दुनियाभर में सहजन की लगभग 13 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से मोरिंगा ओलिफेरा सबसे ज़्यादा लगाई जाती है और यह हमारी देसी प्रजाति है। इसमें कई तरह के विटामिन जैसे विटामिन A, बीटासीरोटीन, विटामिन B, विटामिन B1, B2, B3, C, E और विटामिन K भी पाई जाती है। इसके अलावा, यह कई तरह के मिनरल्स का भी अच्छा स्त्रोत है। मालूम हो कि आप सहजन को आंगन या छत पर गमले में भी उगा सकते हैं। Health benefits of drumstick
गमले में ऐसे लगाएं सहजन
गमले में पॉटिंग मिक्स डालें, जिसमें आप मिट्टी, रेत और जैविक खाद मिला सकते हैं।
इसमें आप बीज लगा दें और छिड़काव करके पानी दें।
ध्यान रहे कि इसे आपको ऐसी जगह रखना है, जहाँ इसे धूप मिले।
7-8 दिन में पौधा अंकुरित हो जाएगा।
लगभग एक महीने तक आपको पौधे को सिर्फ पानी देना है।
एक महीने बाद आप इसमें गोबर की खाद मिलाएं और फिर चार महीने बाद आप इसे खाद दें।
हर साल जुलाई के महीने में अगर आप अपने पेड़ को खाद देंगे तो फलियाँ अच्छी लगेंगी।
अगर आपने छत पर सहजन लगाया है तो आप इसकी लम्बाई 4 फीट तक होने बाद इसमें कटिंग करते रहें। How to grow drumstick
सहजन निकलने में इतना समय लगेगा
इसके पत्ते, फूल और फलियाँ सब बहुत ही पौष्टिक होती हैं और सबसे अच्छी बात है कि एक बार लगने के बाद सहजन के पेड़ को बहुत ज्यादा रख-रखाव की भी ज़रूरत नहीं होती है। सहजन की फलियाँ कितने दिनों में मिलने लगेंगी यह बीज की किस्म पर भी निर्भर करता है। आमतौर पर 6 से 8 महीने में फलियाँ मिलने लगती हैं। कीट लगने पर आप इसमें नीम या धतूरे का अर्क बनाकर डाल सकते हैं, यह कीट प्रतिरोधक का काम करता है।