Monday, December 11, 2023

इन आसान तरीकों को अपनाकर घर के गार्डन में उगाएं कद्दू: Home Gardening

बहुत से लोग सब्जियों में कद्दू को बेहद पसंद करते हैं और उनका फेवरेट डिश कद्दू के सब्जी के साथ चावल होता है। अगर हम मार्केट से खरीदकर कद्दु लाए और फिर उसे बनाकर उसका सेवन करें तो इसमें खर्च भी आयेगा और यह स्वास्थ्यवर्धक भी नहीं होगा। ये स्वास्थ्यवर्धक इसलिए नहीं होगा कि इसके उत्पादन में लोग जिन रसायनों का उपयोग करते हैं वह केमिकल युक्त होता है।

इसलिए अगर आप कद्दू को खाना बेहद पसंद करते हैं तो स्वयं ही अपने बालकनी या छत पर इसे उगाएं। इसे उगाने और देखभाल करने की पूरी प्रकिया हम आपको इस लेख में देने जा रहे हैं इसलिए आप हमारे लेख पर बने रहें।

कद्दू की अन्य प्रकार की किस्में

कद्दू लंबे एवं गोलाकार से संबंधित एक सब्जी है और इसकी खेती मीठे फलों के गूदे के लिए की जाती है। इसका सेवन लोग उपवास के दौरान भी करते हैं। इसके अतिरिक्त इसका उपयोग हम कई व्यंजनों में करते हैं। अधिकतर लोग इसके पत्तियों को पालक के साग में मिलाकर भी बनाते हैं। इनमें विटामिन, फैटी एसिड और कैरोटीनॉयड होते हैं। इसकी कई किसमें पाई जाती है। कद्दू की अधिकांश किस्में खाने योग्य होती हैं और कुछ ऐसी किस्में होती हैं जिन्हें सजावटी उद्देश्यों के लिए उगाया जाता है जैसे कि चुलबुली कद्दू की किस्म। -Sowing pumpkin in your home garden by this method

How to grow pumpkin in your garden

इस तरह लगाएं कद्दू

अप्रैल महीने के शुरुआत में कद्दू लगाना सही होता है। कद्दू के बीजों को अंकुरित होने के लिए उच्च तापमान और उपयुक्त सापेक्षिक आर्द्रता की आवश्यकता होती है। विशेष रूप से वे लगभग 10-12 दिनों में अंकुरित होते हैं जब विकास का तापमान लगभग 25 डिग्री सेल्सियस होता है। यदि हम मई-जून में बाद में उच्च तापमान पर कद्दू उगाना चाहते हैं तो आप कद्दू के बीज को सीधे मिट्टी में 2 इंच की गहराई पर लगा सकते हैं। एक कद्दू के बीच की दूरी 4 सेमी होनी चाहिए क्योंकि कद्दू के पौधे अधिक क्षेत्र में फैलते हैं और आस-पास के जगह को घेरते हैं। कद्दू के लिए आदर्श रोपण दूरी रोपण स्थलों के बीच 100-120 सेमी और रोपण लाइनों के बीच 140-200 सेमी होनी चाहिए। -Sowing pumpkin in your home garden by this method

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कद्दू की सिंचाई, उर्वरक और अन्य देखभाल कैसे करें?

कद्दू के खेती में पानी की बहुत आवश्यकता होती है। अगर आप वसंत ऋतु के दौरान पौधों को लगाते हैं तो इसके लिए हर दो दिन में इसकी सिंचाई करनी होगी। वहीं अगर आप गर्मियों के दौरान पौधों को लगाते हैं तो इसे हर दिन सिंचाई की आवश्यकता होती है। फूलों के दौरान आप पानी देने की आवृत्ति कम कर दें ताकि आपको पर्याप्त फल मिल सकें। कद्दू की खेती के लिए आदर्श सिंचाई प्रणाली ड्रिप सिस्टम है। -Sowing pumpkin in your home garden by this method

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करें जैविक उर्वरक का उपयोग

पानी डालते समय आपको कद्दू के पत्ते को गीला करने से बचना चाहिए क्योंकि यह फफूंदी की उपस्थिति में योगदान देता है। जब निषेचन की बात आती है तो हमें पौधे रोपण करते समय उसमें जैविक उर्वरक को शामिल करना चाहिए। यदि कद्दू के पौधे की अंकुर वृद्धि बहुत अधिक होती है और फल नहीं लगते हैं, तो हम फल को बढ़ने और उत्पादन में मदद करने के लिए कुछ टहनियों को हटा सकते हैं। -Sowing pumpkin in your home garden by this method

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कद्दू को कौन से रोग और कीट करते हैं प्रभावित?

कद्दू की किस्में लगभग उन्हीं बीमारियों और कीड़ों से प्रभावित होती हैं जो तोरी को प्रभावित करती हैं, हालांकि वे बहुत अधिक प्रतिरोधी हैं। विशेष रूप से कद्दू पर मुलेट और गुलदाउदी के कीड़ों द्वारा हमला किया जाता है जो कद्दू के पत्ते पर छत्ते बनाते हैं। वहीं गिलहरी कद्दू के पत्तियों को सुखाती है और फफूंदी पत्तियों पर विशिष्ट सफेद धब्बे पैदा करती है। इसलिए हमें इन सबका विशेष ध्यान भी रखना चाहिए। -Sowing pumpkin in your home garden by this method

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करें साबुन के पानी का छिड़काव

जब तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे होता है तो आप पत्ते के चारों ओर एवं जड़ को धोएं ताकि कीड़े नष्ट हो जाए। इसके अतिरिक्त हर 2 सप्ताह में एक पर्यावरण के अनुकूल समाधान के साथ एक चम्मच हरा साबुन और एक लीटर पानी मिलाकर कद्दू के पौधों का छिड़काव करते हैं तो इसमें कीट नहीं लगेगे। -Sowing pumpkin in your home garden by this method

ऐसे पहचानें फल तैयार हुआ या नहीं

कद्दू को रोपण के 4-5 महीने बाद शरद ऋतु में काटा जाता है। यह देखने के लिए कि आपका कद्दू पका है या नहीं, पहले जांच कीजिए कि उसका रंग सही है या नहीं। फिर आप अपनी उंगलियों से कद्दू पर थोकड़े दें आवाज खोखली आती है, तो आपका कद्दू पक चुका है। हालांकि पक्के हुए कद्दू के बीज को निकालकर लोग अगली बुआई के लिए रख देते हैं ताकि इसके बीज मार्केट से ना खरीदनी पड़े। वहीं सेवन के लिए लोग नाजुक कद्दू का चयन करते हैं जो जल्दी पकता है और स्वादिष्ट भी होता है। -Sowing pumpkin in your home garden by this method

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उगा सकते हैं अन्य फसल भी

आप कद्दू के साथ अन्य फसलें जैसे आलू, प्याज, बंदगोभी, जड़ वाली फसलें और फलियां उगा सकते हैं। वही तोरी या स्क्वैश के बाद कद्दू नहीं लगाया जाना चाहिए ताकि आम बीमारियों और कीटों से नुकसान से बचा जा सके। कभी-कभी कद्दू को आलू के साथ एक कॉम्पेक्टर के रूप में उगाया जाता है। इसे आलू के रोपण के किनारों पर रखकर या पूरे भूखंड के चारों ओर लगाया जाता है। -Sowing pumpkin in your home garden by this method

अगर आप भी प्रतदिन अपने नाश्ते, डिनर एवं लंच ने कद्दू को शामिल करना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए तरीके को अपनाकर स्वयं कद्दू उगाएं और ताजे कद्दू का सेवन करें। -Sowing pumpkin in your home garden by this method