किसान का काम बिल्कुल आसान नहीं होता। वे बिना मौसम की परवाह किए अपने कार्य में जुटे रहते हैं। खेती करना कुछ लोगों का तो सौक होता है, परंतु कुछ व्यक्तियों को मजबूरी में इस दिशा में कार्य करना पड़ता। उनमें से एक पंजाब (Punjab) के अमृतसर के भोरशी राजपूता गांव के रहने वाले गुरबीर सिंह (Gurbir Singh) हैं, जिन्होंने परिवार की जिम्मेदारी संभालने के लिए कृषि के दिशा में अपना कदम रखा। – Farmer Gurbir Singh from Punjab
पिता की मृत्यु के बाद लिए परिवार की जिम्मेदारी
गुरबीर सिंह कृषि में अपना करियर नहीं बनाना चाहते थे। वे कला में स्नातक की पढ़ाई कर रहा थे, परंतु साल 2000 में पिता की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने के बाद घर की पूरी जिम्मेदारी गुरबीर के कंधों पर आ गई। उस समय उनका परिवार कर्ज में डूबा हुआ था। गुरबीर अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे।
अपनी सफलता से बने लोगों के लिए उदाहरण
41 वर्षीय गुरबीर बताते हैं कि उस दुर्घटना ने मेरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। ऐसी परिस्थिति में उनके पास पढ़ाई छोड़ने और खेती में वापस आने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। ना चाहते हुए भी पारंपरिक खेती करने वाले गुरबीर पिछले दो दशकों में तेजी से आगे बढ़े है। वे अपनी प्रगतिशील कृषि तकनीकों के माध्यम से अपनी सफलता को इतना ऊपर लेकर गए कि एक उदाहरण बन गए।
यह भी पढ़ें:- मुंबई के इस कपल ने शुरू की ऑर्गेनिक खेती, हाइड्रोपोनिक्स तकनीक के जरिए उगा रहे हैं सब्जियां: खेती बाड़ी
कृषि विश्वविद्यालय का मिला मदद
वर्तमान में गुरबीर एक बीज विक्रेता है, जिससे वे करोड़ों कमा रहे हैं। गुरबीर बताते हैं कि अपने पिता के नुकसान से उबरते हुए, उन्होंने परिवार की 2.5 एकड़ भूमि पर पारंपरिक सब्जी की खेती के अपने कदमों पर चलना जारी रखा। इस दौरान वे पंजाब कृषि विश्वविद्यालय से मिले, जो अपनी नवीन कृषि विधियों के लिए जाना जाता है। वे कई तरह से किसानों की मदद करते हैं। – Farmer Gurbir Singh from Punjab
डॉ नरिंदरपाल सिंह से मिर्च के बीजों के बारे में सीखे
गुरबीर कृषि विश्वविद्यालय के डॉ नरिंदरपाल सिंह (Dr Narinderpal Singh) से मिले, जो विश्वविद्यालय में कृषि सलाहकार सेवा योजना का नेतृत्व कर रहे थे। उनसे गुरबीर संकर मिर्च के बीजों के बारे में सीखे। डॉ नरिंदरपाल का कहना है कि बीजों की संकर किस्मों की विशेषताओं ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। मिर्च में कीटों, फंगस और अन्य बीमारियों के संक्रमण का खतरा अन्य पौधों की तुलना में कम होता है।
गुरबीर को हाइब्रिड मिर्च बनाने की कला में महारत हासिल है
गुरबीर ने उच्च गुणवत्ता वाली हाइब्रिड मिर्च (Hybrid Chili) बनाने की कला में महारत हासिल की है। गुरबीर बताते हैं कि मैंने साइटोप्लाज्मिक पुरुष बांझपन विधि को अपनाया है। ये एक ऐसी तकनीक है, जहां एक संकर बीज दो आनुवंशिक रूप से अलग लाइनों के बीच एक क्रॉस से प्राप्त होता है। जिसके परिणामस्वरूप बड़े पौधे नई किस्मों का प्रजनन करते हैं।
गुरबीर करते हैं करोड़ों का टर्नओवर
गुरबीर फूलगोभी, गोभी, टमाटर और अन्य सब्जियों को उगाने की अपनी पारंपरिक खेती के तरीकों के साथ किसानों को बीज और पौधे बेचने के लिए गोबिनपुरा नर्सरी की स्थापना किए हैं। गुरबीर बताते हैं कि आज मेरे पास नर्सरी में सभी सब्जियों के लिए 18 एकड़ में पौधरोपण है, जिससे मुझे करोड़ों का टर्नओवर मिलता है। यह लगातार उत्पादन और गुणवत्ता बनाए रखने का वर्ष है, जिसने मेरी आय को कई गुना बढ़ाने में मदद की है। – Farmer Gurbir Singh from Punjab
चुनौतियां हर पेशे का हिस्सा है
कई चुनौतियों का सामना करने के बाद कड़ी मेहनत से गुरबीर का खेत 25 एकड़ तक फैल पाया है। गुरबीर के अनुसार चुनौतियां किसी भी पेशे का हिस्सा होती हैं। सभी व्यवसाय घाटे और मुनाफे के साथ होते हैं, लेकिन सभी को इससे गुजरना पड़ता है। चुनौतियों का सामना दबाव में नहीं किया जा सकता। केवल कड़ी मेहनत, ईमानदारी और खेती के प्रति जुनून ही आपको कठिन समय से बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
खेती भी कमाई का एक अच्छा जरिया बन सकता है
गुरबीर गांवों के युवाओं से कहते हैं कि कई युवा अपनी खेती की परंपरा को छोड़ कर शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, जिससे उन्हे बेहतर नौकरी और आय के अवसर मिल सकें, लेकिन यह कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का समर्थन करती है और हमें खेती में अपना विश्वास नहीं छोड़ना चाहिए। यह भी कमाई का एक अच्छा जरिया बन सकता है। – Farmer Gurbir Singh from Punjab