अधिकतर व्यक्ति सुकून की ज़िंदगी के लिए बड़े बड़े शहरों को छोड़ गांव की तरफ अग्रसर हो रहें हैं। शहर से गांव की तरफ आने वाले व्यक्तियों में से एक हैं हरिओम नौटियाल, जो मात्र 9 रुपये की आमदनी से अपने डेयरी का शुभारंभ कियें और आज उनकी लाखों रुपये की आमदनी हो रही है।
हरिओम नौटियाल का परिचय
हरिओम नौटियाल (Hariom Nautiyal) उत्तराखंड (Uttarakhand) के देहरादून (Dehradun) के छोटे से गांव से ताल्लुक रखतें हैं। हरिओम शुरू से ही अपने गांव के लिए बेहतर करना चाहते थे लेकिन इनके पेरेंट्स चाहतें थे कि इनका पुत्र इंजीनियर बने। अपने माता-पिता की ख्वाहिश पूरी करने के लिए इन्होंने इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की और सॉफ्टवेयर इंजीनियर का कार्य करने लगे। इससे इन्हें अच्छी खासी सैलरी भी मिलने लगी। इनके घर के सभी व्यक्ति हरिओम के इस सफलता से बेहद खुश थे लेकिन ये असंतुष्ट थे क्योंकि इन्हें अपने गांव के लिए कुछ अलग करना था।
नौकरी छोड़ लौटे गांव
गांव की मिट्टी ने आवाज़ दी और हरिओम अपनी जॉब छोड़कर घर आ गयें। इन्होंने गांव आकर 5 गायों से अपना कारोबार शुरू किया। गांव में इन्होंने अपना डेयरी फार्म खोला। हालांकि इनके रिश्तेदारों ने इन्हें यह सजेशन दिया कि तुम शहर में रहकर जॉब करो, गांव जाने की कोई जरूरत नहीं। हरिओम बहुत अच्छे से जानते थे कि जब तक किसी कार्य मे संघर्ष का सामना ना किया जाये, वह सफल नहीं होगा।
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शुरुआत में होती थी मात्र 9 रुपये की कमाई
हरिओम जी ने जब अपना व्यपार शुरू किया तब इससे मात्र 9 रुपये की कमाई होती थी। इस तरह लगभग 250 रुपये हर माह कमाते। इतनी कम कमाई होने के बावजूद भी इन्होंने हिम्मत नहीं खोया और अपना कार्य जारी रखा। आगे इन्होंने मुर्गी पालन का कार्य भी प्रारंभ किया। कहतें हैं, समय बदलते देर नहीं लगती, बस परिश्रम करते रहना चाहिए। इनके साथ भी ऐसा ही हुआ, इनका कार्य सफल हुआ और आज इस व्यवसाय से लाखों रुपये कमा रहें हैं। एक समय में 9 रुपये कमाने वाला व्यक्ति आज 2 लाख रुपये की राशि कमाता है।
बाज़ारो से उचित मूल्य पर मिलता है हर चीज़
जब इन्होंने अपना कार्य शुरू किया तो लोगों ने इन्हें बहुत कुछ कहा। हरिओम जाति से ब्राह्मण हैं, इसलिए अंडा या मीट बेंचने का काम लोंगो को गलत लगता था। हरिओम ने लोगों की बातों को अनसुना किया और अपना व्यवसाय शुरू किया। हरिओम दूध की होम डिलीवरी करते हैं। साथ ही चिकन और अंडे का कार्य भी होम डिलीवरी के द्वारा ही होता है। अगर मार्केट में चिकन का मूल्य 200 रुपये तक है तो यहां मात्र 130 में ही लोगों को मिलता है।
मशरूम उत्पादन भी करतें हैं
आज हरिओम के पास 12 गाय और भैंस है। इतना कुछ करने के बावजूद ये मशरूम उत्पादन का कार्य भी करतें हैं। कम्पोस्टिंग मशरुम की खेती के साथ बकरी, गाय, मुर्गी पालन का व्यवसाय अधिक फैला चुके हैं। अब इनका उद्देश्य मिनी स्टोर खोलना है ताकि यहां अधिकतर व्यक्ति कार्य करें।