अगर हमारा इरादा पक्का हो तो हमें हमारे मंजिल को पाने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसे तो बहुत से लोगों को आप जानते होंगे जो पैसे और सपने में पैसे को तवज्जों देते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अच्छे पैकेज वाली नौकरी छोड़ अपने सपने को पंख देते हैं।
अगर सपना यूपीएससी का हो तो उसे पूरा होने में काफी लंबा समय लगता है तथा इसमें निश्चित भी नहीं होता कि आपको सफलता प्राप्त होगी या नहीं। आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिन्होंने अच्छी नौकरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी शुरू की।
हिमांशु जैन (Himanshu Jain)
हिमांशु हरियाणा (Haryana) के जींद जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता पवन जैन (Pawan Jain) जींद में ही दुकान चलाते हैं। हिमांशु की शुरुआती पढ़ाई डीएवी स्कूल से पूरी हुई। उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह हैदराबाद (Hyderabad) चले गए। वहां ट्रिपल आईटी (IIIT) में कंप्यूटर साइंस में हिमांशु को एडमिशन मिल गया। कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने के बाद हिमांशु ई रीटेलिंग कंपनी अमेजन (Amazon) में इंटर्नशिप करने लगे।
बचपन से था कलेक्टर बनने का सपना
तीन महीने की इंटर्नशिप खत्म करने के बाद अमेजन ने हिमांशु को 22 लाख का पैकेज ऑफर किया परंतु हिमांशु का सपना तो आईएएस बनने का था। उनके परिवार वाले बताते हैं कि एक दिन हिमांशु के स्कूल में कलेक्टर निरीक्षण करने आए। कलेक्टर के रुतबे और पावर को देख हिमांशु बहुत प्रभावित हुए और अपनी टीचर से पूछे कलेक्टर कैसे बनते हैं और उसी दिन से उन्होंने कलेक्टर बनने का सपना देख लिया।
22 लाख का पैकेज छोड़ सपने को पूरा किया
जब अमेजन हिमांशु को 22 लाख का पैकेज ऑफर किया तो उनके पास दो विकल्प था, एक इतने बड़े पैकेज की नौकरी और दूसरा उनके बचपन का सपना। ऐसे हालत में ज्यादातर लोग नौकरी के विकल्प को चुनते क्योंकि यूपीएससी की परीक्षा में सफलता निश्चित नहीं होती। हिमांशु ने ऐसा नहीं किया उन्होंने अपने सपने को प्राथमिकता दी और यूपीएससी की तैयारी में लग गए।
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हिमांशु के चाचा चाची ने दिया उनका पूरा साथ
हिमांशु को अपनी काबिलियत पर पूरा भरोसा था। वह जानते थे कि IAS बनकर पैसे कमाने की तुलना में वह नौकरी करते हुए ज्यादा पैसे कमा सकते थे, फिर भी उन्होंने IAS को चुना क्योंकि उनके लिए पैसा से ज्यादा जरूरी उनका सपना था। हिमांशु के चाचा और चाची दोनों डॉक्टर हैं। उनके चाचा डॉ. अनिल जैन (Anil Jain) तथा चाची का नाम मीनाक्षी जैन (Meenakshi Jain) है।
हिमांशु यूपीएससी की परीक्षा में 44वीं रैंक के साथ हुए सफल
हिमांशु बताते हैं कि यूपीएससी की तैयारी करते समय उनके चाचा और चाची उनकी पूरी मदद करते थे। उनकी चाची उन्हें अस्पताल में बैठाकर घंटों पढ़ाया करती थी तथा उनके चाचा ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया और आईएएस बनने के लिए उन्हें प्रेरित किया। इसी का असर है कि हिमांशु यूपीएससी की परीक्षा में 44वीं रैंक के साथ सफल हुए और आईएएस बन अपने बचपन के सपने को पूरा किए।
The Logically हिमांशु जैन के हौसले की तारीफ करता है और उन्हें उनकी सफलता के लिए बधाई देता है।