Saturday, December 9, 2023

लताओं में उगाते हैं आलू, इस परिवार की तीन पीढ़ी मिलकर कर रही यह जादुई खेती

देखा जाए तो आजकल ऑर्गेनिक खेती का प्रचलन अधिक बढ़ता जा रहा है। ऑर्गेनिक सब्जियों से हमें सिर्फ शुद्धता नहीं मिलती बल्कि इससे हमें स्वस्थ जीवनशैली भी मिलती है। जो लोग गार्डेनिंग के शौकीन हैं वे अपने गार्डन में ऑर्गेनिक सब्जियों को अवश्य हीं उगाते हैं। आज की हमारी यह कहानी सूरत के एक ऐसे परिवार की है, जहां सभी गार्डेनिंग के शौकीन हैं और उनकी 3 पीढियां साथ मिलकर अपने गार्डन में सब्जियों को उत्पादन कर रही है। उनका परिवार लताओं में आलू उगाने के लिए प्रसिद्ध है।

घर खरीदने के बाद शुरू की गार्डेनिंग

वह परिवार सुभाष सुरती (Subhash Surti) का है। वे अपनी फैमिली के साथ डायमंड सिटी सूरत में रहते हैं और अपने परिवार के साथ घर में गार्डेनिंग कर रहे हैं। लगभग 15 वर्ष पूर्व उन्होंने अपना घर खरीदा और फिर गार्डेनिंग करने पर विशेष फोकस किया। वर्तमान में उनके घर में लगभग 500 के करीब पेड़-पौधे हैं। उन्होंने गार्डेनिंग को विकसित करने के लिए सूरत कृषि विज्ञान केंद्र से टेरेस गार्डन का प्रशिक्षण भी लिया है। -Terrace Gardening by Surti faimily from Surat

Grow potato in latas unique farming

परिवार के खाने योग्य फल और सब्जियां मिलती है गार्डन से

उन्हें प्रशिक्षण में सिखाया गया कि किस तरह पॉटिंग मिक्स तैयार करें और मौसम के अनुकूल हीं पौधे को लगाएं। वर्तमान में वह अपने ट्रेंस गार्डन में 6 प्रकार के फल और मौसमी सब्जियों को उगा रहे हैं। उनके गार्डन में आंवला, स्टार फ्रूट, शहतूत, बेल, केला अमरूद और फालसा आदि फल के पौधे लगे हैं। उन्होंने बताया कि मुझे गार्डनरिंग करने की प्रेरणा मेरे पिताजी से मिली, वह भी गार्डनरिंग का शौक रखते थे। वर्तमान में उनके घर की खाने योग्य फल और सब्जियां उनके गार्डनरिंग से मिल जाती है। -Terrace Gardening by Surti faimily from Surat

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मौसमी सब्जियों को लगाते हैं क्यारियों में

उन्होंने अपने छत के लगभग 1000 स्क्वायर फीट स्थान में पौधों को लगाया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने घर के किनारे 3× 14 फुट की एक तैयारी भी बनाई है। वे क्यारी में मौसमी सब्जियों को उगाते हैं। बड़े पेड़ के तौर पर उन्होंने अमरूद, आंवला, मोरिंगा आदि घर के सामने वाले भाग में लगाया है। बाकी जितने अतिरिक्त फल और सब्जियां हैं उन्होंने अपने टेरेंस गानर्ड में उगाई है और वे उनका देखभाल अच्छी तरह कर रहे हैं। उनका सहयोग उनके परिवार के सभी सदस्य भी करते हैं ताकि गार्डन से अधिक मात्रा में फल और सब्जियां प्राप्त हो सके। -Terrace Gardening by Surti faimily from Surat

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उगाया है औषधीय और सजावटी पौधे भी

उन्होंने अपने गार्डन में सर्दियों के मौसम में उगाई जाने वाली सब्जियों को भी लगाया है। वह पत्तागोभी, फूलगोभी, धनिया, मिर्च, करेला, प्याज, बरबटी, आरवी, भिंडी, तुरई, ब्रोकोली, मेथी, धनिया, बैंगन, लौकी आदि उगा रहे हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने गार्डन में लगभग 15 प्रकार के औषधीय पौधे भी लगाए हैं। सुभाष के पिताजी को भी औषधीय पौधों को लगाना बेहद पसंद था। इसीलिए उन्होंने अपने गार्डन में लेमनग्रास, गिलोय,अजवाइन, कपूरी पान, बड़ी इलायची, अपराजिता, पुदीना, हल्दी अडूसा, ब्राह्मणी आदि औषधीय पौधों को लगाया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने गार्डन में सजावटी पौधे भी लगाए हैं। उनकी पत्नी भी पौधों का देखभाल करती हैं। बात अगर फूलों की करें तो उन्होंने अपने गार्डन में फूलों के तौर पर रातरानी, गेंदा, गुलाब एवं मोगरा आदि पौधे लगाए हैं। -Terrace Gardening by Surti faimily from Surat

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उगाया है एयर पोटैटो भी

सुभाष ट्रेकिंग के बेहद शौकीन है जिस कारण वह पर्वतों पठार पर घूमने जाते हैं और वहां से दुर्लभ पौधों को लाकर अपने गार्डन में लगाते हैं। उन्होंने अपने गार्डन में एयर पोटैटो को लगाया है। जब वह ट्रैकिंग के लिए गिर के जंगल में गए थे उस दौरान उन्होंने लताओं में उगे आलू को देखा तब उन्होंने वहां के लोगों से पूछताछ की और यह जानकारी मिली की यह आलू का हीं एक प्रकार है, जिसमें अधिक मात्रा में स्टार्च पाया जाता है। तब उन्होंने वहां से पौधे लाया और फिर अपने बगीचे में लगाया उन्होंने काफी मेहनत की फिर भी 1 साल के उपरांत इस पौधे में आलू नहीं उगे।

उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार कोशिश करते रहे तब जाकर 2 सालों के बाद आखिरकार लताओं में आलू उग गए। उन्होंने लताओं को नीचे की तैयारी में लगाया था जो 2 सालों में लगभग 25 फीट बड़ी होकर उनके छत पर पहुंच गए। आज उनके पास बहुत से लता मौजूद हैं जिनमें आलू उग रहे हैं। -Terrace Gardening by Surti faimily from Surat

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तीन पीढ़ी मिलकर कर रही है गार्डेनिंग

उनके पिता की आयु लगभग 78 वर्ष हो चुकी है फिर भी वह अपने परिवार के साथ मिलकर गार्डेनिंग कर रहे हैं। सुभाष के बेटे भी अपने दादाजी और पिताजी के साथ मिलकर गार्डेनिंग की देखभाल के तौर पर सुबह-शाम पौधों की सिंचाई करते हैं। आज उनकी तीसरी पीढ़ी गार्डेनिंग कर शुद्ध सब्जियों एवं फलों का उत्पादन कर रही है। सुभाष बताते हैं कि उनके सोसाइटी में लगभग 16 घर हैं और जब हम यहां रहने के लिए आए तो यहां कोई भी व्यक्ति गार्डेनिंग का शौकीन नहीं था और पेड़-पौधों को नहीं उगाया था। परंतु आज हम से सीख लेकर बहुत से लोग अपने छत पर गार्डेनिंग कर रहे हैं। -Terrace Gardening by Surti faimily from Surat