Wednesday, December 13, 2023

दो MBA ग्रेजुएट की शानदार पहल, लॉकडाउन के दौरान स्टार्टअप शुरू कर लोगों को रोजगार देने का काम शुरू किए

कोरोना संक्रमण के कारण देशव्यापी लॉकडाउन ने सभी का जीवन अस्त व्यस्त कर दिया। कई लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। तो कई बिजनेस चौपट हो गए। महामारी के साथ लोगों ने आर्थिक तंगी को भी झेला है। इन सब के बीच जो खुद को परिस्थिति के अनुरूप ढाल पाए हैं उनकी रेल पटरी पर दौड़ पड़ी। बात करते हैं केरल में रहने वाले दो युवाओं की, जिन्होंने अपने स्टार्टअप से पिछले 8 महीने में 40 गरीब महिलाओं को रोजगार दिया है। साथ ही खुद भी अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं।

मां ने जताई इच्छा जिस पर हाफिज ने अमल किया

केरल के कोच्चि के रहने वाले हाफिज रहमान (Hafiz Rehman) और त्रिवेंद्रम के रहने वाले अक्षय रवीन्द्रन (Akshay Ravindran) दोनों MBA ग्रेजुएट हैं। साथ में पढ़ाई पूरी करने के बाद दोनों की जॉब लग गई। हाफिज एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर HR तो अक्षय एक स्पोर्ट्स ब्रांड की मार्केटिंग का काम देखते थे। लॉकडाउन के दौरान लोगों की नौकरियां जा रही थीं। शहरों से भागकर लोग अपने-अपने गांव आ रहे थे। हाफिज के पड़ोस में रहने वाले कई लोगों की नौकरी चली गई थी। इन हालात को देखकर हाफिज की मां बहुत दुखी थीं। उन्होंने हाफिज से कुछ ऐसा काम शुरू करने की उम्मीद जताई जिससे बेरोजगार हुए लोग जुड़ सकें।

Akshay Ravindran Pickles business

अचार बनाने की कंपनी ने खोल दिए नौकरी के रास्ते

हाफिज ने अपने दोस्त अक्षय से इस आइडिया को लेकर बात की। अक्षय को भी हाफिज का सुझाव अच्छा लगा। इसके बाद दोनों ने एक स्टार्टअप लॉन्च (Srartup launch) करने की योजना बनाई। हाफिज एक ऐसा स्टार्टअप शुरू करना चाहते थे जिसमें गरीब महिलाओं को शामिल किया जा सके। उन्हेंं अर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके। इसलिए उन्होंने तय किया कि वह होममेड पिकल (अचार) बनाने का सोशल वेंचर शुरू करेंगे। इसके बाद हाफिज और अक्षय ने नौकरी छोड़ दी और जुलाई 2020 में Athey Nallatha नाम से अपनी कंपनी रजिस्टर की और काम करना शुरू कर दिया।

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पूरी सूझबूझ के बाद शुरू हुआ बिजनेस

स्टार्टअप शुरू करने का आइडिया तो मिल गया लेकिन अब जरूरत थी एक बिजनेस मॉडल की। इसे लेकर दोनों दोस्तों ने मार्केट स्टडी किया। मार्केट में जो अचार के प्रोडक्ट्स थे, उनके बारे में जानकारी जुटाई। उनकी क्वालिटी, क्वांटिटी और प्राइस का एनालिसिस किया। फिर खुद के प्रोडक्ट (Pickles) पर काम करना शुरू किया। उन्होंने तय किया कि वह मार्केट प्राइस के रेंज में बेहतर क्वालिटी और नए टेस्ट में अचार तैयार करेंगे।

महिलाओं की विशेष रूप से मिला रोजगार

अभी उनकी कंपनी पांच तरह के अचार बना रही है। इसमें कई फलों और सब्जियों को मिलाकर नई वैरायटी बनाई गई है। हाफिज ने मीडिया को बताया कि उन्होंने अपने स्टार्टअप की शुरुआत दो स्थानीय महिलाओं से की। अचार की क्वालिटी टेस्टिंग और प्रोसेसिंग के बाद वह पैक करके मार्केट में सप्लाई करते थे। बाद में उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी फोकस किया। सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू किया, खुद की वेबसाइट डेवलप की। फिर कुछ ही दिनों में लोगों की डिमांड आने लगी। इसके बाद हमें दायरा बढ़ाना पड़ा। तीन-चार और महिलाओं को इस काम से जोड़ा। फिर एक-एक करके ये महिलाएं ही दूसरी महिलाओं को जोड़ती गईं। आज इस वेंचर में 40 महिलाएं मिलकर काम कर रही हैं।

Akshay Ravindran Pickles business

अचार की इतनी वराइटी की मुंह में पानी अा जाए

अभी उनकी कंपनी पांच तरह के अचार बना रही है। इसमें कई फलों और सब्जियों को मिलाकर नई वैरायटी बनाई गई है। जैसे इन्होंने झींगा और पपीता को मिलाकर एक अचार तैयार किया है। दूसरा अचार अंगूर और आम को मिलाकर बनाया है, तो एक नींबू और खजूर को मिलाकर बनाया है। जबकि एक अचार मछली और आम के अचार से बना है, जिसका नाम उन्होंने जलपुष्प 2.O रखा है। ये सभी प्रोडक्ट स्थानीय महिलाएं ही तैयार करती हैं।

ऐसे काम करती है हाफिज की पूरी टीम

हाफिज और अक्षय ने अपनी टीम को अलग-अलग यूनिट में बांट रखा है। एक टीम का काम होता है रॉ मटेरियल जुटाना, जो स्थानीय किसानों से उनके प्रोडक्ट खरीदती है। दूसरी टीम उन प्रोडक्ट्स को टीम में काम करने वाली महिलाओं तक पहुंचाती हैं। ये महिलाएं अपनी सुविधा के हिसाब से सभी सब्जियों को छीलने, काटने, फ्राई करने के बाद अचार बनाने का काम करती हैं। इसके बाद एक टीम कलेक्शन के लिए होती है, जो इन महिलाओं के घरों से अचार कलेक्ट कर मेन यूनिट में लाती हैं। यहां अचार की क्वालिटी टेस्टिंग और पैकिंग का काम होता है। इसके बाद वो प्रोडक्ट मार्केट में डिलीवरी के लिए भेजा जाता है। अभी देशभर में वे अपने प्रोडक्ट की सप्लाई कर रहे हैं। कुछ प्रोडक्ट उन्होंने सऊदी अरब भी भेजे हैं।