हम सभी इस बात से परिचित हैं कि आये दिन गाय की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। हिंदू धर्म में गाय को गो-माता कहा जाता है। हर पूजा-अर्चना में गाय के दूध, दही और गोबर का उपयोग किया जाता है ताकि पूजा शुद्ध हो, फिर भी ऐसे बहुत से व्यक्ति हैं, जो गाय को दुःख पहुंचाकर उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं।
कुछ व्यक्ति ऐसे भी हैं, जो गाय को बोझ समझते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि गाय से अधिक लाभ भी कमाया जा सकता है।
गाय से प्रति माह हज़ारों रुपये कमाये जा सकता हैं। “कृषि उपज मंडी समिति नोहर” के सचिव पंडित विष्णु दत्त शर्मा (Pandit Vishnu Datt Sharma) लगभग 20 वर्षों से अपने प्रदेश में गोशालाओं को उद्योग शाला में तब्दील करने में लगे हैं।
उनके द्वारा निर्मित मशीनों द्वारा प्रदेश की 1 दर्जन गोशालाओं में अन्य प्रकार के उत्पाद बनाएं जा रहे हैं। उन उत्पादों में शामिल है, गाय के गोबर से बने होली के बडकुले, धूपबत्ती, भगवान की मूर्ति, एंटी रेडियशन मोली, गोकाष्ठ और ईंट। इस कार्य द्वारा गोशाला स्वालम्बी हो रही है।
उन्होंने यह जानकारी दिया कि मशीनों द्वारा मात्र 15 सेकेंड में गोबर की गणेश मूर्ति और लक्ष्मी की मूर्तियां भी निर्मित हो जा रही हैं। वही अगर बात दीपक की हो तो सिर्फ 60 सेकेंड में 50 दीपक का निर्माण भी हो रहा है। वही बड़कुलो और ईंटों का निर्माण भी किया जा रहा है।
आज सभी को मोबाइल के रेडियशन से बढ़ रहे खतरे से समस्या है इसलिए एंटी रेडियेशन बेज का निर्माण भी होता है, जिससे रेडियेशन से बचा जा सके। गोबर द्वारा निर्मित सामग्रियां शहरों में भी जा रही है।