) सादगी भरा जीवन जीते हुए अनेकों लोगों को जीवन दान देने का नेक कार्य कर रहे हैं। The Logically डॉक्टर रामचंद्र दांडेकर द्वारा किए गए कार्यों के लिए उन्हें नमन करता है।
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