अगर आप किसी नए कार्य की शुरुआत करते हैं तो आपको विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। एक बात यह भी सच है कि सफलता के लिए उम्र मायने नहीं रखता है। कहा जाता है ना कि अगर आपमें किसी कार्य को करने का लगन है तो इसमें उम्र कोई मायने नहीं रखता। इस बात की जीती-जागती मिसाल हैं 78 वर्षीय दादी मां, जिन्होंने लॉकडाउन में एक नए स्टार्टअप को प्रारंभ किया और वे आज इससे आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।
78 वर्षीय दादी मां ने शुरू किया स्टार्टअप
हालांकि दादी मां के लिए ये कार्य कोई चुनौती नहीं बल्कि मन बहलाने का साधन सिद्ध हुआ है। हमारे यहां औरतों को सिलाई-बुनाई का बेहद शौक है और वे अपने खाली वक्त में अक्सर सिलाई-बुनाई करती हैं। आज 78 वर्षीय दादी मां ने इसी बुनाई को अपना शौक या टाइमपास नहीं बल्कि कारोबार के तौर पर डेवलप किया है और अपनी मेहनत की कमाई से अपना खर्चा चला रही हैं। -78 year old Shila Bajaj started business caughtcrafthanded with the help of her granddaughter Yukti Bajaj
पोती ने की दादी की मदद
वह दादी मां हैं 78 वर्षीय शीला बजाज, जिन्होंने इस उम्र में सफलता की एक अलग इबादत लिखी है। उन्होंने अपने हुनर को लोगों में बिखरने के लिए एक स्टार्टअप प्रारंभ किया और आज वह इससे हजारों रुपए कमा रही हैं। उनके कार्य में उनकी पोती युक्ती बजाज ने सहयोग किया है। शीला वही बुनाई करती हैं जो कि हमारे यहां की महिलाएं करती है, परन्तु इसमें थोड़ा फर्क है कि उन्होंने इसे एक नया लुक दिया है और इसे कस्टमाइज प्रोडक्ट बनाया है। जिससे वह हर माह हजारों की राशि कलेक्ट कर रही हैं। -78 year old Shila Bajaj started business caughtcrafthanded with the help of her granddaughter Yukti Bajaj
बचपन में माता-पिता को खोया, रहती हैं दादी के साथ
वैसे तो युक्ति बजाज की आयु 26 वर्ष हो चुकी है परंतु आज भी वह अपनी दादी से कहानियां सुनकर ही सोती हैं। जानकारी के अनुसार युक्ति ने अपने माता-पिता को बचपन में हीं खो दिया है और उनकी दादी मां ने हीं उन्हें पाल-पोसकर इतना बड़ा किया है। वह एक फॉर्म में लैंग्वेज एक्सपर्ट के तौर पर कार्यरत हैं। लॉकडाउन में उन्होंने वर्क फॉर होम कार्य किया था तब उन्हें यह महसूस हुआ कि उनकी दादी घर पर बैठे-बैठे बोर हो जाती हैं। अपने वक़्त व्यतीत करने के लिए उनकी दादी उन हुनरों का उपयोग करती हैं जिसे उन्होंने बचपन में सीखा था जो कि सिलाई और बुनाई है। -78 year old Shila Bajaj started business caughtcrafthanded with the help of her granddaughter Yukti Bajaj
सोशल साईट्स से दादी के हुनर को दिलाई पहचान
युक्ति अक्सर अपने दादी मां को देखा करती थी और उन्हें इस हुनर को देख कर बहुत अच्छा लगता था। दादी द्वारा की गई सिलाई-बुनाई उन्हें बहुत पसंद आती थी अब उनके दिमाग में यह ख्याल आया कि क्यों ना मैं अपने दादी के हुनर को लोगों के सामने लाऊं और उन्हें एक अलग पहचान दिलाऊं। अपनी दादी के हुनर को पहचान दिलाने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया का उपयोग किया और इंस्टाग्राम पर एक पेज भी बनाया। -78 year old Shila Bajaj started business caughtcrafthanded with the help of her granddaughter Yukti Bajaj
caughtcrafthanded इंस्ट्राग्राम पेज
जानकारी के अनुसार दादी ने अपने वक़्त में कई वर्षों तक एक्सपोर्ट बिजनेस में कार्य किया था परंतु जब वह वैवाहिक बंधन में बंधी तो जिम्मेदारी उन्हें जकड़ लिया और वह चार दीवारों में कैद हो गईं। आज वह अपनी पोती की वजह से अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए तैयार हैं। युक्ति ने वर्ष 2020 में नवंबर महीने में इंस्टाग्राम पर एक पेज बनाया जिसका नाम कोर्टक्राफ्टहैंडेड (caughtcrafthanded) रखा इस पर उन्होंने विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट की तस्वीरें डाली। -78 year old Shila Bajaj started business caughtcrafthanded with the help of her granddaughter Yukti Bajaj
पहले हुईं हताश
शुरुआती दौर में उन्हें इस पेज से कुछ अच्छा रिस्पांस नहीं मिला जिससे वह हताश हूं क्योंकि उनकी ख्वाहिश पैसा कमाने की नहीं बल्कि दादी के हुनर को लोगों के सामने दिखाने की थी। लेकिन वक़्त के साथ सब कुछ बदल गया और उनके प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ने लगी तब उन्होंने अपने बुने हुए प्रोडक्ट को बदलना प्रारंभ कर दिया। -78 year old Shila Bajaj started business caughtcrafthanded with the help of her granddaughter Yukti Bajaj
बनाती हैं बहुत सी प्रोडक्ट
अब दादी कई प्रकार के प्रोडक्ट बनाती हैं जिनमें बच्चों के कपड़ों के सेट, स्वेटर, स्टाइलिश हेयर बैंड, बॉटल और मग कवर, स्कार्फ आदि शामिल है। उनके प्रोडक्ट में 250-1500 रुपए तक की चीजें शामिल हैं। उनकी प्रोडक्ट को खरीदने वाले कस्टमर बच्चे हैं। -78 year old Shila Bajaj started business caughtcrafthanded with the help of her granddaughter Yukti Bajaj