Wednesday, December 13, 2023

यदि आपके यहां भी है सिंचाई की समस्या तो लें इस स्कीम का लाभ, कम पानी में ज्यादा उत्पादन देने में कारगर

किसान की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक सिंचाई की समस्या है। किसान को अपने खेतों में सिंचाई करने की व्यवस्था ना होने के कारण फसल अच्छी उपज नहीं होती है। जिस वजह से किसान को ज्यादा लाभ नहीं होता है। परंतु सरकार ने किसानो के लिए एक ऐसी योजना बनाई है जिससे किसान आर्थिक लाभ उठा सकते हैं। वह कम पानी में अपनी खेतों की सिंचाई कर सकते हैं और इस सिंचाई के माध्यम से किसान को अच्छी उपज मिल सकती है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना साल 2015 में इसी योजना की शुरुआत हुई थी। हमारे देश में लगभग 14 करोड़ हेक्टेयर जमीन पर खेती की जाती है। पहले सरकार के तरफ से खेतों की सिंचाई करने के लिए ऐसी कोई योजना नहीं आई थी तो किसान अपने खेतों को अपने तरीके से सिंचाई करके खेतों में फसल उपजाते थे। परंतु जब से प्रधानमंत्री की कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत हुई तब से 6.5 करोड़ है हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई। इसे यह पता चलता है कि कि हमारे देश में आधे से ज्यादा खेती बारिश के पानी पर निर्भर करती है। सरकार ने इस प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को 2021 में 5 साल के लिए और बढ़ा दिया। सरकार ने इसी योजना को 5 साल के लिए बढ़ाने के दौरान किसानो को बताया कि इस योजना से लगभग 22 लाख किसानों को फायदा होगा। जिसमें 2.5 लाख किसान अनुसूचित जाति के हैं और 2 लाख किसान अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं। इस योजना में सरकार को कुल लागत लगभग 93,068 करोड़ रुपए की आई है।

Pradhanmantri Krishi Sichayi Yojna

जहां खेती वर्षा के पानी पर निर्भर रहती है, वहां के किसानों को लाभ ज्यादा नहीं हो पाता है। सरकार यह प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बनने का उद्देश्य है कि हर खेतों तक पानी पहुंचाया जा सके। इसे अंब्रेला स्कीम भी कहा जाता है। और इसमें मुख्य रुप से दो घटक को शामिल किया गया है।

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किसान को इस योजना से उनके खेतों की सिंचाई जल्द हो जाएगी। AIPP और हर खेत के पानी के भी चार घटक होते हैं। इसमें कमांड एरिया डेवलपमेंट, सरफेस माइनस सिंचाई, नवीनीकरण, जल निकाय की मरम्मत और बहाली तथा चौथा घटक भोजन विकास है। इस प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में दूसरे मंत्रालय के दो घटकों को भी शामिल किया गया है। जिसमें पहला घटक को प्रति बूंद अधिक उपज कहा गया है। और वही दूसरे घटक को वॉटर सेड विकास दिया गया है।

इस प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सरकार ने इस मकसद से बनाया है कि इस योजना की मदद से सभी खेतों तक पानी पहुंचाया जा सके। और खेतों में सिंचाई के जरिए योग्य भूमि का विस्तार हो सके। इसे साथ-साथ सरकार ने जल संरक्षण कि बारे में भी इसी योजना में शामिल रखा है।

Pradhanmantri Krishi Sichayi Yojna

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में टपक और फव्वारा दो तरह की विधियां शामिल है। सरकार किया योजना किसानों के लिए काफी लाभदायक है। साल 2020-21 में इसी योजना से 9 लाख 38 हजार हेक्टेयर फसलों को सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाया गया था। इस प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से सरकार का मकसद यह है कि जिस किसान को अपने खेतों की सिंचाई करने का कोई साधन नहीं है और जिन खेतों में पानी नहीं पहुंच पाता है, वहां सरकार की इस योजना से सभी खेतों तक पानी पहुंचाया जा रहा है।